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फैक्ट्रियों से निकलने वाला धुआं दे रहा बीमारी, लोगों की सेहत पर पड़ रहा बुरा असर - uttarakhand news

दुषित पर्यावरण की वजह से लोगों को सांस लेने जैसी बीमारी का सामना करना पड़ रहा है. तमाम शिकायतों के बाद भी इस ओर कोई अधिकारी ध्यान नहीं दे रहा है. जिससे ग्रामीणों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

उद्योगों से निकलने वाले धुएं ले रहे बिमारियों का घर
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Published : Nov 5, 2019, 4:03 PM IST

Updated : Nov 5, 2019, 11:52 PM IST

रुड़की: भगवानपुर के दर्जनों गांवों में उद्योगों से निकलने वाले धुएं और जहरीले पानी का लोगों की सेहत पर बुरा असर पड़ रहा है. उद्योगों से निकलने वाला धुआं ग्रामीणों की सेहत को नुकसान पहुंचा रहा है. वहीं, जहरीला पानी ग्रामीणों के खेतों की मिट्टी को दुषित कर रहा है, साथ ही लोग स्वास्थ्य संबंधित कई गंभीर बीमारियों की चपेट में हैं.

प्रदूषण से लोग परेशान.

दुषित पर्यावरण की वजह से लोगों को सांस लेने जैसी बीमारी का सामना करना पड़ रहा है. ग्रामीणों का कहना है कि कई बार शिकायत किए जाने के बाद भी प्रशासन की तरफ से उनकी समस्या पर ध्यान नहीं दिया गया.

भगवानपुर के रायपुर, सिकंदरपुर, मक्खनपुर, शाहपुर, सिसौना, खूब्बनपुर, चोली, छापुर समेत दर्जनों गांव के लोग आस-पास लगी फैक्ट्रियों के कारण बुरे हालातों में जीवन जी रहे हैं. ग्रामीणों की तरफ से उनकी समस्या का समाधान न किए जाने पर उनका कहना है कि अब लगता है कि फैक्ट्रियों से निकलने वाली गंदगी की हमें आदत डाल लेनी चाहिए. हमारी तरफ से कई बार शिकायत किए जाने के बाद भी इस समस्या का कोई भी समाधान होता नजर नहीं आ रहा है.

पढ़ेःसिंगल यूज प्लास्टिक के खिलाफ अभियान को कांग्रेस ने बताया ड्रामा, दाल पोषित योजना पर उठाए सवाल

इस मामले से स्थानीय विधायक ममता राकेश और झबरेड़ा से भाजपा विधायक देशराज कर्णवाल ने खुद को अलग कर लिया है. इस बारे में भगवानपुर एसडीएम संतोष कुमार पांडेय का कहना है कि यहां प्रदूषण से लोग परेशान है. जिसको लेकर जल्द ही कोई ठोस कदम उठाया जाएगा. लेकिन, ये आश्वासन ग्रामीणों के लिए कितना मददगार साबित होता है यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा.

रुड़की: भगवानपुर के दर्जनों गांवों में उद्योगों से निकलने वाले धुएं और जहरीले पानी का लोगों की सेहत पर बुरा असर पड़ रहा है. उद्योगों से निकलने वाला धुआं ग्रामीणों की सेहत को नुकसान पहुंचा रहा है. वहीं, जहरीला पानी ग्रामीणों के खेतों की मिट्टी को दुषित कर रहा है, साथ ही लोग स्वास्थ्य संबंधित कई गंभीर बीमारियों की चपेट में हैं.

प्रदूषण से लोग परेशान.

दुषित पर्यावरण की वजह से लोगों को सांस लेने जैसी बीमारी का सामना करना पड़ रहा है. ग्रामीणों का कहना है कि कई बार शिकायत किए जाने के बाद भी प्रशासन की तरफ से उनकी समस्या पर ध्यान नहीं दिया गया.

भगवानपुर के रायपुर, सिकंदरपुर, मक्खनपुर, शाहपुर, सिसौना, खूब्बनपुर, चोली, छापुर समेत दर्जनों गांव के लोग आस-पास लगी फैक्ट्रियों के कारण बुरे हालातों में जीवन जी रहे हैं. ग्रामीणों की तरफ से उनकी समस्या का समाधान न किए जाने पर उनका कहना है कि अब लगता है कि फैक्ट्रियों से निकलने वाली गंदगी की हमें आदत डाल लेनी चाहिए. हमारी तरफ से कई बार शिकायत किए जाने के बाद भी इस समस्या का कोई भी समाधान होता नजर नहीं आ रहा है.

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इस मामले से स्थानीय विधायक ममता राकेश और झबरेड़ा से भाजपा विधायक देशराज कर्णवाल ने खुद को अलग कर लिया है. इस बारे में भगवानपुर एसडीएम संतोष कुमार पांडेय का कहना है कि यहां प्रदूषण से लोग परेशान है. जिसको लेकर जल्द ही कोई ठोस कदम उठाया जाएगा. लेकिन, ये आश्वासन ग्रामीणों के लिए कितना मददगार साबित होता है यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा.

Intro:रुड़की

रुड़की: देश और दुनिया भर में पर्यावरण को बचाने के लिए हर सम्भव प्रयास किये जा रहे है कम्पनीज़ ऑटो सेक्टर और तमाम तरह के प्रदूषण से बचने के लिए मानक तय किये गए है लेकिन हम अगर ज़मीनी हकीकत का जायज़ा ले तो शायद वो सच्चाई निकल कर सामने आएगी जो हम सबको चौंका देगी। आज हम बात कर रहे है उद्योगों से निकलने वाले धुंए और ज़हरीले पानी की जिसका सीधा असर स्थानीय और आस पास के लाखों लोगों के जीवन पर पड रहा है और ज़िम्मेदार अधिकारी आंखे मूंदे सब कुछ बड़े आराम से देख रहे है।

बता दें कि तस्वीरों में जो प्रदूषण भरा पर्यावरण दिखाई पड़ रहा है ये कोई दिल्ली की तस्वीर नही है बल्कि ये नज़ारा है शुद्ध पर्यावरण और देवभूमि कहे जाने वाले रूड़की क्षेत्र के भगवानपुर स्थित रायपुर औद्योगिक क्षेत्र की जहां पर कम्पनियों से 24 घण्टे ज़हरीला धुआं औऱ ज़हरीला पानी यहां के पर्यावरण में ज़हर घोल रहा है और नतीजा ये है कि आस पास के गाँव में इसका प्रकोप भी दिखाई पड़ने लगा है।

Body:बता दें कि भगवानपुर के रायपुर ,सिकंदरपुर ,मक्खनपुर ,शाहपुर ,सिसौना ,ख़ूबबनपुर ,चोली ,छापुर और भी ऐसे दर्जनों गांव है जहां पर दूषित पर्यावरण की वजह से खराब पानी और भयानक बीमारियों ने जन्म लेना शुरू कर दिया है। आज लोग शिकायत करते है तो इनकी शिकायत को ज़िम्मेदार विभागीय अधिकारी से लेकर प्रशासनिक अधिकारी और विपक्ष से लेकर सत्ताधारी नेताओ तक कोई भी सुनने को तैयार नही है। स्तिथि इतनी भयानक हो जाएगी कि उसका अंदाज़ा शायद लगाना मुश्किल हो जाएगा लाखो लोगो की ज़िंदगी से खिलवाड़ करने वाले इन माफिया लोगो पर प्रशासन अगर शिकंजा नही कसता है तो आमजन अब आर पार की लड़ाई का मन बना चुका है। लोगो के दिलो ने अपने बच्चों और परिवार के स्वास्थ्य को लेकर चिंता गहराने लगी है।

बाइट - स्थानीय निवासी ,1, 2

Conclusion:वहीं इस बारे में जब जन प्रतिनिधियों से बात की तो सियासी जवाब ही सुनने को मिला कांग्रेस की स्थानिय विधायक ममता राकेश और भाजपा के झबरेड़ा विधायक देशराज कर्णवाल ने बड़े अच्छे ढंग से जवाब देकर खुद को ज़िम्मेदारी से अलग कर लिया।

बाइट - ममता राकेश कांग्रेस विधायक
बाइट - देशराज कर्णवाल भाजपा विधायक झबरेड़ा

वही भगवानपुर एस डी एम संतोष कुमार पांडेय को भी इस बात की जानकारी है कि क्षेत्र मे प्रदूषण से जीवन अस्त व्यस्त है और उन्होंने भी रटा रटाया राग अलापते हुए कहा कि वो इस बारे में ज़रूरी कार्यवाही करेंगे।

बाइट - संतोष कुमार पांडेय एस डी एम भगवानपुर

गोर हो कि जो विभाग प्रदूषण के लिए सरकार ने बनाया है उसके क्षेत्रीय अधिकारी से जब बात करनी चाही तो पहले तो उन्होने कैमरे के सामने बोलने से मना कर दिया और मीडिया कर्मियों से आई कार्ड दिखाने की बात करने लगे कैमरा जब खुला तो साहब ने गोल मोल करके जवाब दिए और कहा कि वो समय समय पर कार्यवाही करते रहते है लेकिन जब उनसे पूछा कि क्या कार्यवाही और किस कंपनी पर की तो वो संस्तुति की बात करके कहने लगे कि कार्यवाही अधिकारी करते है जो उच्च है।

बाइट - राजेन्द्र सिंह क्षेत्रीय अधिकारी प्रदूषण विभाग

वहीं सोचने वाली बात ये है कि जो मानक प्रदूषण को लेकर कम्पनीज़ को पूरे करने होते है उन्हें पूरा किये बिना अनुमति क्या सिर्फ कागज़ों में फॉर्मेलिटी पूरी करके दी जाती है या फिर प्रदूषण के मानकों को नज़र अंदाज़ करके धड़ल्ले से विभागीय और प्रशासनिक अधिकारियों के संरक्षण में आमजन की ज़िन्दगी से खिलवाड़ किया जाता है। खैर कारण कोई भी हो लेकिन इसका सीधा असर आमजन की ज़िंदगी पर पड़ता है। अब देखने वाली दिलचसप बात ये है कि क्या सोया हुअ सिस्टम जागेगा और आमजन की ज़िंदगी के बारे में कुछ बेहतर कदम उठाएगा या फिर ऐसे ही कुम्भकर्णी नींद मे सोया रहेगा।
Last Updated : Nov 5, 2019, 11:52 PM IST
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