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ऋषिकुल आयुर्वेदिक कॉलेज के छात्रों का आंदोलन स्थगित, स्टाइपेंड बढ़ाने की कर रहे थे मांग - हरिद्वार की खबरें

आखिरकार ऋषिकुल आयुर्वेदिक कॉलेज के बीएएमएस के छात्रों का आंदोलन स्थगित हो गया है. छात्र बीते चार दिनों से स्टाइपेंड बढ़ाने की मांग को लेकर आंदोलनरत थे. इतना ही नहीं आक्रोशित छात्रों ने कॉलेज के मुख्य गेट पर ताला भी जड़ दिया था.

Rishikul Ayurveda College Haridwar bams student Strike
ऋषिकुल आयुर्वेदिक कॉलेज में छात्रों का आंदोलन
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Published : Apr 27, 2022, 4:02 PM IST

हरिद्वारः स्टाइपेंड बढ़ाने की मांग पर अड़े ऋषिकुल आयुर्वेदिक कॉलेज के छात्रों का आंदोलन कुलपति के आश्वासन के बाद स्थगित हो गया है. छात्रों ने अब मुख्य द्वार पर लगाए ताले को भी खोल दिया है. लेकिन बीएएमएस के छात्रों ने ये भी चेतावनी दी कि यदि उनका स्टाइपेंड एमबीबीएस के छात्रों के बराबर नहीं हुआ तो वो दोबारा उग्र आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे.

बता दें कि बीएएमएस यानी बैचलर ऑफ आयुर्वेद मेडिसिन एंड सर्जरी (Bachelor of Ayurvedic Medicine and Surgery) के छात्रों को सरकार की ओर से प्रतिमाह 7,000 रुपए तो एमबीबीएस (MBBS) के छात्रों को करीब ₹16,000 स्टाइपेंड (Stipend) दिया जाता है. जिसे लेकर बीएएमएस के छात्रों का कहना है कि कोरोनाकाल हो या फिर कोई भी संकट का समय, वो एमबीबीएस के छात्रों से ज्यादा अपनी सेवाएं देते हैं, लेकिन इसके बावजूद पैसा देने के मामले में उनके साथ भेदभाव किया जाता है.

ये भी पढ़ेंः ऋषिकुल आयुर्वेदिक कॉलेज में BAMS छात्रों ने की तालाबंदी, स्टाइपेंड नहीं बढ़ने से नाराज

ऐसे में स्टाइपेंड बढ़ाने की मांग को लेकर बीते शुक्रवार से बीएएमएस के छात्र आंदोलनरत थे. गुस्साए छात्रों ने मंगलवार से कॉलेज के गेट पर ताला भी जड़ दिया था. जहां न तो किसी को अंदर आने दिया जा रहा था, न ही कोई कॉलेज से बाहर जा पा रहा था. एक वैकल्पिक गेट के माध्यम से कॉलेज प्रबंधन काम चला रहा था.

इस आंदोलन के चलते ऋषिकुल आयुर्वेदिक कॉलेज (Rishikul State Ayurvedic College) की तमाम व्यवस्थाएं ठप हो रही थी. जिसके बाद आज वाइस चांसलर और सिटी मजिस्ट्रेट मौके पर पहुंचे. जिन्हें छात्रों के गुस्से का सामना भी करना पड़ा. इसके बावजूद उन्होंने सभी छात्रों को मना लिया. उन्होंने छात्रों को बताया कि उनकी मांग को लेकर शासन को अवगत करा दिया गया है. जल्द ही पैसा बढ़ाने को लेकर विधानसभा से प्रस्ताव भी पारित कराने की बात कही गई है.

परेशान रहे मरीज: ऋषिकुल में रोजाना काफी संख्या में मरीज अपना इलाज कराने पहुंचते हैं, लेकिन तालाबंदी के चलते मरीज अस्पताल नहीं पहुंच पा रहे थे. जिसके बाद आज ऋषिकुल के डॉक्टरों ने ग्राउंड में बैठकर ओपीडी की और वहीं पर मरीजों को देखकर दवाई भी दी. ऐसे में सुबह से ही मरीजों के साथ डॉक्टर भी परेशान रहे.

ये भी पढ़ेंः खुशखबरी: कोरोना काल के बाद हटाए गए आउटसोर्स कर्मचारियों का होगा सेवा विस्तार

क्या कहते हैं वीसी: ऋषिकुल आयुर्वेदिक कॉलेज के वीसी सुनील जोशी का कहना है कि यह पूरा प्रकरण मुख्यमंत्री के संज्ञान में है. हम भी चाहते हैं कि जैसे एमबीबीएस के छात्रों को पैसा मिलता है, वैसा ही पैसा बीएएमएस के छात्रों को भी दिया जाए. छात्रों की इस हठ से मरीजों को थोड़ी परेशानी हुई है. वहीं, सिटी मजिस्ट्रेट अवधेश सिंह का कहना है कि अब गेट पर लगा ताला खुलवा दिया गया है. प्रशासन से भी इनकी मांगों को लेकर वार्ता की गई है.

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हरिद्वारः स्टाइपेंड बढ़ाने की मांग पर अड़े ऋषिकुल आयुर्वेदिक कॉलेज के छात्रों का आंदोलन कुलपति के आश्वासन के बाद स्थगित हो गया है. छात्रों ने अब मुख्य द्वार पर लगाए ताले को भी खोल दिया है. लेकिन बीएएमएस के छात्रों ने ये भी चेतावनी दी कि यदि उनका स्टाइपेंड एमबीबीएस के छात्रों के बराबर नहीं हुआ तो वो दोबारा उग्र आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे.

बता दें कि बीएएमएस यानी बैचलर ऑफ आयुर्वेद मेडिसिन एंड सर्जरी (Bachelor of Ayurvedic Medicine and Surgery) के छात्रों को सरकार की ओर से प्रतिमाह 7,000 रुपए तो एमबीबीएस (MBBS) के छात्रों को करीब ₹16,000 स्टाइपेंड (Stipend) दिया जाता है. जिसे लेकर बीएएमएस के छात्रों का कहना है कि कोरोनाकाल हो या फिर कोई भी संकट का समय, वो एमबीबीएस के छात्रों से ज्यादा अपनी सेवाएं देते हैं, लेकिन इसके बावजूद पैसा देने के मामले में उनके साथ भेदभाव किया जाता है.

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ऐसे में स्टाइपेंड बढ़ाने की मांग को लेकर बीते शुक्रवार से बीएएमएस के छात्र आंदोलनरत थे. गुस्साए छात्रों ने मंगलवार से कॉलेज के गेट पर ताला भी जड़ दिया था. जहां न तो किसी को अंदर आने दिया जा रहा था, न ही कोई कॉलेज से बाहर जा पा रहा था. एक वैकल्पिक गेट के माध्यम से कॉलेज प्रबंधन काम चला रहा था.

इस आंदोलन के चलते ऋषिकुल आयुर्वेदिक कॉलेज (Rishikul State Ayurvedic College) की तमाम व्यवस्थाएं ठप हो रही थी. जिसके बाद आज वाइस चांसलर और सिटी मजिस्ट्रेट मौके पर पहुंचे. जिन्हें छात्रों के गुस्से का सामना भी करना पड़ा. इसके बावजूद उन्होंने सभी छात्रों को मना लिया. उन्होंने छात्रों को बताया कि उनकी मांग को लेकर शासन को अवगत करा दिया गया है. जल्द ही पैसा बढ़ाने को लेकर विधानसभा से प्रस्ताव भी पारित कराने की बात कही गई है.

परेशान रहे मरीज: ऋषिकुल में रोजाना काफी संख्या में मरीज अपना इलाज कराने पहुंचते हैं, लेकिन तालाबंदी के चलते मरीज अस्पताल नहीं पहुंच पा रहे थे. जिसके बाद आज ऋषिकुल के डॉक्टरों ने ग्राउंड में बैठकर ओपीडी की और वहीं पर मरीजों को देखकर दवाई भी दी. ऐसे में सुबह से ही मरीजों के साथ डॉक्टर भी परेशान रहे.

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क्या कहते हैं वीसी: ऋषिकुल आयुर्वेदिक कॉलेज के वीसी सुनील जोशी का कहना है कि यह पूरा प्रकरण मुख्यमंत्री के संज्ञान में है. हम भी चाहते हैं कि जैसे एमबीबीएस के छात्रों को पैसा मिलता है, वैसा ही पैसा बीएएमएस के छात्रों को भी दिया जाए. छात्रों की इस हठ से मरीजों को थोड़ी परेशानी हुई है. वहीं, सिटी मजिस्ट्रेट अवधेश सिंह का कहना है कि अब गेट पर लगा ताला खुलवा दिया गया है. प्रशासन से भी इनकी मांगों को लेकर वार्ता की गई है.

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