हरिद्वार: अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि ने सुसाइड किया या फिर उनकी हत्या हुई है, ये अभीतक एक रहस्य ही बना हुआ है. हालांकि सीबीआई (सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन) इस मामले की जांच कर रही है. वहीं नरेंद्र गिरि की रहस्यमय मौत पर बाबा रामदेव ने कहा कि उनका इस तरह जाना स्वीकार नहीं हो रहा है. इस मामले में निष्पक्ष जांच होनी चाहिए.
बाबा रामदेव ने कहा कि वे सरकार से आग्रह करेंगे कि महंत नरेंद्र गिरि की मौत का राज जनता के बीच जल्द आना चाहिए. ताकि दोबारा से ऐसे घटनाक्रम की पुनरावृत्ति न हो. बेहद सधे हुए शब्दों में स्वामी रामदेव का यह बयान आया है.
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स्वामी रामदेव ने कहा कि नरेंद्र गिरि बेहद मजबूत और धर्म संस्कृति की बुलंद आवाज थे. वह ऐसा नहीं कर सकते. वह एक वीर योद्धा और संन्यासी थे. उनका इस तरह से रहस्यमय तरीके से चले जाना किसी के गले से नीचे नहीं उतर रहा है. स्वामी रामदेव ने कहा कि संत समाज की अपूरणीय क्षति उनके जाने से हुई है. वह भगवान से प्रार्थना करेंगे कि उनको श्री चरणों में जगह दें.
आगे योग गुरु स्वामी रामदेव ने केंद्र सरकार से कहा है कि इस पूरे मामले की निष्पक्ष तरीके से जांच करवाई जाए, ताकि दूध का दूध और पानी का पानी सामने आ सके. स्वामी रामदेव ने कहा कि ऐसा नहीं हो सकता कि इतना बड़ा महापुरुष इस तरह से हमारे बीच से चला जाए. लिहाजा संत समाज और वह खुद सरकार से आग्रह कर रहे हैं कि इस पूरे मामले की जल्द सच्चाई सबके सामने आनी चाहिए.
बता दें कि प्रयागराज के बाघंबरी मठ में नरेंद्र गिरि का शव पंखे से लटका मिला था. उनके कमरे से सुसाइड नोट भी बरामद किया गया था. इसमें शिष्य आनंद गिरि के अलावा लेटे हनुमान मंदिर के पुजारी रहे आद्या तिवारी और उनके बेटे संदीप तिवारी पर परेशान करने का आरोप लगाया गया था. सुसाइड नोट में किसी लड़की के साथ महंत नरेंद्र गिरि का वीडियो बनाने और उसके जरिये ब्लैकमेल करने का आरोप आनंद गिरि पर लगाया गया था. घटना के दिन ही हरिद्वार से आनंद गिरि को गिरफ्तार कर लिया गया थाय आद्या तिवारी और उनके बेटे संदीप को अगले दिन गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था. गिरफ्तारी के बाद से आनंद गिरि ने नरेंद्र गिरि की हत्या का आरोप लगाते हुए खुद को फंसाने का बात कही थी.