हरिद्वार: राजाजी टाइगर रिजर्व प्रशासन द्वारा जंगलों में लगने वाली आग और मानव-वन्यजीव संघर्ष को रोकने के लिए विलेज वॉलिंटियर प्रोटेक्शन फोर्स का गठन किया गया है. फोर्स में जंगलों से सटे गांवों में रहने वाले ग्रामीणों की भर्ती की गई है. हरिद्वार के बीएचईएल स्थित सभागार में विलेज वॉलिंटियर प्रोटेक्शन फोर्स में शामिल लोगों के साथ ही राजाजी पार्क प्रशासन के कर्मचारियों के लिए विशेष ट्रेनिंग प्रोग्राम आयोजित किया गया.
राजाजी टाइगर रिजर्व की डीओटी डायरेक्टर कहकशा नसीम ने विलेज वॉलिंटियर प्रोटेक्शन फोर्स और ट्रेनिंग प्रोग्राम के बारे में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि कई बार देखने में आया है कि राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क से सटे गांवों में मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाएं होती रहती हैं. इसमें जहां एक ओर संपत्ति की हानि होती है वहीं, मानव या वन्यजीव की भी हानि होती है.
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ऐसे में वनाग्नि और मानव वन्यजीव संघर्ष को रोकने के लिए कई अहम कदम उठाये गए हैं. साथ ही मानव वन्यजीव संघर्ष की घटना में रिस्पॉन्स टाइम को कम से कम किया जाए, जिसके लिए उत्तराखंड सरकार की पहल पर राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क से सटे गांवों के स्थानीय लोगों को जोड़ते हुए एक विलेज वॉलिंटियर प्रोटेक्शन फोर्स का गठन किया गया है. जिसको पर्याप्त उपकरण और ट्रेनिंग देने के लिए इस प्रोग्राम का आयोजन किया गया है.
इसी के साथ कहकशा नसीम ने बताया कि हमारे द्वारा इन वॉलिंटियर्स का उपयोग कर वन महकमे से जुड़ी जितनी भी समस्याएं हैं, उनमें इनका प्रयोग किया जाएगा. साथ ही इनसे समय-समय पर एक मीटिंग भी की जाएगी, जिसमें जो समस्याएं इनको आ रही हैं और इसके अलावा ग्रामीणों के बीच में जो समस्याएं पता चलेंगी, उनके निवारण का भी कार्य किया जाएगा.