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NTCA की नाराजगी के बाद राजाजी टाइगर रिजर्व अनिश्चितकाल के लिए बंद, ये है कारण

हरिद्वार में एनटीसीए ने पत्र जारी कर राजाजी टाइगर रिजर्व के सभी गेट अनिश्चितकाल तक बंद कर दिए हैं. कुछ दिन पूर्व राज्य वन महकमे के एक आला अफसर ने नियमों के विपरीत जाकर पार्क की मोतीचूर व चीला ट्रैक पर नए पर्यटन सफारी मार्ग खोल दिए थे. बता दें कि, बिना वर्किंग प्लान व एनटीसीए की अनुमति के ये ट्रैक निर्मित नहीं किए जाते हैं.

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Published : Oct 9, 2021, 1:44 PM IST

Updated : Oct 9, 2021, 7:16 PM IST

हरिद्वार: शुक्रवार देर शाम नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथारिटी (National Tiger Conservation Authority) के एक पत्र ने राज्य के वन महकमे पर सवालिया निशान लगा दिए हैं. मामला राज्य वन महकमे के राजाजी टाइगर रिजर्व से जुड़ा हुआ है. एनटीसीए ने पत्र जारी कर राजाजी के सभी गेट अनिश्चितकाल तक बंद कर दिए हैं.

पार्क निदेशक डीके सिंह ने पुष्टि की है कि पत्र के बाद अग्रिम आदेशों तक पार्क के तीनों गेट तत्काल बंद करवा दिए गये हैं. सिंह ने बताया कि मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक जेएस सुहाग के आदेश अनुसार ये गेट समय से डेढ़ माह पहले ही खोल दिए गए थे. चीला व मोतीचूर के नियमित पर्यटन ट्रैकों को भी समय पूर्व खोलने के आदेश दिए थे. इस फैसले के बाद पार्क महकमे को इन ट्रैकों को खोलना पड़ा था.

जानकारी के मुताबिक, गेट खोलने से पहले एनटीसीए की परमिशन नहीं ली गई थी, जिस पर एनटीसीए ने नाराजगी जताई है और एनटीसीए इस मामले में मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक जेएस सुहाग के खिलाफ एक्शन की सिफारिश कर सकता है.

पढ़ें- अब राजाजी टाइगर रिजर्व में 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेंगी ट्रेनें

बिना वर्किंग प्लान के नहीं मिलती परमिशन: पार्क की मोतीचूर व चीला का नया पर्यटन मार्ग कोर एरिया कहलाता है. बिना वर्किंग प्लान व एनटीसीए की अनुमति के ये ट्रैक निर्मित नहीं किए जाते हैं. वहीं दूसरी ओर मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक जेएस सुहाग के आदेश पर एक अक्टूबर से पार्क के चीला व मोतीचूर गेट खोल दिए गए थे जबकि हर साल ये 15 नवंबर से खुलते हैं. इसके अलावा मोतीचूर में सत्यनाराण मंदिर से एक नया गेट साल भर पर्यटन के लिए भी खोला गया था.

एनटीसीए से की गई थी शिकायत: नई दिल्ली निवासी अधिवक्ता गौरव कुमार बंसल की ओर से दाखिल किए गए प्रार्थना पत्र में शिकायत की गई थी कि राजाजी टाइगर रिजर्व को एक अक्टूबर से खोला जाना और क्रिटिकल टाइगर हैबिटेट जोन में पर्यटन गतिविधियां बढ़ाना वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 और एनटीसीए की ओर से जारी राष्ट्रीय व्याघ्र संरक्षण अधिनियम का खुला उल्लंघन है. इस प्रार्थना पत्र के बाद एनटीसीए ने गेट तत्काल बंद करने के निर्देश दिए हैं.

प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए एनटीसीए के सहायक वन महानिरीक्षक हेमंत सिंह की ओर से मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक को लिखे पत्र में टाइगर रिजर्व को पर्यटकों के लिए खोलने पर कड़ी आपत्ति जताई गई है. इसके साथ ही एनटीसीए के सहायक वन महानिरीक्षक ने राजाजी पार्क के ही सत्यनारायण मंदिर से लेकर कासरो तक और चीला रेंज में क्रिटिकल टाइगर हैबिटेट जोन में नए सफारी कॉरिडोर बनाने और पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने पर कड़ी आपत्ति जताई है.

एनटीसीए के इस पत्र के बाद अब वह महकमे में हड़कंप मच गया है. पार्क के इन सभी गेटों को बंद कर दिए जाने से अब यहां आने वाले पर्यटकों को मायूसी झेलनी पड़ रही है. सभी बुकिंग भी तत्काल निरस्त कर दी गई हैं, जिससे दूरदराज से आने वाले पर्यटकों को भी काफी दिक्कत हो रही है.

हरिद्वार: शुक्रवार देर शाम नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथारिटी (National Tiger Conservation Authority) के एक पत्र ने राज्य के वन महकमे पर सवालिया निशान लगा दिए हैं. मामला राज्य वन महकमे के राजाजी टाइगर रिजर्व से जुड़ा हुआ है. एनटीसीए ने पत्र जारी कर राजाजी के सभी गेट अनिश्चितकाल तक बंद कर दिए हैं.

पार्क निदेशक डीके सिंह ने पुष्टि की है कि पत्र के बाद अग्रिम आदेशों तक पार्क के तीनों गेट तत्काल बंद करवा दिए गये हैं. सिंह ने बताया कि मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक जेएस सुहाग के आदेश अनुसार ये गेट समय से डेढ़ माह पहले ही खोल दिए गए थे. चीला व मोतीचूर के नियमित पर्यटन ट्रैकों को भी समय पूर्व खोलने के आदेश दिए थे. इस फैसले के बाद पार्क महकमे को इन ट्रैकों को खोलना पड़ा था.

जानकारी के मुताबिक, गेट खोलने से पहले एनटीसीए की परमिशन नहीं ली गई थी, जिस पर एनटीसीए ने नाराजगी जताई है और एनटीसीए इस मामले में मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक जेएस सुहाग के खिलाफ एक्शन की सिफारिश कर सकता है.

पढ़ें- अब राजाजी टाइगर रिजर्व में 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेंगी ट्रेनें

बिना वर्किंग प्लान के नहीं मिलती परमिशन: पार्क की मोतीचूर व चीला का नया पर्यटन मार्ग कोर एरिया कहलाता है. बिना वर्किंग प्लान व एनटीसीए की अनुमति के ये ट्रैक निर्मित नहीं किए जाते हैं. वहीं दूसरी ओर मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक जेएस सुहाग के आदेश पर एक अक्टूबर से पार्क के चीला व मोतीचूर गेट खोल दिए गए थे जबकि हर साल ये 15 नवंबर से खुलते हैं. इसके अलावा मोतीचूर में सत्यनाराण मंदिर से एक नया गेट साल भर पर्यटन के लिए भी खोला गया था.

एनटीसीए से की गई थी शिकायत: नई दिल्ली निवासी अधिवक्ता गौरव कुमार बंसल की ओर से दाखिल किए गए प्रार्थना पत्र में शिकायत की गई थी कि राजाजी टाइगर रिजर्व को एक अक्टूबर से खोला जाना और क्रिटिकल टाइगर हैबिटेट जोन में पर्यटन गतिविधियां बढ़ाना वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 और एनटीसीए की ओर से जारी राष्ट्रीय व्याघ्र संरक्षण अधिनियम का खुला उल्लंघन है. इस प्रार्थना पत्र के बाद एनटीसीए ने गेट तत्काल बंद करने के निर्देश दिए हैं.

प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए एनटीसीए के सहायक वन महानिरीक्षक हेमंत सिंह की ओर से मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक को लिखे पत्र में टाइगर रिजर्व को पर्यटकों के लिए खोलने पर कड़ी आपत्ति जताई गई है. इसके साथ ही एनटीसीए के सहायक वन महानिरीक्षक ने राजाजी पार्क के ही सत्यनारायण मंदिर से लेकर कासरो तक और चीला रेंज में क्रिटिकल टाइगर हैबिटेट जोन में नए सफारी कॉरिडोर बनाने और पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने पर कड़ी आपत्ति जताई है.

एनटीसीए के इस पत्र के बाद अब वह महकमे में हड़कंप मच गया है. पार्क के इन सभी गेटों को बंद कर दिए जाने से अब यहां आने वाले पर्यटकों को मायूसी झेलनी पड़ रही है. सभी बुकिंग भी तत्काल निरस्त कर दी गई हैं, जिससे दूरदराज से आने वाले पर्यटकों को भी काफी दिक्कत हो रही है.

Last Updated : Oct 9, 2021, 7:16 PM IST
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