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हर की पैड़ी पर कमाल कर रहा ये स्‍टैच्‍यू आर्टिस्ट, गरीबी और जिम्मेदारी ने बनाया 'कलाकार'

गरीबी और जिम्मेदारी ने पंजाब के दीपक को स्‍टैच्‍यू कलाकार बना दिया. दीपक हर की पैड़ी और उसके आस-पास के घाटों पर स्‍टैच्‍यू बनकर पैसा कमाते हैं. यहां पहुंचने वाले पर्यटक उसके साथ सेल्फी लेते हैं, उसे पैसे देते हैं. दीपक ने बताया कि वो एक दिन में 800 से 1000 रुपए तक कमा लेते हैं. जिससे वे अपनी जरूरतें पूरी करते हैं.

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गरीबी और जिम्मेदारी ने पंजाब के दीपक को बना दिया स्‍टैच्‍यू कलाकार
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Published : Apr 1, 2022, 4:27 PM IST

Updated : Apr 1, 2022, 7:27 PM IST

हरिद्वार: धर्मनगरी एक ऐसा स्थान है जहां कोई भूखा नहीं सोता. यहां आने वाले श्रद्धालु दिल खोलकर खाना ही नहीं बल्कि पैसा भी दान करते हैं. यही कारण है कि यहां भीख मांगने वालों की तादात काफी ज्यादा है. जब किसी को बिना कुछ किए ही भोजन और पैसा मिल जाये तो वह काम क्यों करे. लेकिन फिर भी यहां एक ऐसा इंसान भी है जो भीख की बजाय अपनी अनूठी विदेशी कला का प्रदर्शन कर लोगों को मंत्रमुग्ध करता है. अपनी इसी कला से ही वह जीवन बसर करता है.

हरिद्वार का हर की पैड़ी क्षेत्र इन दिनों एक विशेष व्यक्ति के कारण चर्चाओं में है. अभी तक यहां पर लोग जगह-जगह घूमने वाले भिखारियों को लेकर बात किया करते थे लेकिन इन दिनों विदेशों की तर्ज पर स्टैच्यू बनकर खड़े होने वाला पंजाब का एक युवक चर्चाओं का विषय बना हुआ है. सिल्वर रंग से रंगा यह युवक एक स्थान पर मूर्ति की तरह खड़ा रहता है. कभी यह कुर्सी पर बैठता है तो कभी हाथ में डंडा लेकर खड़ा हो जाता है. यह व्यक्ति किसी से पैसा या खाना नहीं मांगता बल्कि अपनी कला के बल पर लोगों को इस कदर आकर्षित करता है कि लोग खुद ही उसकी ओर खिंचे आते हैं. इसकी कला को देख लोग अपनी इच्छा से इसे पैसे दे रहे हैं. कभी हर की पैड़ी तो कभी आसपास के घाटों पर घूम-घूम कर अपनी अनोखी प्रतिभा का प्रदर्शन कर रहा है.

हर की पैड़ी पर कमाल कर रहा ये स्‍टैच्‍यू आर्टिस्ट

पढें- हल्द्वानी के आदमखोर बाघ को मारने का आदेश जारी, 3 महीने में ले चुका है 6 लोगों की जान
कैसे बन गया स्टैच्यू कलाकार: बेहद गरीब परिवार से होने के कारण पंजाब के अभोर का रहने वाला दीपक आठवीं से आगे की पढ़ाई नहीं कर पाया. जिसके बाद इसके दिमाग में स्टैच्यू बनकर कला का प्रदर्शन करने का विचार आया. जिसके बाद उसने दिल्ली, यूपी के कई शहरों में आयोजित होने वाले मेलों आदि में अपनी कला का प्रदर्शन किया, जिसमें लोगों का अच्छा रिस्पॉन्स मिला. अब वह हरिद्वार में अपनी कला का प्रदर्शन कर रहा है.
भीख मांगने के बजाय अपनाया यह प्रोफेशन: दीपक किसी से भीख मांगकर अपना जीवन यापन नहीं करना चाहता था. कम पढ़ा-लिखा होने के कारण कोई नौकरी भी नहीं मिल रही थी. परिवार का भी पेट पालना था तो दीपक ने स्टैच्यू बनने का काम शुरू किया. जिससे अब वो एक दिन में ठीक ठाक सम्मानजनक पैसा कमा लेता है.

पढें- दून मेडिकल कॉलेज की एसोसिएट प्रोफेसर ने दिया इस्तीफा, स्वास्थ्य सचिव की पत्नी पर लगाया बदतमीजी का आरोप

क्या कहता है स्टैच्यू कलाकार: दीपक का कहना है कि उनके शहर में शिवरात्रि थी. उस समय मेरे पास सिर्फ पांच सौ रुपए थे. जिससे उसने रंग लगाकर कार्यक्रम किया. जिसके बाद लोगों ने खुश होकर पैसे देने शुरू किए. जिसके बाद यह काम चालू हो गया. दिल्ली में कई जगह पर कला का प्रदर्शन किया, फिर हरिद्वार आ गया. यहां लोगों का काफी सहयोग मिल रहा है. दीपक ने बताया वह हर रोज आठ सौ से हजार रुपए कमा लेते हैं.

पढें- डॉक्टर निधि उनियाल के मामले पर CM सख्त, तबादला रोका, अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार करेंगी जांच
क्या कहते हैं दर्शक: हरिद्वार आने वाले यात्री राजेश का कहना है की ऐसा स्टंट हरिद्वार में देखने को मिला इससे काफी अच्छा लग रहा है. ऐसे स्टैच्यू बनने की खूबी विदेशों में देखने को मिलती थी. पर्यटक भी इसके साथ सेल्फी ले रहे हैं. यमुनानगर से आए कपिल का कहना है कि ये बिल्कुल अलग तरह की कला है, इससे लोग आकर्षित हो रहे हैं. ऐसा फिल्मों में तो देखा है, मगर आज सामने भी इसे देखकर वे काफी खुश हैं.

हरिद्वार: धर्मनगरी एक ऐसा स्थान है जहां कोई भूखा नहीं सोता. यहां आने वाले श्रद्धालु दिल खोलकर खाना ही नहीं बल्कि पैसा भी दान करते हैं. यही कारण है कि यहां भीख मांगने वालों की तादात काफी ज्यादा है. जब किसी को बिना कुछ किए ही भोजन और पैसा मिल जाये तो वह काम क्यों करे. लेकिन फिर भी यहां एक ऐसा इंसान भी है जो भीख की बजाय अपनी अनूठी विदेशी कला का प्रदर्शन कर लोगों को मंत्रमुग्ध करता है. अपनी इसी कला से ही वह जीवन बसर करता है.

हरिद्वार का हर की पैड़ी क्षेत्र इन दिनों एक विशेष व्यक्ति के कारण चर्चाओं में है. अभी तक यहां पर लोग जगह-जगह घूमने वाले भिखारियों को लेकर बात किया करते थे लेकिन इन दिनों विदेशों की तर्ज पर स्टैच्यू बनकर खड़े होने वाला पंजाब का एक युवक चर्चाओं का विषय बना हुआ है. सिल्वर रंग से रंगा यह युवक एक स्थान पर मूर्ति की तरह खड़ा रहता है. कभी यह कुर्सी पर बैठता है तो कभी हाथ में डंडा लेकर खड़ा हो जाता है. यह व्यक्ति किसी से पैसा या खाना नहीं मांगता बल्कि अपनी कला के बल पर लोगों को इस कदर आकर्षित करता है कि लोग खुद ही उसकी ओर खिंचे आते हैं. इसकी कला को देख लोग अपनी इच्छा से इसे पैसे दे रहे हैं. कभी हर की पैड़ी तो कभी आसपास के घाटों पर घूम-घूम कर अपनी अनोखी प्रतिभा का प्रदर्शन कर रहा है.

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कैसे बन गया स्टैच्यू कलाकार: बेहद गरीब परिवार से होने के कारण पंजाब के अभोर का रहने वाला दीपक आठवीं से आगे की पढ़ाई नहीं कर पाया. जिसके बाद इसके दिमाग में स्टैच्यू बनकर कला का प्रदर्शन करने का विचार आया. जिसके बाद उसने दिल्ली, यूपी के कई शहरों में आयोजित होने वाले मेलों आदि में अपनी कला का प्रदर्शन किया, जिसमें लोगों का अच्छा रिस्पॉन्स मिला. अब वह हरिद्वार में अपनी कला का प्रदर्शन कर रहा है.
भीख मांगने के बजाय अपनाया यह प्रोफेशन: दीपक किसी से भीख मांगकर अपना जीवन यापन नहीं करना चाहता था. कम पढ़ा-लिखा होने के कारण कोई नौकरी भी नहीं मिल रही थी. परिवार का भी पेट पालना था तो दीपक ने स्टैच्यू बनने का काम शुरू किया. जिससे अब वो एक दिन में ठीक ठाक सम्मानजनक पैसा कमा लेता है.

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क्या कहता है स्टैच्यू कलाकार: दीपक का कहना है कि उनके शहर में शिवरात्रि थी. उस समय मेरे पास सिर्फ पांच सौ रुपए थे. जिससे उसने रंग लगाकर कार्यक्रम किया. जिसके बाद लोगों ने खुश होकर पैसे देने शुरू किए. जिसके बाद यह काम चालू हो गया. दिल्ली में कई जगह पर कला का प्रदर्शन किया, फिर हरिद्वार आ गया. यहां लोगों का काफी सहयोग मिल रहा है. दीपक ने बताया वह हर रोज आठ सौ से हजार रुपए कमा लेते हैं.

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क्या कहते हैं दर्शक: हरिद्वार आने वाले यात्री राजेश का कहना है की ऐसा स्टंट हरिद्वार में देखने को मिला इससे काफी अच्छा लग रहा है. ऐसे स्टैच्यू बनने की खूबी विदेशों में देखने को मिलती थी. पर्यटक भी इसके साथ सेल्फी ले रहे हैं. यमुनानगर से आए कपिल का कहना है कि ये बिल्कुल अलग तरह की कला है, इससे लोग आकर्षित हो रहे हैं. ऐसा फिल्मों में तो देखा है, मगर आज सामने भी इसे देखकर वे काफी खुश हैं.

Last Updated : Apr 1, 2022, 7:27 PM IST
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