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रैन बसेरों में रहने वाले लोगों की बढ़ी मुश्किलें, नगर निगम और प्रशासन से की हीटर लगाने की मांग

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Published : Dec 20, 2019, 7:32 PM IST

हरिद्वार में सड़को और रैन बसेरों में रात बिताने वालों की मुश्किलें बढ़ गई है. रैन बसेरों में अभी तक नगर निगम और प्रशासन द्वारा हीटर की व्यवस्था नहीं की गई है.

night shelter
रैन बसेरा

हरिद्वार: पर्वतीय क्षेत्रों में बर्फबारी और मैदान में कोहरे के चलते हरिद्वार में पारा अपने न्यूनतम स्तर पर जा पहुंचा है. इसके साथ ही सड़कों और रैन बसेरों में रात बिताने वाले लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं. रैन बसेरों में नगर निगम और प्रशासन द्वारा अभी तक हीटर की व्यवस्था नहीं की गई है. लेकिन इस बार नगर निगम और प्रशासन इस तरफ कोई ध्यान नहीं दे रहा है.

रैन बसेरों में रात बिताने वालों की मुश्किलें बढ़ी.

यात्रियों का कहना है कि रैन बसेरों में हीटर और अलाव की व्यवस्था होनी चाहिए, क्योंकि यहां पर काफी ठंड है और यह रैन बसेरे गंगा के किनारे भी है. यहां पर कंबल की व्यवस्था की गई है लेकिन ठंड से बचने के लिए हीटर की व्यवस्था नहीं है. साथ ही उन्होंने कहा कि प्रशासन को जल्द रैन बसेरे में रहने वाली लोगों की समस्याओं को प्रमुखता से ध्यान देना चाहिए.

रैन बसेरों की व्यवस्था की देखरेख करने वाले अशोक कुमार का कहना है कि ठंड बहुत हो रही है मगर नगर निगम और प्रशासन द्वारा अभी तक यहां पर हीटर और अलाव की कोई व्यवस्था नहीं की गई है. हमारे पास पर्याप्त मात्रा में कंबल तो हैं लेकिन रैन बसेरे में खिड़की के शीशे टूटे हुए हैं. वहीं उनके द्वारा प्रशासन को इससे अवगत करा दिया गया है वहीं प्रशासन ने एक तारीख तक अलाव की व्यवस्था का आश्वासन दिया है.

ये भी पढ़ें: 2025 तक टीबी मुक्त होगा भारत, एनएचएम की ओर कार्यशाला का आयोजन

हरिद्वार नगर निगम के मुख्य नगर अधिकारी उदय सिंह राणा का कहना है कि ठंड को देखते हुए रैन बसेरों का निरीक्षण किया गया था. हरिद्वार में तीनों ही रैन बसेरों में काफी अच्छी व्यवस्था है. ठंड से बचने के लिए वहां रजाई, गद्दे पर्याप्त मात्रा में हैं. जितने यात्री रैन बसेरे में नहीं रुके थे उससे ज्यादा वहां संसाधन है. जो रैन बसेरे में रहना नहीं चाहते थे उनके द्वारा व्यवस्था की गई. उन्होंने आगे कहा कि रैन बसेरों में अलाव की व्यवस्था तो नहीं की जा सकती, मगर हीटर लगाने की व्यवस्था होनी चाहिए.

हरिद्वार: पर्वतीय क्षेत्रों में बर्फबारी और मैदान में कोहरे के चलते हरिद्वार में पारा अपने न्यूनतम स्तर पर जा पहुंचा है. इसके साथ ही सड़कों और रैन बसेरों में रात बिताने वाले लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं. रैन बसेरों में नगर निगम और प्रशासन द्वारा अभी तक हीटर की व्यवस्था नहीं की गई है. लेकिन इस बार नगर निगम और प्रशासन इस तरफ कोई ध्यान नहीं दे रहा है.

रैन बसेरों में रात बिताने वालों की मुश्किलें बढ़ी.

यात्रियों का कहना है कि रैन बसेरों में हीटर और अलाव की व्यवस्था होनी चाहिए, क्योंकि यहां पर काफी ठंड है और यह रैन बसेरे गंगा के किनारे भी है. यहां पर कंबल की व्यवस्था की गई है लेकिन ठंड से बचने के लिए हीटर की व्यवस्था नहीं है. साथ ही उन्होंने कहा कि प्रशासन को जल्द रैन बसेरे में रहने वाली लोगों की समस्याओं को प्रमुखता से ध्यान देना चाहिए.

रैन बसेरों की व्यवस्था की देखरेख करने वाले अशोक कुमार का कहना है कि ठंड बहुत हो रही है मगर नगर निगम और प्रशासन द्वारा अभी तक यहां पर हीटर और अलाव की कोई व्यवस्था नहीं की गई है. हमारे पास पर्याप्त मात्रा में कंबल तो हैं लेकिन रैन बसेरे में खिड़की के शीशे टूटे हुए हैं. वहीं उनके द्वारा प्रशासन को इससे अवगत करा दिया गया है वहीं प्रशासन ने एक तारीख तक अलाव की व्यवस्था का आश्वासन दिया है.

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हरिद्वार नगर निगम के मुख्य नगर अधिकारी उदय सिंह राणा का कहना है कि ठंड को देखते हुए रैन बसेरों का निरीक्षण किया गया था. हरिद्वार में तीनों ही रैन बसेरों में काफी अच्छी व्यवस्था है. ठंड से बचने के लिए वहां रजाई, गद्दे पर्याप्त मात्रा में हैं. जितने यात्री रैन बसेरे में नहीं रुके थे उससे ज्यादा वहां संसाधन है. जो रैन बसेरे में रहना नहीं चाहते थे उनके द्वारा व्यवस्था की गई. उन्होंने आगे कहा कि रैन बसेरों में अलाव की व्यवस्था तो नहीं की जा सकती, मगर हीटर लगाने की व्यवस्था होनी चाहिए.

Intro:फीड लाइव व्यू से भेजी गई है

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पहाड़ों में पड़ रही बर्फ और मैदान में कोहरे के चलते हरिद्वार में पारा अपने न्यूनतम स्तर पर जा पहुंचा है जिसमें सड़को और रैन बसेरों में रात बिताने वालों के मुश्किलें बढ़ा दी है इन लोगों के लिए अलावा हीटर की व्यवस्था करने की जिम्मेदारी हरिद्वार नगर निगम की है लेकिन शायद उनके अधिकारियों को इससे कोई सरोकार नहीं है धर्मनगरी होने के कारण हरिद्वार में रोजाना हजारों की संख्या यात्री आते हैं तो वहीं यहाँ बड़ी संख्या भिखारियों की भी है जो रात में सड़कों पर सोने को मजबूर है ठंड के चलते आए दिन खुले में सोने वालों की मौत भी होती है मगर उसके बावजूद भी हरिद्वार नगर निगम और प्रशासन इन गरीब लोगों के लिए रैन बसेरों में कोई व्यवस्था नहीं कर रहा है देखिए रैन बसेरों पर एक खास रिपोर्ट


Body:हरिद्वार में हर की पौड़ी के आसपास दिन रैन बसेरे हैं और इन रैन बसेरों में गरीब लोग ठंड के वक्त रुककर राहत की सांस लेते हैं रैन बसेरों में नगर निगम और प्रशासन द्वारा हीटर की व्यवस्था की जाती है मगर इस बार ना तो नगर निगम और ना ही प्रशासन इस तरफ कोई ध्यान दे रहा है रैन बसेरे में रखने वाले यात्रियों का कहना है कि रेन बसेरो में हीटर और अलाव की व्यवस्था होनी चाहिए क्योंकि यहां पर काफी ठंड पड़ रही है और यह रेन बसेरे गंगा के किनारे भी है यहां पर कमल की व्यवस्था तो की गई है लेकिन ठंड से बचने के लिए हीटर की व्यवस्था नहीं है हमारी प्रशासन से यही मांग है कि यहां पर हीटर की व्यवस्था की जाए

बाइट--अमित--यात्री

रेन बसेरे की व्यवस्था देख रहे अशोक कुमार का कहना है कि ठंड बहुत हो रही है मगर नगर निगम और प्रशासन द्वारा अभी तक यहां पर हीटर और अलाव की कोई व्यवस्था नहीं की गई है हमारे पास पर्याप्त मात्रा में कंबल तो है मगर रेन बसेरे में खिड़की के शीशे टूटे हुए हैं जिससे यहां रुकने वाले लोगों को ठंड लगती है हमारे द्वारा प्रशासन को इससे अवगत कराया गया है उनके द्वारा कहा गया है कि एक तारीख तक अलाव की व्यवस्था की जाएगी ठंड में यात्रियों के बचाव के लिए प्रशासन कोई ध्यान नहीं दे रहा है हमारे पास रेन बसेरे में रहने वाले गरीब लोगों के लिए के लिए ठंड से बचने की जितनी भी व्यवस्था होती है उसे हमारे द्वारा की जाती है

बाइट-अशोक कुमार--रैन बसेरा कर्मचारी

कड़ाके की ठंड में रैन बसेरे में सहारा ले रहे यात्रियों की सुविधा की जिम्मेदारी नगर निगम पर है मगर नगर निगम के अधिकारी इन व्यवस्थाओं को करने में नाकाम साबित हो रहे हैं हरिद्वार नगर निगम के मुख्य नगर अधिकारी उदय सिंह राणा का कहना है कि हमारे द्वारा ठंड को देखते हुए रैन बसेरों का निरीक्षण किया गया था और हरिद्वार में तीनों ही रैन बसेरों में काफी अच्छी व्यवस्था है ठंड से बचने के लिए वहां रजाई गद्दे पर्याप्त मात्रा में है जितने यात्री वहां नहीं रुके थे उनसे ज्यादा वहां संसाधन थे और कई लोग जो रेन बसेरे में रहना नहीं चाहते थे हमारे द्वारा हमको भी रैन बसेरा में छोड़ा गया जब उनसे पूछा गया कि रैन बसेरा में लोगो को ठंड से बचाने के लिए नगर निगम द्वारा क्या प्रबंध किए गए हैं तो इनका कहना है कि रैन बसेरों में अलाव की व्यवस्था तो नहीं की जा सकती मगर हीटर लगाने का मुझे मालूम नहीं है अगर हीटर लगाने की व्यवस्था होगी तो उसको भी लगाया जाएगा

बाइट-- उदय सिंह--राणा मुख्य नगर अधिकारी


Conclusion:ठंड ने हरिद्वार में अपना सितम ढाया हुआ है मगर नगर निगम अधिकारियों की लापरवाही के चलते गरीब लोगों को रेन बसेरों में ठंड की वजह से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है नगर निगम के अधिकारी इन लोगों के लिए कोई भी व्यवस्था करने में नाकाम साबित हो रहे हैं अब देखना होगा नगर निगम के अधिकारी कब तक कुंभकरण की नींद से जाग कर इन लोगों के लिए व्यवस्था करते हैं यह देखने वाली बात होगी
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