हरिद्वारः धर्मनगरी में इन दिनों गंगा का पानी रोक दिया गया है. जिससे हर की पैड़ी में जलस्तर काफी कम हो गया है. ऐसे में तीर्थयात्री और पर्यटक की संख्या में भारी गिरावट दर्ज की गई है. उधर, इसका असर व्यापारियों और पुरोहितों पर भी पड़ रहा है. श्रद्धालुओं के ना पहुंचने से मंदिर सूने पड़े हैं. जिससे पुजारी और व्यापारी काफी मायूस नजर आ रहे हैं. पुरोहितों का कहना है कि श्रद्धालुओं के कमी से मंदिर में चढ़ावा नहीं चढ़ रहा है. साथ ही सामानों की बिक्री भी कम हो रही है.
गंगा को मोक्ष दायिनी और पाप नाशिनी के साथ करोड़ों लोगों की जीवन रेखा भी कहा जाता है. गोमुख से गंगासागर तक अपने तटवर्ती इलाकों में लोगों की आजीविका का साधन भी है. हरिद्वार में इस समय गंगा बंदी के कारण व्यापार में कमी आई है. तमाम मंदिरों में श्रद्धालु नहीं पहुंच रहे हैं. इन मंदिरों के पुजारियों का घर परिवार श्रद्धालुओं के चढ़ावे से ही चलता है, लेकिन श्रद्धालुओं की संख्या में कमी की वजह से मंदिरों में चढ़ावा भी नाम मात्र का ही चढ़ रहा है. जिससे पुजारी काफी मायूस हैं.
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पुजारियों का कहना है कि गंगा का पानी रोके जाने से काफी कम श्रद्धालु हरिद्वार पहुंच रहे हैं. गंगा बंदी के दौरान 70 फीसदी यात्रियों में कमी आ जाती है. तीर्थ पुरोहित उज्जवल पंडित ने कहा कि श्रद्धालुओं का उद्देश्य गंगा में स्नान करके पुण्य कमाना होता है, लेकिन गंगा बंदी से गंगा में जल नहीं होने से श्रद्धालु हरिद्वार का रुख नहीं करते हैं. इससे पुरोहितों की आजीविका पर काफी फर्क पड़ता है.