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2021 में होने वाले कुंभ की तैयारियां शुरू, कांग्रेस ने दी सरकार को ये नसीहत - उत्तराखंड न्यूज

राज्य सरकार ने 2021 में लगने वाले कुंभ मेला की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं. हरिद्वार सासंद निशंक ने कहा कि इस बार पिछले मेले की अपेक्षा और भी भव्य तरीके से आयोजन किया जाएगा.

2021 में होने वाले कुंभ की तैयारियां शुरू
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Published : May 31, 2019, 5:28 AM IST

Updated : May 31, 2019, 11:14 AM IST

देहरादून: साल 2021 में हरिद्वार होने वाले कुंभ मेला की तैयारियां अभी से शुरू हो गई हैं. शासन स्तर पर कुंभ मेला का रोडमैप तैयार किया जा रहा है ताकि इस बार कुंभ मेला का बेहतर और भव्य आयोजन किया जा सके. बता दें, उत्तराखंड राज्य बनने के बाद पहली बार साल 2010 में हुई कुंभ मेला का आयोजन किया गया था.

2021 में होने वाले कुंभ की तैयारियां शुरू

हरिद्वार सांसद रमेश पोखरियाल निशंक ने बताया कि हरिद्वार के कुंभ का अलग ही महत्व है. साल 2010 में कुंभ बेहतर तरीके से संपन्न हुआ था. 2021-22 में आने वाले कुंभ को भी बेहतर तरीके से आयोजित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि हरिद्वार का सांसद होने के नाते वो चाहेंगे कि कुंभ 2021-22 एक बार फिर से यादगार बने और पूरी दुनिया से लोग एक बार फिर हरिद्वार आकर यहां से नई ऊर्जा लेकर जाए.

पढ़ें- मोदी कैबिनेट में शामिल होने पर विधानसभा अध्यक्ष ने निशंक को दी बधाई, कांग्रेस ने कसा तंज

कांग्रेस ने उठाए सवाल
कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना का कहना है कि कुंभ आदिकाल से है और सनातन परंपरा का एक महत्वपूर्ण अंग है, लेकिन जो सनातन परंपरा और हिंदू धर्म के ध्वजवाहक बनते हैं वो कुंभ को राजनीतिक एजेंडे में न लाएं. कुंभ तो होना ही है और नेताओं को इस पर प्रपंच नहीं करना चाहिए.

सरकार को नसीहत
धस्माना ने नसीहत देते हुए कहा कि सरकार को व्यवस्थाएं ठीक करने के लिए कहा है. साथ ही गंगा घाटों को ठीक करने और गरीबों को ठहने की उचित व्यवस्था करने के लिए कहा है.

ड्रोन से की जाएगी मेला क्षेत्र की निगरानी
अपर सचिव उदय सिंह राणा ने बताया कि कुंभ मेला की निगरानी और व्यवस्था बनाए रखना सरकार की प्राथमिकता है. उन्होंने बताया कि इस बार कुंभ में ड्रोन के कैमरे नजर रखी जाएगी, जिससे कुंभ में कूड़े के ढेर न लग सकें.

देहरादून: साल 2021 में हरिद्वार होने वाले कुंभ मेला की तैयारियां अभी से शुरू हो गई हैं. शासन स्तर पर कुंभ मेला का रोडमैप तैयार किया जा रहा है ताकि इस बार कुंभ मेला का बेहतर और भव्य आयोजन किया जा सके. बता दें, उत्तराखंड राज्य बनने के बाद पहली बार साल 2010 में हुई कुंभ मेला का आयोजन किया गया था.

2021 में होने वाले कुंभ की तैयारियां शुरू

हरिद्वार सांसद रमेश पोखरियाल निशंक ने बताया कि हरिद्वार के कुंभ का अलग ही महत्व है. साल 2010 में कुंभ बेहतर तरीके से संपन्न हुआ था. 2021-22 में आने वाले कुंभ को भी बेहतर तरीके से आयोजित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि हरिद्वार का सांसद होने के नाते वो चाहेंगे कि कुंभ 2021-22 एक बार फिर से यादगार बने और पूरी दुनिया से लोग एक बार फिर हरिद्वार आकर यहां से नई ऊर्जा लेकर जाए.

पढ़ें- मोदी कैबिनेट में शामिल होने पर विधानसभा अध्यक्ष ने निशंक को दी बधाई, कांग्रेस ने कसा तंज

कांग्रेस ने उठाए सवाल
कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना का कहना है कि कुंभ आदिकाल से है और सनातन परंपरा का एक महत्वपूर्ण अंग है, लेकिन जो सनातन परंपरा और हिंदू धर्म के ध्वजवाहक बनते हैं वो कुंभ को राजनीतिक एजेंडे में न लाएं. कुंभ तो होना ही है और नेताओं को इस पर प्रपंच नहीं करना चाहिए.

सरकार को नसीहत
धस्माना ने नसीहत देते हुए कहा कि सरकार को व्यवस्थाएं ठीक करने के लिए कहा है. साथ ही गंगा घाटों को ठीक करने और गरीबों को ठहने की उचित व्यवस्था करने के लिए कहा है.

ड्रोन से की जाएगी मेला क्षेत्र की निगरानी
अपर सचिव उदय सिंह राणा ने बताया कि कुंभ मेला की निगरानी और व्यवस्था बनाए रखना सरकार की प्राथमिकता है. उन्होंने बताया कि इस बार कुंभ में ड्रोन के कैमरे नजर रखी जाएगी, जिससे कुंभ में कूड़े के ढेर न लग सकें.

Intro:देवभूमि उत्तराखंड के हरिद्वार में हर 12 साल में होने वाली कुम्भ मेले की तैयारी शासन स्तर पर शुरू कर दी गयी। उत्तराखंड राज्य बनने के बाद उत्तराखंड में पहली बार साल 2010 में हुई कुम्भ मेला आयोजित किया गया था। जिस दौरान करोड़ो की संख्या में देश-विदेश से पहुचे सैलानी पहुचते। हालांकि उत्तराखंड को यू तो देवो की भूमि कहा जाता है। जहाँ साक्षात देवी देवता निवास करते है। लेकिन 2021-22 में होने वाली कुम्भ मेले की तैयारी अभी से शुरू कर दी गयी है और कुम्भ का रोड मैप तैयार किया जा रहा है ताकि पिछले कुम्भ से और बेहतर और भव्य कुम्भ का आयोजन किया जा सके। 



Body:2021-22 का कुम्भ बनेगा यादगार......

हरिद्वार सांसद रमेश पोखरियाल निशंक ने बताया कि हरिद्वार के कुंभ का अलग ही महत्व है। और कुंभ की शुरुआत ही हरिद्वार से होती है इसलिए कुंभ हिमालय की तलटी में और गंगा के प्रदेश में जो कुंभ होता है, उसका अलग ही महत्व होता है। साथ ही कहा कि साल 2010 में कुंभ के दौरान करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु हरिद्वार पहुंचे थे। और साल 2010 में कुंभ बेहतर तरीके से संपन्न हुआ था। 2021-22 में आने वाली कुम्भ को बहुत ही बेहतर तरीके से आयोजित किया जाएगा। और हरिद्वार का सांसद होने के नाते में चाहूंगा की कुंभ 2021-22 एक बार फिर से यादगार बने, और पूरी दुनिया से लोग एक बार हरिद्वार आकर, यहाँ से एक नई ऊर्जा लेकर जाए।


कांग्रेस में कुम्भ के निमंत्रण पर उठाए सवाल......

कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने बताया कि कुंभ आदिकाल से है और सनातन परंपरा का एक महत्वपूर्ण अंग है। लेकिन जो सनातन परंपरा और हिंदू धर्म के ध्वजवाहक बनते हैं, उन्होंने इसमें निमंत्रण देना शुरू कर दिया है और इसको राजनीतिक एजेंडे में ले आए हैं। लेकिन राज्य या केंद्र में कोई भी सरकार रहे, कुंभ तो वैसे भी होना है क्योकि कुम्भ सनातन परंपरा का महत्वपूर्ण अंग है। इसलिए कुम्भ मेले की तैयारी करनी चाहिए, प्रपंच कम करना चाहिए और अपने राजनीतिक हित कम साधने वाले होने चाहिए।


कांग्रेस ने सरकार को व्यवस्थाएं ठीक करने की दी नसीहत....

साथ ही धस्माना ने सरकार को नसीहत देते हुए कहा कि सरकार को चाहिए कि वो व्यवस्थाएं ठीक करे, जहाँ पर स्नान के स्थान है उन स्थानों के घाटों को ठीक करिए। और कुंभ में बहुत गरीब लोग आते है जो होटलों और धर्मशालाओ में नही रुक सकते है, उनके रहने की उचित व्यवस्था करनी चाहिए, और अगर सरकार सच मे भव्य कुम्भ करना चाहती है तो ऐसा लंगर लगाए कि लाखों लोग रोज भोजन मिले, इसके साथ ही फूल प्रूफ व्यवस्था होनी चाहिए ताकि किसी भी व्यक्ति की वह जान न जाये। सरकार ने तैयारियां शुरू कर दी है तो सिर्फ भाषणों और घोषणाओं में तैयारियां न करे। बल्कि धरातल पर तैयारियां करें, और कुम्भ में हमेशा से सरकार तैयारी करती है।


कुम्भ में ड्रोन से रखी जायेगी कूड़ो पर निगरानी.......

शहरी विकास निर्देशालय के अपर सचिव उदय सिंह राणा ने बताया कि कुंभ एक बहुत बड़ा चैलेंज होता है सरकार के लिए भी और विभागों के लिए भी। लेकिन कुंभ के अच्छी बात यह होती है कि कुम्भ के लिए अलग से एक सीनियर आईएएस लेवल के मेला अधिकारी बनाए जाते हैं। जिसके नेतृत्व कुंभ की सारी व्यवस्थाएं मुकम्मल की जाती है। साथ ही कहा कि कुम्भ में शहरी विकास कि स्वच्छता और साफ सफाई की जिम्मेदारी होती है। जो एक बड़ा चैलेंज होता है। इसके लिए शासन की तरफ से मेला अधिकारी को सारा बजट भेजा जाता है उसके बाद मेला अधिकारी फिर संबंधित विभागों को बजट देता है। जिसके तहत कुम्भ में हजारों टॉयलेट बनाये जाएंगे, और सफाई के लिए कई टीमें लगाई जाती है। और इस बार कुम्भ के लिए ड्रोन के कैमरे से कूड़ो पर निगरानी रखी जायेगी। और कभी भी कूद दिखते ही वह कूड़ा उठाने वाले टीम को भेज जाएगा। 



Conclusion:
Last Updated : May 31, 2019, 11:14 AM IST
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