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हाईटेक हुआ डाक विभाग, जानिए कैसे काम कर रहा है स्मार्ट लेटर बॉक्स

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Published : Jan 30, 2021, 2:46 PM IST

बदलते दौर में डाक विभाग ने लेटर बॉक्स में बार कोड सिस्टम लगाया है. इस बार कोड के जरिये पोस्टमैन मोबाइल ऐप से लेटर बॉक्स को खोल सकेंगे. जैसे ही पोस्टमैन ऐप के जरिये बार कोड को स्कैन करेगा तो उसे तुरंत लेटर बॉक्स में पड़ी चिट्ठियों की जानकारी मिल जाएगी.

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हाईटैक हुआ डाक विभाग

रुड़की: आधुनिक दौर में हर चीज का स्वरूप तेजी से बदल रहा है. बदलते दौर में भला डाकघर क्यों पीछे रहे. अब डाकघर से जुड़ी चीजें भी बदलती जा रही हैं. जैसे-जैसे तमाम चीजों का आधुनिकीकरण हो रहा है, उसी तर्ज पर अब डाकघर भी बदल रहा है. प्राइवेट पार्सल कंपनियों की तर्ज पर डाकघर ने भी पार्सल व्यवस्था को हाईटेक कर दिया है. डाकघर द्वारा जगह-जगह लगाए गए लेटर बॉक्स अब स्मार्ट हो चले हैं, जो चिट्ठी का हिसाब खुद रखेंगे.

स्मार्ट लेटर बॉक्स

रुड़की मुख्य डाकघर के पोस्ट मास्टर आरडी रतूड़ी ने बताया कि सभी लेटर बॉक्स में नन्यथा सॉफ्टवेयर लगाया गया है, जो जीपीएस सिस्टम के माध्यम से कनेक्ट है. इसमें ऑनलाइन पता लगाया जा सकता है कि कर्मचारी ने कौन सा बॉक्स किस समय खोला है और उसमें से कितनी चिट्ठी निकली हैं. इस सिस्टम की वजह से अधिकारी आसानी से इन चिठ्ठियों और पोस्टमैन पर निगरानी रख सकेंगे और समय समय पर दिशा-निर्देश भी दे सकेंगे. इस सिस्टम को लगाने का मुख्य उद्देश्य कार्य में पारदर्शिता लाना है और लोगों को बेहतर सुविधा देना है.

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बदलते दौर में हाईटेक हुआ डाक विभाग

ये भी पढ़ें: अब बेझिझक आइए उत्तराखंड, रजिस्ट्रेशन की बाध्यता हुई खत्म

आपको बता दें कि डाकघर के लेटर बॉक्स में बार कोड सिस्टम लगाया गया है. इसको लेकर पिछले एक साल से काम चल रहा था. इस बार कोड के जरिये पोस्टमैन मोबाइल ऐप से लेटर बॉक्स को खोल सकेंगे. जैसे ही पोस्टमैन ऐप के जरिये बार कोड को स्कैन करेगा तो उसे तुरंत लेटर बॉक्स में पड़ी चिट्ठियों की जानकारी मिल जाएगी. ये जानकारी सिर्फ पोस्टमैन को ही नहीं, बल्कि मुख्य डाकघर से जुड़े अधिकारियों को भी मिल जाएगी. जिससे अधिकारी आसानी से पता लगा पाएंगे कि पोस्टमैन ने कौन सा लेटर बॉक्स खोला है और कौन सा नहीं. इससे लेटर बॉक्स में पड़ी चिट्ठियां समय से पहुंचेंगी. इस सिस्टम की वजह से कार्य में पारदर्शिता तो आएगी ही साथ में कर्मचारियों द्वारा बरती जाने वाली लापरवाही पर भी आसानी से नजर रखी जाएगी.

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आ गए स्मार्ट लेटर बॉक्स के दिन

इस सिस्टम से पहले इस तरह की शिकायत अक्सर मिलती थी कि कर्मचारी ने महीनों तक लेटर बॉक्स से चिट्ठी निकाली ही नहीं. जिस कारण लोगों का डाकघर की व्यवस्था से विश्वास खोता जा रहा था और लोग प्राइवेट पार्सल कंपनियों की तरफ रुख कर रहे थे. वैसे तो ये सिस्टम देशभर में शुरू हुआ है, लेकिन रुड़की शहर में इस सिस्टम का फायदा लोगों को मिलता दिखाई देने लगा है.

रुड़की: आधुनिक दौर में हर चीज का स्वरूप तेजी से बदल रहा है. बदलते दौर में भला डाकघर क्यों पीछे रहे. अब डाकघर से जुड़ी चीजें भी बदलती जा रही हैं. जैसे-जैसे तमाम चीजों का आधुनिकीकरण हो रहा है, उसी तर्ज पर अब डाकघर भी बदल रहा है. प्राइवेट पार्सल कंपनियों की तर्ज पर डाकघर ने भी पार्सल व्यवस्था को हाईटेक कर दिया है. डाकघर द्वारा जगह-जगह लगाए गए लेटर बॉक्स अब स्मार्ट हो चले हैं, जो चिट्ठी का हिसाब खुद रखेंगे.

स्मार्ट लेटर बॉक्स

रुड़की मुख्य डाकघर के पोस्ट मास्टर आरडी रतूड़ी ने बताया कि सभी लेटर बॉक्स में नन्यथा सॉफ्टवेयर लगाया गया है, जो जीपीएस सिस्टम के माध्यम से कनेक्ट है. इसमें ऑनलाइन पता लगाया जा सकता है कि कर्मचारी ने कौन सा बॉक्स किस समय खोला है और उसमें से कितनी चिट्ठी निकली हैं. इस सिस्टम की वजह से अधिकारी आसानी से इन चिठ्ठियों और पोस्टमैन पर निगरानी रख सकेंगे और समय समय पर दिशा-निर्देश भी दे सकेंगे. इस सिस्टम को लगाने का मुख्य उद्देश्य कार्य में पारदर्शिता लाना है और लोगों को बेहतर सुविधा देना है.

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बदलते दौर में हाईटेक हुआ डाक विभाग

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आपको बता दें कि डाकघर के लेटर बॉक्स में बार कोड सिस्टम लगाया गया है. इसको लेकर पिछले एक साल से काम चल रहा था. इस बार कोड के जरिये पोस्टमैन मोबाइल ऐप से लेटर बॉक्स को खोल सकेंगे. जैसे ही पोस्टमैन ऐप के जरिये बार कोड को स्कैन करेगा तो उसे तुरंत लेटर बॉक्स में पड़ी चिट्ठियों की जानकारी मिल जाएगी. ये जानकारी सिर्फ पोस्टमैन को ही नहीं, बल्कि मुख्य डाकघर से जुड़े अधिकारियों को भी मिल जाएगी. जिससे अधिकारी आसानी से पता लगा पाएंगे कि पोस्टमैन ने कौन सा लेटर बॉक्स खोला है और कौन सा नहीं. इससे लेटर बॉक्स में पड़ी चिट्ठियां समय से पहुंचेंगी. इस सिस्टम की वजह से कार्य में पारदर्शिता तो आएगी ही साथ में कर्मचारियों द्वारा बरती जाने वाली लापरवाही पर भी आसानी से नजर रखी जाएगी.

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आ गए स्मार्ट लेटर बॉक्स के दिन

इस सिस्टम से पहले इस तरह की शिकायत अक्सर मिलती थी कि कर्मचारी ने महीनों तक लेटर बॉक्स से चिट्ठी निकाली ही नहीं. जिस कारण लोगों का डाकघर की व्यवस्था से विश्वास खोता जा रहा था और लोग प्राइवेट पार्सल कंपनियों की तरफ रुख कर रहे थे. वैसे तो ये सिस्टम देशभर में शुरू हुआ है, लेकिन रुड़की शहर में इस सिस्टम का फायदा लोगों को मिलता दिखाई देने लगा है.

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