हरिद्वार: मेडिकल स्टोर की आड़ में कुछ लोग नशे का काला व्यापार कर रहे हैं, जिस पर पुलिस ने अभी शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. ज्वालापुर थाना क्षेत्र में पुलिस ने जिला दवा निरीक्षक के साथ मिलकर क्षेत्र के करीब दर्जन भर से मेडिकल स्टोर और क्लिनिकों पर छापेमारी की. पुलिस ने इस कार्रवाई के बाद दवा व्यापारियों में हड़कंप मच गया और कई व्यापारी मेडिकल स्टोर बंद करके भागे. पुलिस ने गड़बड़ी मिलने पर चार मेडिकल स्टोरों को सील किया है.
कोतवाली ज्वालापुर क्षेत्र में मंगलवार शाम उस समय हड़कंप मच गया जब पुलिस और जिला दवा निरीक्षक मिलकर एक साथ कई मेडिकल स्टोरों और क्लीनिक पर छापा मारा. ज्वालापुर में गौरव मेडिकल और रजत मेडिकल स्टोर पर फार्मासिस्ट नहीं मिले. इसके साथ ही कई अन्य अनियमितता भी मिली. इसके साथ ही सराय में जन औषधि केंद्र बेहद ही छोटी दुकान में अव्यवस्थित रूप से संचालित हो रहा था. झंडा चौक के पास एक क्लीनिक पर डॉ. तैनात नहीं मिला, यहां चिकित्सक का नाबालिग बेटा बैठा था. जिसके बाद मेडिकल स्टोरों और क्लीनिक पर ताला लगा दिया.
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छापेमारी के दौरान इस बात का विशेष ध्यान दिया गया कि किसी दुकान पर प्रतिबंधित इंजेक्शन आए तो नहीं है. इसको लेकर पूरी लिस्ट तैयार की गई है. कोतवाली ज्वालापुर इंचार्ज आरके सकलानी ने बताया कि इस बात की लंबे समय से शिकायत मिल रही थी कि मेडिकल स्टोर पर कई ऐसी प्रतिबंधित दवाएं भी भेजी जा रही हैं, जिन्हें बेचना अवैध है. साथ ही यह भी पता लग रहा था कि कई नशीले इंजेक्शन बिना डॉक्टरों की प्रेसक्रिप्शन के बेचे जा रही थी. सभी दुकानदारों को आगाह किया गया है कि यदि किसी के यहां भी इस तरह के इंजेक्शन बेजे गए तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी.
वहीं हरिद्वार में बढ़ते नशे के काले कारोबार पर लगाम लगाने के लिए बीते एक हफ्ते से आमरण अनशन पर बैठे पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष मनीष चौहान ने मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद अनशन समाप्त कर दिया. पूर्व काबीना मंत्री स्वामी यतिश्वरानंद और पूर्व विधायक संजय गुप्ता ने जूस पिलाकर इस आमरण अनशन को समाप्त कराया. साथ ही आश्वासन दिया कि अब किसी भी सूरत में हरिद्वार में नशे के कारोबार को संचालित नहीं होने दिया जाएगा.