हरिद्वारः आजकल सोशल मीडिया पर अधिकारियों के साथ फोटो खिंचवाने के बाद खुद को उनका करीबी बताकर लोगों को रौब दिखाना आम हो गया है. इसके अलावा कुछ अधिकारी भी आमजन के साथ फोटो खिंचवाने में पीछे नहीं हटते हैं. फोटो खिंचवाने में अधिकारियों को भी एक तरह से सेलिब्रिटी की तरह महसूस होता है. उनकी यह सेल्फीबाजी कभी उन पर भारी पड़ जाती है. ऐसा ही कुछ हरिद्वार के एसएसपी अजय सिंह के साथ हुआ है.
ऐसे खींचवाई थी सलमान ने फोटोः दरअसल, जब अजय सिंह ने बतौर हरिद्वार कप्तान अपनी जिम्मेदारी संभालने एसएसपी कार्यालय पहुंचे थे तो कुछ असामाजिक तत्वों ने भीड़ का फायदा उठाकर उन्हें गुलदस्ता देते हुए फोटो खिंचवा ली. फिर क्या था, उस फोटो को दिखाकर एक युवक लोगों को एसएसपी का करीबी बताने लगा. इतना ही नहीं एसएसपी के साथ अच्छे संबंध होने की बात कहकर लोगों को रौब और धमकी भी देने लगा. जिसकी भनक हरिद्वार पुलिस को लग गई. जिसके बाद आनन-फानन में हरिद्वार एसएसपी अजय सिंह ने फोटो की जांच करवाई तो पता चला कि उनके साथ फोटो खिंचवाकर दुष्प्रचार करने वाला कोई और नहीं बल्कि, मंगलौर निवासी सलमान है. जो पहले से फरार चल रहा है.
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एसएसपी ने रखा सलमान पर 10 हजार का इनामः वहीं, एसएसपी अजय सिंह ने फरार चल रहे सलमान पर 10 हजार रुपए का इनाम घोषित कर दिया. साथ ही फरार चल रहे सलमान को जल्द से जल्द पकड़ने और उसकी आपराधिक कुंडली खंगालने के आदेश कोतवाली मंगलौर को दे दिए. जिसके बाद मंगलौर पुलिस आरोपी सलमान को खोज रही है. मामले में हरिद्वार एसएसपी अजय सिंह का कहना है कि भीड़ का फायदा उठाकर सलमान ने उनके साथ फोटो खिंचवाई थी. जिसका वो दुष्प्रचार कर रहा था, जिसकी जानकारी उन्हें मिली है. जिसके बाद थाना कोतवाली मंगलौर में फोटो की जांच करने को कहा गया, जिसमें पता चला कि फोटो में सलमान नाम का व्यक्ति है.
सलमान पर पहले से ही केस दर्ज, अधिकारियों के संग फोटो खिंचवाकर सोशल मीडिया पर डालने वालों पर नजरः उन्होंने बताया कि सलमान के खिलाफ पहले से ही कोतवाली मंगलौर में नशे के कारोबार में लिप्त होने और एनडीपीएस एक्ट में पहले से ही मुकदमा दर्ज है. जिसकी तलाश पुलिस पहले से ही कर रही थी. पुलिस ने सलमान की गिरफ्तारी के लिए कोर्ट से एनबीडब्ल्यू भी लिया है. वहीं, एसएसपी अजय सिंह ने कहा कि इस प्रकार के असामाजिक तत्वों को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. पुलिस अब सोशल मीडिया पर पैनी नजर बनाकर ऐसे लोगों को चिन्हित करेगी, जो अधिकारियों के संग फोटो खिंचवाकर आमजन में दुष्प्रचार करते हैं.