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दुष्कर्म मामला: शांतिकुंज प्रमुख प्रणव पंड्या को बड़ी राहत, क्लीन चिट मिली

दुष्कर्म के संगीन आरोप में शांतिकुंज प्रमुख प्रणव पंड्या और उनकी पत्नी को हरिद्वार पुलिस ने क्लीन चिट दे दी है.

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दुष्कर्म मामले में शांतिकुंज प्रमुख प्रणव पंड्या को बड़ी राहत
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Published : Oct 11, 2020, 8:55 PM IST

Updated : Oct 18, 2020, 6:11 PM IST

हरिद्वार: शांतिकुंज प्रमुख प्रणव पंड्या और उनकी पत्नी शैलबाला पंड्या (शैल जीजी) को बड़ी राहत मिली है. दुष्कर्म के आरोप में पुलिस ने प्रणव पंड्या को क्लीन चिट दे दी है. पुलिस को जांच में इस तरह के कोई ठोस सबूत नहीं मिले हैं, जिससे दुष्कर्म के आरोपों की पुष्टि हो.

बीते मई महीने में पीड़िता ने दिल्ली के विवेक विहार थाने में प्रणव पंड्या को लेकर मुकदमा दर्ज करवाया था, जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने हरिद्वार पुलिस को मामले की जांच सौंपी थी. पुलिस ने पीड़िता सहित अन्य महिलाओं के भी बयान लिए थे.

पढ़ें- शिवसेना के पूर्व पदाधिकारी ने खुद को मारी गोली, पत्नी ने जहर खाकर दी जान

पुलिस को दिए बयान में पीड़िता ने कहा था कि साल 2010 में जब वह 14 साल की थी तो 19 मार्च 2010 को गांव के एक व्यक्ति संग हरिद्वार पहुंची, जहां शांतिकुंज गायत्री परिवार में अच्छा भोजन, साधना, पढ़ाई और शादी का बहाना देकर चौके में भोजन व्यवस्था का काम दिलाया. 21 मार्च 2010 को उसे भोजन और प्रसाद बनाने के लिए रखा गया था.

पढ़ें- आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ा रही सुनीता, गांव की महिलाओं को उपलब्ध करा रही रोजगार

पीड़िता के मुताबिक, जुलाई 2010 को वह शांतिकुंज के प्रमुख को कॉफी देने कमरे में गई. उसी दौरान कमरे का दरवाजा बंद कर दिया गया. पीड़िता का आरोप है कि कमरे में उसके साथ दुष्कर्म किया गया. पीड़िता के मुताबिक इस घटना के एक सप्ताह बाद फिर उसके साथ दोबारा दुष्कर्म किया गया और धमकी देकर किसी से घटना का जिक्र नहीं करने को कहा लेकिन हिम्मत करके घटना की जानकारी दी तो मुंह बंद करने की धमकी दी गई.

पढ़ें- कोरोनाकाल में स्कूल कॉलेज खोलने को लेकर कांग्रेस मुखर, बच्चों की जान से बताया खिलवाड़

पीड़िता ने पुलिस को दिए बयान में कहा है कि घटना के बाद उसकी तबीयत खराब रहने लगी. इलाज के बाद भी कोई सुधार नहीं हुआ तो 2014 में उसे वापस घर भेज दिया गया. स्वास्थ्य में सुधार होने के बाद दोबारा हरिद्वार बुलाया गया, लेकिन उसने जाने से इनकार कर दिया. 2018 में इस घटना को लेकर उसने फिर शिकायत दर्ज कराने का प्रयास किया. लेकिन इसकी जानकारी शांतिकुंज प्रमुख को हो गई थी और उन्होंने फोन पर धमकी दी थी कि उसकी शिकायत से कुछ नहीं होगा.

पढ़ें- ऑनलाइन सट्टा लगाने मामले में चार और गिरफ्तारियां, साढ़े 5 लाख कैश बरामद

पीड़िता ने अपने बयान में कहा था कि निर्भया के दोषियों को जब सजा मिली तो उसका हौसला बढ़ा और कानून पर विश्वास बढ़ा. पीड़िता ने अपने बयान में कहा कि पवित्र मिशन की आड़ में वहां पर लड़कियों के साथ गलत काम किया जा रहा है.

हरिद्वार: शांतिकुंज प्रमुख प्रणव पंड्या और उनकी पत्नी शैलबाला पंड्या (शैल जीजी) को बड़ी राहत मिली है. दुष्कर्म के आरोप में पुलिस ने प्रणव पंड्या को क्लीन चिट दे दी है. पुलिस को जांच में इस तरह के कोई ठोस सबूत नहीं मिले हैं, जिससे दुष्कर्म के आरोपों की पुष्टि हो.

बीते मई महीने में पीड़िता ने दिल्ली के विवेक विहार थाने में प्रणव पंड्या को लेकर मुकदमा दर्ज करवाया था, जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने हरिद्वार पुलिस को मामले की जांच सौंपी थी. पुलिस ने पीड़िता सहित अन्य महिलाओं के भी बयान लिए थे.

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पुलिस को दिए बयान में पीड़िता ने कहा था कि साल 2010 में जब वह 14 साल की थी तो 19 मार्च 2010 को गांव के एक व्यक्ति संग हरिद्वार पहुंची, जहां शांतिकुंज गायत्री परिवार में अच्छा भोजन, साधना, पढ़ाई और शादी का बहाना देकर चौके में भोजन व्यवस्था का काम दिलाया. 21 मार्च 2010 को उसे भोजन और प्रसाद बनाने के लिए रखा गया था.

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पीड़िता के मुताबिक, जुलाई 2010 को वह शांतिकुंज के प्रमुख को कॉफी देने कमरे में गई. उसी दौरान कमरे का दरवाजा बंद कर दिया गया. पीड़िता का आरोप है कि कमरे में उसके साथ दुष्कर्म किया गया. पीड़िता के मुताबिक इस घटना के एक सप्ताह बाद फिर उसके साथ दोबारा दुष्कर्म किया गया और धमकी देकर किसी से घटना का जिक्र नहीं करने को कहा लेकिन हिम्मत करके घटना की जानकारी दी तो मुंह बंद करने की धमकी दी गई.

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पीड़िता ने पुलिस को दिए बयान में कहा है कि घटना के बाद उसकी तबीयत खराब रहने लगी. इलाज के बाद भी कोई सुधार नहीं हुआ तो 2014 में उसे वापस घर भेज दिया गया. स्वास्थ्य में सुधार होने के बाद दोबारा हरिद्वार बुलाया गया, लेकिन उसने जाने से इनकार कर दिया. 2018 में इस घटना को लेकर उसने फिर शिकायत दर्ज कराने का प्रयास किया. लेकिन इसकी जानकारी शांतिकुंज प्रमुख को हो गई थी और उन्होंने फोन पर धमकी दी थी कि उसकी शिकायत से कुछ नहीं होगा.

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पीड़िता ने अपने बयान में कहा था कि निर्भया के दोषियों को जब सजा मिली तो उसका हौसला बढ़ा और कानून पर विश्वास बढ़ा. पीड़िता ने अपने बयान में कहा कि पवित्र मिशन की आड़ में वहां पर लड़कियों के साथ गलत काम किया जा रहा है.

Last Updated : Oct 18, 2020, 6:11 PM IST
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