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Mehtab Murder Case: शौहर का कत्ल करने वाली पत्नी गिरफ्तार, 10 महीने से चल रही थी फरार

बहुचर्चित मेहताब हत्याकांड में फरार चल रही उसकी पत्नी आरजू को पुलिस ने आखिरकार गिरफ्तार कर लिया है. आरजू लंबे समय से फरार चल रही थी. जिसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने 10 हजार रुपए का इनाम भी रखा था. हालांकि, आरजू ने अपने शौहर की हत्या क्यों की? इसका खुलासा होना अभी बाकी है.

Mehtab Murder Case
आरजू गिरफ्तार
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Published : Jan 31, 2023, 6:25 PM IST

हरिद्वारः ज्वालापुर के चर्चित मेहताब हत्याकांड मामले में बीते 10 महीने से फरार चल रही कातिल बीबी आरजू आखिरकार पुलिस के हत्थे चढ़ गई है. पुलिस ने आरोपी के ऊपर 10 हजार रुपए का इनाम भी घोषित किया था. साथ ही पुलिस आरोपी महिला के घर की कुर्की करने जा रही थी, लेकिन इससे पहले ही उसकी गिरफ्तारी हो गई. पुलिस ने आरोपी को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया है.

बता दें कि ज्वालापुर के मोहल्ला कैथवाडा बकरा मार्केट निवासी मेहताब खान की शादी 25 नवंबर 2021 को आरजू पुत्री इस्लाम मूल निवासी लंढौरा हाल निवासी सत्ती मोहल्ला रुड़की के साथ हुई थी. जानकारी के मुताबिक, बीते रमजान महीने में 29 अप्रैल की रात मेहताब और उसकी पत्नी आरजू अपने कमरे में सोने चले गए थे. सुबह मेहताब की मां रुखसाना ने उसे सहरी खाने के लिए जगाने का प्रयास किया तो आरजू ने यह कहकर उन्हें लौटा दिया कि पति की तबीयत ठीक नहीं है. इसलिए वो रोजा नहीं रख सकते.

सुबह करीब 9 बजे एक बार फिर रुखसाना बेगम ने अपने बेटे को जगाने का प्रयास किया, तब भी आरजू ने उसके सोने का बहाना बनाया. अनहोनी की आशंका पर जब पड़ोसियों ने मिलकर दरवाजा खुलवाया तो मेहताब जमीन पर अचेत पड़ा हुआ था. भूमानंद अस्पताल ले जाने पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. इस मामले में आरजू पर मेहताब की हत्या का आरोप लगाते हुए रुखसाना बेगम की ओर से ज्वालापुर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया गया था.
संबंधित खबरें पढ़ेंः मेहताब हत्याकांड में आरोपी की गिरफ्तारी न होने से परेशान परिजन, लगाई CM से गुहार

ज्वालापुर कोतवाली में मुकदमा दर्ज होने पर मामले की जांच उपनिरीक्षक शेख सद्दाम हुसैन को सौंपी गई, लेकिन चंद दिनों बाद ही आरजू के पिता इस्लाम ने प्रार्थना पत्र देकर जांच कनखल ट्रांसफर करा दी. यहां कनखल थाने के एसएसआई अभिनव शर्मा ने छानबीन करते हुए आरजू की गिरफ्तारी के लिए कोर्ट से गैर जमानती वारंट लिए. कई बार दबिश देने के बाद भी वो हाथ नहीं आई. जिस पर उसकी गिरफ्तारी पर 10 हजार रुपए का इनाम भी घोषित किया गया.

इसके बावजूद आरजू को उसके मायके वालों ने छिपाए रखा. जिसके बाद पुलिस ने कुर्की की कार्रवाई के लिए सीआरपीसी की धारा 82 के तहत नोटिस तामील कराया. इससे पहले की कुर्की की कार्रवाई होती, अचानक जांच कनखल से रानीपुर कोतवाली ट्रांसफर हो गई. नए पुलिस कप्तान अजय सिंह के आने पर उन्होंने नाराजगी जताते हुए जांच को फिर से कनखल भेज दिया. इसके बाद एक बार फिर अचानक से जांच कनखल थाने से दोबारा ट्रांसफर कर पुलिस कार्यालय में तैनात इंस्पेक्टर बीएल भारती को सौंप दी गई.

आखिरकार पुलिस ने मंगलवार को आरोपी आरजू निवासी सत्ती मोहल्ला रुड़की को मुखबिर से मिली गुप्त सूचना के आधार पर रुड़की से गिरफ्तार कर लिया. ज्वालापुर कोतवाली प्रभारी आरके सकलानी ने बताया कि गिरफ्तारी के बाद आरोपी को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया है. हालांकि, अभी तक इस बात का खुलासा नहीं हो पाया है कि आखिर आरजू ने अपने शौहर का खून क्यों किया? पुलिस अब हर एंगल से जांच में जुट गई है.

हरिद्वारः ज्वालापुर के चर्चित मेहताब हत्याकांड मामले में बीते 10 महीने से फरार चल रही कातिल बीबी आरजू आखिरकार पुलिस के हत्थे चढ़ गई है. पुलिस ने आरोपी के ऊपर 10 हजार रुपए का इनाम भी घोषित किया था. साथ ही पुलिस आरोपी महिला के घर की कुर्की करने जा रही थी, लेकिन इससे पहले ही उसकी गिरफ्तारी हो गई. पुलिस ने आरोपी को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया है.

बता दें कि ज्वालापुर के मोहल्ला कैथवाडा बकरा मार्केट निवासी मेहताब खान की शादी 25 नवंबर 2021 को आरजू पुत्री इस्लाम मूल निवासी लंढौरा हाल निवासी सत्ती मोहल्ला रुड़की के साथ हुई थी. जानकारी के मुताबिक, बीते रमजान महीने में 29 अप्रैल की रात मेहताब और उसकी पत्नी आरजू अपने कमरे में सोने चले गए थे. सुबह मेहताब की मां रुखसाना ने उसे सहरी खाने के लिए जगाने का प्रयास किया तो आरजू ने यह कहकर उन्हें लौटा दिया कि पति की तबीयत ठीक नहीं है. इसलिए वो रोजा नहीं रख सकते.

सुबह करीब 9 बजे एक बार फिर रुखसाना बेगम ने अपने बेटे को जगाने का प्रयास किया, तब भी आरजू ने उसके सोने का बहाना बनाया. अनहोनी की आशंका पर जब पड़ोसियों ने मिलकर दरवाजा खुलवाया तो मेहताब जमीन पर अचेत पड़ा हुआ था. भूमानंद अस्पताल ले जाने पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. इस मामले में आरजू पर मेहताब की हत्या का आरोप लगाते हुए रुखसाना बेगम की ओर से ज्वालापुर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया गया था.
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ज्वालापुर कोतवाली में मुकदमा दर्ज होने पर मामले की जांच उपनिरीक्षक शेख सद्दाम हुसैन को सौंपी गई, लेकिन चंद दिनों बाद ही आरजू के पिता इस्लाम ने प्रार्थना पत्र देकर जांच कनखल ट्रांसफर करा दी. यहां कनखल थाने के एसएसआई अभिनव शर्मा ने छानबीन करते हुए आरजू की गिरफ्तारी के लिए कोर्ट से गैर जमानती वारंट लिए. कई बार दबिश देने के बाद भी वो हाथ नहीं आई. जिस पर उसकी गिरफ्तारी पर 10 हजार रुपए का इनाम भी घोषित किया गया.

इसके बावजूद आरजू को उसके मायके वालों ने छिपाए रखा. जिसके बाद पुलिस ने कुर्की की कार्रवाई के लिए सीआरपीसी की धारा 82 के तहत नोटिस तामील कराया. इससे पहले की कुर्की की कार्रवाई होती, अचानक जांच कनखल से रानीपुर कोतवाली ट्रांसफर हो गई. नए पुलिस कप्तान अजय सिंह के आने पर उन्होंने नाराजगी जताते हुए जांच को फिर से कनखल भेज दिया. इसके बाद एक बार फिर अचानक से जांच कनखल थाने से दोबारा ट्रांसफर कर पुलिस कार्यालय में तैनात इंस्पेक्टर बीएल भारती को सौंप दी गई.

आखिरकार पुलिस ने मंगलवार को आरोपी आरजू निवासी सत्ती मोहल्ला रुड़की को मुखबिर से मिली गुप्त सूचना के आधार पर रुड़की से गिरफ्तार कर लिया. ज्वालापुर कोतवाली प्रभारी आरके सकलानी ने बताया कि गिरफ्तारी के बाद आरोपी को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया है. हालांकि, अभी तक इस बात का खुलासा नहीं हो पाया है कि आखिर आरजू ने अपने शौहर का खून क्यों किया? पुलिस अब हर एंगल से जांच में जुट गई है.

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