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मौनी अमावस्या: धर्मनगरी में श्रद्धालु लगा रहे आस्था की डुबकी, कोविड नेगेटिव रिपोर्ट की बाध्यता खत्म

माघ महीने के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली अमावस्या को मौनी अमावस्या(अमावस), माघ अमावस्या और थाई अमावसाई भी कहा जाता है.

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Published : Feb 11, 2021, 8:40 AM IST

Updated : Feb 11, 2021, 10:09 AM IST

mauni-amavasya-2021
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हरिद्वारः आज मौनी अमावस्या है. देश भर के साथ ही धर्मनगरी हरिद्वार और ऋषिकेश में श्रद्धालु गंगा में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं. सुबह साढ़े पांच बजे स्नान का शुभ मुहूर्त था. इस मौके पर तमाम घाटों में लोगों ने स्नान कर रहे हैं. ज्योतिष शास्त्र व धार्मिक दृष्टि से यह तिथि का अहम मानी जाती है. जिसका हिन्दू धर्म स्वावलंबियों के लिए खास महत्व है.

मौनी अमावस्या पर आस्था की डुबकी.

गौर हो कि इस दिन लोग सुबह से ही पूजा की तैयारियों में जुट जाते हैं. साथ ही श्रद्धालु पूजा-अर्चना कर सुख-समृद्धि की कामना करते हैं. मौनी अमावस्या पर मौन रहकर स्नान और दान करने का विशेष महत्व है. इस दिन मौन रहने का अलग महत्व है.

पढ़ेंः पुरोला: सीएम ने 28 करोड़ की योजनाओं का किया लोकार्पण

मौनी अमावस्या के बारे में कहा जाता है कि इस दिन मनु ऋषि का जन्म हुआ था. मनु शब्द से ही मौनी की उत्पत्ति हुई है, इसलिए इस अमावस्या को मौनी अमावस्या कहा जाता है.

मान्यता है कि मौनी अमावस्या पर स्नान करने से इसका पुण्य कई गुना बढ़ जाता है. साथ ही मौन रहकर स्नान, दान करने से इंसान के कई जन्मों के पाप मिट जाते हैं. धार्मिक मान्यता है कि इस पर्व पर सच्चे मन से उपासना करने से हर मुराद पूरी होती है.

मौनी अमावस्या: धर्मनगरी में श्रद्धालु लगा रहे आस्था की डुबकी, कोविड नेगेटिव रिपोर्ट की बाध्यता खत्म

हरिद्वारः आज मौनी अमावस्या है. देश भर के साथ ही धर्मनगरी हरिद्वार और ऋषिकेश में श्रद्धालु गंगा में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं. सुबह साढ़े पांच बजे स्नान का शुभ मुहूर्त था. इस मौके पर तमाम घाटों में लोगों ने स्नान कर रहे हैं. ज्योतिष शास्त्र व धार्मिक दृष्टि से यह तिथि का अहम मानी जाती है. जिसका हिन्दू धर्म स्वावलंबियों के लिए खास महत्व है.

मौनी अमावस्या पर आस्था की डुबकी.

गौर हो कि इस दिन लोग सुबह से ही पूजा की तैयारियों में जुट जाते हैं. साथ ही श्रद्धालु पूजा-अर्चना कर सुख-समृद्धि की कामना करते हैं. मौनी अमावस्या पर मौन रहकर स्नान और दान करने का विशेष महत्व है. इस दिन मौन रहने का अलग महत्व है.

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मौनी अमावस्या के बारे में कहा जाता है कि इस दिन मनु ऋषि का जन्म हुआ था. मनु शब्द से ही मौनी की उत्पत्ति हुई है, इसलिए इस अमावस्या को मौनी अमावस्या कहा जाता है.

मान्यता है कि मौनी अमावस्या पर स्नान करने से इसका पुण्य कई गुना बढ़ जाता है. साथ ही मौन रहकर स्नान, दान करने से इंसान के कई जन्मों के पाप मिट जाते हैं. धार्मिक मान्यता है कि इस पर्व पर सच्चे मन से उपासना करने से हर मुराद पूरी होती है.

Last Updated : Feb 11, 2021, 10:09 AM IST
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