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महाकुंभ 2021: श्री पंचदशनाम जूना, अग्नि और किन्नर अखाड़े ने धर्मध्वजा स्थापित

बुधवार को जूना अखाड़े ने अपनी धर्म ध्वजा स्थापित की है. कल जूना अखाड़ा अग्नि अखाड़े और किन्नर अखाड़ा के साथ भव्य नगर प्रवेश करेगा.

haridwar mahakumbh 2021
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Published : Mar 3, 2021, 10:08 PM IST

हरिद्वार: श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा, अग्नि अखाड़ा और किन्नर अखाड़े की धर्मध्वजा पूरे वैदिक मंत्रोचार के साथ बुधवार शाम निर्धारित मुहूर्त में गंगा किनारे बिड़ला घाट पर स्थापित की गई. 52 हाथ लंबी धर्मध्वजा की लकड़ी पर 29 हाथ का गेरुआ ध्वज स्थापित किया गया. अब 24 घंटे इस ध्वज की रक्षा में नागा सन्यासियों के साथ अखाड़े के कोतवाल तैनात रहेंगे. अखाड़े की पेशवाई पूरे राजसी वैभव के साथ पांडेवाला ज्वालापुर से नगर भ्रमण पर निकलेगी, जिसके बाद जूना अखाड़ा छावनी में प्रवेश होगा.

श्री पंचदशनाम जूना, अग्नि और किन्नर अखाड़े ने धर्मध्वजा स्थापित.

नगर प्रवेश से पहले अखाड़ों में धर्म ध्वजा स्थापित करने का प्रावधान है. सबसे पहले श्री दशनाम जूना अखाड़े और किन्नर अखाड़े ने अपनी धर्म ध्वजा स्थापित की उसके बाद अग्नि अखाड़े ने धर्म ध्वज में 52 ब्रह्म गांठ लगाई गई है, जो 52 मणियों की प्रतीक है. धर्मध्वजा की स्थापना के साथ ही इन अखाडों में भी कुंभ की शुरुआत हो गई. नियमित रूप से सुबह और शाम को इस धर्मध्वजा की विधिविधान से पूजा की जाएगी. दोनों समय ब्राह्मण इस धर्म ध्वजा का पूजन करने के साथ पाठ भी करेंगे. बैंड बाजों के साथ अखाड़े के महामंडलेश्वर और संत नगर भ्रमण के बाद छावनी में प्रवेश करेंगे जिसकी अगुवाई अखाडे़ के आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरी करेंगे. इस बार की पेशवाई के लिए विशेष रुप से कई बैंड और ढोल बाजे बुलाए गए हैं.

जूना अखाड़े के राष्ट्रीय प्रवक्ता नारायण गिरि ने बताया कि धर्मध्वजा की स्थापना के साथ कुंभ मेले की शुरुआत हो गयी है, कल पूरे राजसी वैभव के साथ जूना, अग्नि और किन्नर अखाड़े की पेशवाई नगर भ्रमण पर निकलेगी. आज से धर्म ध्वज की सेवा में नागा संन्यासी रहेंगे. इस आयोजन के बाद ही संतों का स्थायी निवास बनेगा और तमाम धार्मिक कर्मकांड शुरू हो जाएंगे.

पढ़ें- जूना अखाड़े की पेशवाई में दिखेगी उत्तराखंड की लोक संस्कृति, देंगे पलायन रोकने का संदेश

किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने कहा कि जूना अखाड़ा के साथ किन्नर अखाड़ा ने नगर प्रवेश किया. भव्य पेशवाई में किन्नर अखाड़ा जूना अखाड़े के साथ निकलेगा. हरिद्वार में किन्नर अखाड़ा का तीसरा कुंभ है. हम जूना अखाड़े का धन्यवाद करते हैं, क्योंकि आज इतिहास स्वर्ण अक्षरों में लिखा जा रहा है सनातन धर्म में किन्नर अखाड़ा की वापसी हो गई.

वहीं, कुंभ मेला अधिकारी का कहना है कि कुंभ मेले में सभी सनातन परंपरा का अच्छे से निर्वाहन हो रहा है. कुंभ मेले को लेकर मेला प्रशासन पुलिस प्रशासन की तरफ से जो तैयारियां की गई थीं वो आज देखने को मिल रही हैं. सभी अधिकारियों द्वारा अच्छा काम किया गया. उम्मीद करते हैं कि कुंभ के जितने भी बड़े आयोजन हैं, वो सफलता पूर्वक किए जाएंगे. देश-दुनिया से आने वाले श्रद्धालु और स्थानीय निवासी इसका आनंद लेंगे.

हरिद्वार: श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा, अग्नि अखाड़ा और किन्नर अखाड़े की धर्मध्वजा पूरे वैदिक मंत्रोचार के साथ बुधवार शाम निर्धारित मुहूर्त में गंगा किनारे बिड़ला घाट पर स्थापित की गई. 52 हाथ लंबी धर्मध्वजा की लकड़ी पर 29 हाथ का गेरुआ ध्वज स्थापित किया गया. अब 24 घंटे इस ध्वज की रक्षा में नागा सन्यासियों के साथ अखाड़े के कोतवाल तैनात रहेंगे. अखाड़े की पेशवाई पूरे राजसी वैभव के साथ पांडेवाला ज्वालापुर से नगर भ्रमण पर निकलेगी, जिसके बाद जूना अखाड़ा छावनी में प्रवेश होगा.

श्री पंचदशनाम जूना, अग्नि और किन्नर अखाड़े ने धर्मध्वजा स्थापित.

नगर प्रवेश से पहले अखाड़ों में धर्म ध्वजा स्थापित करने का प्रावधान है. सबसे पहले श्री दशनाम जूना अखाड़े और किन्नर अखाड़े ने अपनी धर्म ध्वजा स्थापित की उसके बाद अग्नि अखाड़े ने धर्म ध्वज में 52 ब्रह्म गांठ लगाई गई है, जो 52 मणियों की प्रतीक है. धर्मध्वजा की स्थापना के साथ ही इन अखाडों में भी कुंभ की शुरुआत हो गई. नियमित रूप से सुबह और शाम को इस धर्मध्वजा की विधिविधान से पूजा की जाएगी. दोनों समय ब्राह्मण इस धर्म ध्वजा का पूजन करने के साथ पाठ भी करेंगे. बैंड बाजों के साथ अखाड़े के महामंडलेश्वर और संत नगर भ्रमण के बाद छावनी में प्रवेश करेंगे जिसकी अगुवाई अखाडे़ के आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरी करेंगे. इस बार की पेशवाई के लिए विशेष रुप से कई बैंड और ढोल बाजे बुलाए गए हैं.

जूना अखाड़े के राष्ट्रीय प्रवक्ता नारायण गिरि ने बताया कि धर्मध्वजा की स्थापना के साथ कुंभ मेले की शुरुआत हो गयी है, कल पूरे राजसी वैभव के साथ जूना, अग्नि और किन्नर अखाड़े की पेशवाई नगर भ्रमण पर निकलेगी. आज से धर्म ध्वज की सेवा में नागा संन्यासी रहेंगे. इस आयोजन के बाद ही संतों का स्थायी निवास बनेगा और तमाम धार्मिक कर्मकांड शुरू हो जाएंगे.

पढ़ें- जूना अखाड़े की पेशवाई में दिखेगी उत्तराखंड की लोक संस्कृति, देंगे पलायन रोकने का संदेश

किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने कहा कि जूना अखाड़ा के साथ किन्नर अखाड़ा ने नगर प्रवेश किया. भव्य पेशवाई में किन्नर अखाड़ा जूना अखाड़े के साथ निकलेगा. हरिद्वार में किन्नर अखाड़ा का तीसरा कुंभ है. हम जूना अखाड़े का धन्यवाद करते हैं, क्योंकि आज इतिहास स्वर्ण अक्षरों में लिखा जा रहा है सनातन धर्म में किन्नर अखाड़ा की वापसी हो गई.

वहीं, कुंभ मेला अधिकारी का कहना है कि कुंभ मेले में सभी सनातन परंपरा का अच्छे से निर्वाहन हो रहा है. कुंभ मेले को लेकर मेला प्रशासन पुलिस प्रशासन की तरफ से जो तैयारियां की गई थीं वो आज देखने को मिल रही हैं. सभी अधिकारियों द्वारा अच्छा काम किया गया. उम्मीद करते हैं कि कुंभ के जितने भी बड़े आयोजन हैं, वो सफलता पूर्वक किए जाएंगे. देश-दुनिया से आने वाले श्रद्धालु और स्थानीय निवासी इसका आनंद लेंगे.

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