हरिद्वार: धर्मनगरी में पहले से ही लोग लॉकडाउन की मुसीबत झेल रहे हैं, वहीं अब उनके घरों में गंदा और बदबूदार पानी की सप्लाई हो रही है. जिससे हरिद्वार के लोगों की परेशानी बढ़ गई है. करीब एक सप्ताह से घरों में गंदे पानी की सप्लाई हो रही है. ऐसे में लोगों को बीमार होनी की चिंता सता रही है. वहीं, स्थानीयों द्वारा कई बार जल संस्थान को शिकायत किया जा चुका है, लेकिन जल संस्थान विद्युत विभाग पर मामला डाल कर अपना पल्ला झाड़ रहा है.
तकरीबन एक हफ्ते से हरिद्वार के कई क्षेत्रों में गंदा पानी नलों से घरों में पहुंच रहा है. इस गंदे पानी को लोग पीकर बीमार हो सकते हैं और इस वजह से स्थानीय लोगों में काफी आक्रोश देखा जा रहा है, वहीं, संबंधित विभाग के अधिकारी अपनी जिम्मेदारी से बचते नजर आ रहे हैं और दूसरे विभाग पर अपनी जिम्मेदारी टाल रहे हैं. जिसकी वजह से लोगों को काफी परेशानी हो रही है. कई बार विभागीय अधिकारी को शिकायत करने के बावजूद भी समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है.
स्थानीय लोगों का कहना है कि पीने के पानी में सीवर का पानी मिक्स होकर आ रहा है. इसके कारण पानी में काफी गंदगी और बदबू है. इस पानी को हम नहीं पी सकते ना ही कपड़े धो सकते है और ना ही बर्तन साफ कर सकते हैं. बदबूदार पानी तकरीबन एक हफ्ते से आ रहा है. कई बार इसकी शिकायत अधिकारियों से की गई, मगर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है.
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वही, इस गंदे पानी की समस्या से लोगों को निजात दिलाने की जिम्मेदारी जल संस्थान की है, मगर जल संस्थान के अधिकारी अपनी जिम्मेदारी से बचते नजर आ रहे हैं. उल्टा दूसरे विभाग पर ही आरोप लगा रहे हैं. जल संस्थान के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर किरण कुमार शर्मा का कहना है कि इस वक्त हरिद्वार में अंडरग्राउंड विद्युत की लाइन डाली जा रही है. इससे पानी की कई लाइनें क्षतिग्रस्त हुई हैं. इस वजह से कई जगहों पर गंदे पानी की समस्या बनी हुई है. इसमें रिपेयरिंग के लिए 6 टीमें बनाई गई है. जल्द ही इस समस्या को सही किया जाएगा.
विद्युत विभाग पर आरोप लगाते हुए कहा कि विद्युत की लाइनें डालते वक्त विभाग को सूचना नहीं दी जाती. अगर यह हमें सूचना देते तो आज हरिद्वार में ऐसी समस्या ना होती.
वहीं, बिजली विभाग के अधिकारियों से बात करने की कोशिश की तो उन्होंने इस बारे में कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया. अब देखने वाली बात यह होगी कि विभागों की तकरार में जनता को गंदे पानी की समस्या से समाधान कब तक हो पाता है.