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हरिद्वार जिला हॉस्पिटल में इलाज हुआ मुश्किल, मरीज परेशान लेकिन डॉक्टर अनजान

उत्तराखंड में पहाड़ तो छोड़िए मैदानी इलाकों में भी आम जनता को स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ नहीं मिल रहा है. मैदानी जिले हरिद्वार के सरकारी हॉस्पिटलों का हाल देखकर मरीज यहां आने से तौबा कर ले. लेकिन गरीबों के पास कहीं और जाने का रास्ता भी नहीं है. ऐसे में गरीब जाये तो जाये कहां. हरिद्वार के सरकारी अस्पताल में मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

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Published : Aug 27, 2022, 1:23 PM IST

Updated : Aug 27, 2022, 1:57 PM IST

हरिद्वार: प्रदेश के सबसे बड़े जिले हरिद्वार के सरकारी अस्पताल (haridwar district hospital) में इलाज कराना इन दिनों बेहद मुश्किल हो गया (patients are upset) है. सबसे पहले तो मरीज को जिला हॉस्पिटल में लगी लंबी लाइन में पर्ची बनवाने के लिए खड़ा होना होगा, जिसमें घंटों बाद नंबर आ रहा है. उसके बाद डॉक्टर को दिखाने में भी कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही (healthcare facility in haridwar) है. यहां तक कि अस्पताल में दवाएं मौजूद नहीं हैं. दवाई बाहर से लेने को कहा जा रहा है.

जब हरिद्वार के सीएमएस डॉ चंदन मिश्रा से हॉस्पिटल के बाहर लगी लंबी लाइन और डॉक्टरों के न होने की जानकारी ली गई तो उनका कहना था कि आमतौर पर सोमवार से लेकर बुधवार तक 300 से 400 मरीज प्रतिदिन हॉस्पिटल में आते हैं. लेकिन बुधवार के बाद इनकी संख्या घट जाती है. वहीं, डॉ. मिश्रा ने मरीजों की ज्यादा संख्या का कारण वायरल सीजन का होना बताया. उनका कहना था कि वायरल होने के कारण सर्दी, खांसी, जुकाम के मरीज ज्यादा हैं. इसके साथ ही अस्पताल में डेंगू के लिए भी एक वार्ड सुनिश्चित किया गया है. राहत की बात ये है कि अभी तक टेस्टिंग में कोई डेंगू पॉजिटिव नहीं आया है.

हरिद्वार जिला हॉस्पिटल में इलाज हुआ मुश्किल
पढ़ें- IIP में SEFCO 2022 का आयोजन, भविष्य में ईंधन की कमी और कार्बन उत्सर्जन पर हुआ चिंतन

वहीं, डॉक्टरों की कमी को लेकर डॉ चंदन मिश्रा ने बताया कि, अस्पताल में केवल एक सर्जन की कमी है, जिसके लिए हमने मुख्यालय में पत्र भेजा हुआ है. जल्दी उस पद की भी पूर्ति की जाएगी. हालांकि, अस्पताल प्रशासन से इतर इलाज कराने आ रहे मरीज बेहद परेशान हैं. लंबी लाइनों में लगकर पर्चा बनवाने के लिए लगे हैं और उसके बाद भी उनको डॉक्टर नहीं मिल रहे. अपने बच्चे का इलाज कराने आए एक मरीज का कहना है कि वो दो घंटे से डॉक्टर के इंतजार में बैठे हैं, लेकिन डॉक्टर अपने केबिन में ही नहीं हैं. उनको बताया गया है कि डॉक्टर किसी कारणवश बाहर गए हुए हैं, जल्दी आएंगे लेकिन कब आएंगे यह कोई नहीं बता रहा है.

हरिद्वार: प्रदेश के सबसे बड़े जिले हरिद्वार के सरकारी अस्पताल (haridwar district hospital) में इलाज कराना इन दिनों बेहद मुश्किल हो गया (patients are upset) है. सबसे पहले तो मरीज को जिला हॉस्पिटल में लगी लंबी लाइन में पर्ची बनवाने के लिए खड़ा होना होगा, जिसमें घंटों बाद नंबर आ रहा है. उसके बाद डॉक्टर को दिखाने में भी कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही (healthcare facility in haridwar) है. यहां तक कि अस्पताल में दवाएं मौजूद नहीं हैं. दवाई बाहर से लेने को कहा जा रहा है.

जब हरिद्वार के सीएमएस डॉ चंदन मिश्रा से हॉस्पिटल के बाहर लगी लंबी लाइन और डॉक्टरों के न होने की जानकारी ली गई तो उनका कहना था कि आमतौर पर सोमवार से लेकर बुधवार तक 300 से 400 मरीज प्रतिदिन हॉस्पिटल में आते हैं. लेकिन बुधवार के बाद इनकी संख्या घट जाती है. वहीं, डॉ. मिश्रा ने मरीजों की ज्यादा संख्या का कारण वायरल सीजन का होना बताया. उनका कहना था कि वायरल होने के कारण सर्दी, खांसी, जुकाम के मरीज ज्यादा हैं. इसके साथ ही अस्पताल में डेंगू के लिए भी एक वार्ड सुनिश्चित किया गया है. राहत की बात ये है कि अभी तक टेस्टिंग में कोई डेंगू पॉजिटिव नहीं आया है.

हरिद्वार जिला हॉस्पिटल में इलाज हुआ मुश्किल
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वहीं, डॉक्टरों की कमी को लेकर डॉ चंदन मिश्रा ने बताया कि, अस्पताल में केवल एक सर्जन की कमी है, जिसके लिए हमने मुख्यालय में पत्र भेजा हुआ है. जल्दी उस पद की भी पूर्ति की जाएगी. हालांकि, अस्पताल प्रशासन से इतर इलाज कराने आ रहे मरीज बेहद परेशान हैं. लंबी लाइनों में लगकर पर्चा बनवाने के लिए लगे हैं और उसके बाद भी उनको डॉक्टर नहीं मिल रहे. अपने बच्चे का इलाज कराने आए एक मरीज का कहना है कि वो दो घंटे से डॉक्टर के इंतजार में बैठे हैं, लेकिन डॉक्टर अपने केबिन में ही नहीं हैं. उनको बताया गया है कि डॉक्टर किसी कारणवश बाहर गए हुए हैं, जल्दी आएंगे लेकिन कब आएंगे यह कोई नहीं बता रहा है.

Last Updated : Aug 27, 2022, 1:57 PM IST
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