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मायावती के मंच से उतरते ही कार्यकर्ता ने किया ये काम, देखते रह गए 'अखिलेश और मुलायम' - रुड़की

रैली के बाद जैसे ही मायावती मंच से नीचे उतरीं, वैसे ही बसपा कार्यकर्ता होर्डिंग्स के पास पहुंच गए. इस दौरान बसपा कार्यकर्ता अपने नेताओं जैसे मायावती, बाबा साहेब और ज्योतिबा के होर्डिंग्स उतार कर घर ले जाने लगे.

होर्डिंग ले जाने की होड़ में कार्यकर्ता
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Published : Apr 6, 2019, 8:39 PM IST

Updated : Apr 6, 2019, 11:31 PM IST

रुड़की: धर्मनगरी के रुड़की में शनिवार को मायावती ने बसपा प्रत्याशी अंतरिक्ष सैनी के समर्थन में जनसभा की. इस दौरान रैली में सपा और बसपा दोनों के कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया, लेकिन रैली खत्म होते ही बसपा कार्यकर्ताओं में होर्डिंग उतारने की होड़ मच गई.

होर्डिंग ले जाने की होड़ में कार्यकर्ता

दरअसल, एनएच-58 के पास हुई रैली में मायावती, भीम राव अंबेडकर, ज्योतिबा फूले, अखिलेश यादव और मुलायम सिंह के बड़े-बड़े होर्डिंग लगे थे. शनिवार को रैली के बाद जैसे ही मायावती मंच से नीचे उतरीं, वैसे ही बसपा कार्यकर्ता होर्डिंग्स के पास पहुंच गए. इस दौरान बसपा कार्यकर्ता अपने नेताओं जैसे मायावती, बाबा साहेब और ज्योतिबा के होर्डिंग्स उतार कर घर ले जाने लगे.

यह भी पढ़ें: भाजपा की रैली में मौसम में डाला खलल, नहीं पहुंच पाए हरक सिंह रावत

वहीं सपा नेताओं के पोस्टर वैसे के वैसे ही खड़े रहे. इस दौरान होर्डिंग उतारने की ऐसी होड़ मची की बसपा कार्यकर्ताओं में तू तू- मैं मैं शुरू हो गई. गनीमत रही कि कार्यकर्ता आपस में उलझे नहीं वरना पार्टी की किरकिरी हो सकती थी.

मायावती के खिलाफ फूटा हिंदू संगठनों का गुस्सा
वहीं दूसरी ओर बीएसपी सुप्रीमो मायावती द्वारा खुद की मूर्ति की तुलना श्रीराम से करने के मामले ने अब तूल पकड़ लिया है. जिसको लेकर आज हिंदू सगंठन के कार्यकर्ताओं ने मायावती के खिलाफ मोर्चा खोल दिया.

इस दौरान लक्सर कोतवाली में मायावती के खिलाफ तहरीर दी गई और जमकर नारेबाजी हुई. हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं ने कहा कि बसपा सुप्रीमो द्वारा हिंदुओं के आदर्श मर्यादा पुरुषोत्तम राम से खुद की तुलना सामाजिक रूप से अनुचित है. इससे हिंदुओं की भावना को ठेस पहुंची है.

रुड़की: धर्मनगरी के रुड़की में शनिवार को मायावती ने बसपा प्रत्याशी अंतरिक्ष सैनी के समर्थन में जनसभा की. इस दौरान रैली में सपा और बसपा दोनों के कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया, लेकिन रैली खत्म होते ही बसपा कार्यकर्ताओं में होर्डिंग उतारने की होड़ मच गई.

होर्डिंग ले जाने की होड़ में कार्यकर्ता

दरअसल, एनएच-58 के पास हुई रैली में मायावती, भीम राव अंबेडकर, ज्योतिबा फूले, अखिलेश यादव और मुलायम सिंह के बड़े-बड़े होर्डिंग लगे थे. शनिवार को रैली के बाद जैसे ही मायावती मंच से नीचे उतरीं, वैसे ही बसपा कार्यकर्ता होर्डिंग्स के पास पहुंच गए. इस दौरान बसपा कार्यकर्ता अपने नेताओं जैसे मायावती, बाबा साहेब और ज्योतिबा के होर्डिंग्स उतार कर घर ले जाने लगे.

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वहीं सपा नेताओं के पोस्टर वैसे के वैसे ही खड़े रहे. इस दौरान होर्डिंग उतारने की ऐसी होड़ मची की बसपा कार्यकर्ताओं में तू तू- मैं मैं शुरू हो गई. गनीमत रही कि कार्यकर्ता आपस में उलझे नहीं वरना पार्टी की किरकिरी हो सकती थी.

मायावती के खिलाफ फूटा हिंदू संगठनों का गुस्सा
वहीं दूसरी ओर बीएसपी सुप्रीमो मायावती द्वारा खुद की मूर्ति की तुलना श्रीराम से करने के मामले ने अब तूल पकड़ लिया है. जिसको लेकर आज हिंदू सगंठन के कार्यकर्ताओं ने मायावती के खिलाफ मोर्चा खोल दिया.

इस दौरान लक्सर कोतवाली में मायावती के खिलाफ तहरीर दी गई और जमकर नारेबाजी हुई. हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं ने कहा कि बसपा सुप्रीमो द्वारा हिंदुओं के आदर्श मर्यादा पुरुषोत्तम राम से खुद की तुलना सामाजिक रूप से अनुचित है. इससे हिंदुओं की भावना को ठेस पहुंची है.

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एंकर- आज एनएच 58 पर होटल मौर्य के सामने के मैदान में बसपा सुप्रीमो मायावती की एक जनसभा था जिसमे वो हरिद्वार से लोकसभा प्रत्याशी डॉ अंतरिक्ष सैनी के पक्ष में 11 अप्रैल को मतदान करने की अपील करने आई थी जैसे है मायावती ने अपना चुनावी भाषण समाप्त कर वापस लौट गई तो उसके बाद सभा मे पहुचे बसपा के कार्यकर्ताओं ने बसपा सुप्रीमो मायावती के मंच के पास एक और लगे मायावती, बाबा भीम राव अम्बेडकर,महात्मा ज्योतिबा फुले,आदि के बड़े बड़े बैनर और फेलक्स लगाए गए थे तो मंच के दूसरी और गठबंधन वाली पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव और उनके पिता मुलायम सिंह यादव के होर्डिंग लगे थे मगर मायावती के भाषण के समाप्त होते ही एयर बसपा सुप्रीमो के मंच से नीचे उतरने के बाद बसपा के कार्यकर्ताओं ने बसपा सुप्रीमो मायावती,बाबा भीम राव अम्बेडकर, और बाकी अन्य दलित समाज के बड़े नाम के बैनरों को उतारने की होड़ सी मच गई बैनर उतार कर अपने अपने घर लेकर जाने को भी बसपा समर्थको में आपस मे ही तूतू मैंमैं हो गयी गनीमत ये रही कि समर्थक एक दूसरे के साथ उलझे नही वार्ना शायद हालात ये थे कि बैनरो को अपने साथ लेकर जाने को समर्थक किसी भी हद तक जाने को तैयार हो गए थे जबकि मंच की दूसरी और लगे मुलायम और अखिलेश यादव के बैनर ज्यो के त्यों खड़े रहे उनको अपने साथ शायद कोई लेकर जाने वाला नही था जिसके हाथ जिसका भी बैनर लगा वो लेकर चलते बने  मगर सोचने वाली बात ये है कि जनसभा या रैलियों में मतदान से पहले ही दोनो पार्टियों के समर्थकों में अपनी अपनी पार्टी के लोगो को ही मानते या सम्मान देते है तो गठबंधन में वोट देंगे या नही या इस तरह की समर्थको के बीच इस तरह की अपने अपने नेताओं को लेकर गुटबाजी फिर सामने आएगी या नही ये तो आने वाला समय ही तय कर पायेगा
Last Updated : Apr 6, 2019, 11:31 PM IST
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