लक्सर: पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन के संतों की पेशवाई पूरे भारत का भ्रमण करते हुए गुजरात से चलकर राजस्थान, उत्तर प्रदेश होते हुए 3 मार्च को पीपली गांव लक्सर में प्रवेश करेगी.
सहायक सचिव पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन प्रयागराज महंत व्यास मुनि ने जानकारी दी कि कुंभ के दौरान निकलने वाली पेशवाई शाही-जुलूस, अखाड़ों की संस्कृति की धार्मिक धरोहर है. इसे पूरी शान-शौकत के साथ निकाला जाएगा. उन्होंने बताया कि पेशवाई में चार महंत होते हैं. (श्री महंत और तीन मुख्य महंत होते हैं).
वहीं, इस दौरान बैंड बाजा, सुंदर झांकियां, मंदिर जिसमें श्री गोला साहिब भगवान जी की भव्य मूर्ति के साथ साधु संत तपस्वी होते हैं. चार संप्रदाय के 13 अखाड़े होते हैं, इन 13 अखाड़ों के सभी प्रतिनिधि इस पेशवाई में शामिल होते हैं. 2 अप्रैल को हरिद्वार छावनी में पेशवाई प्रवेश करेगी और ध्वजा साहब खड़ी होंगी.
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4 अप्रैल को पेशवाई जिसमें पूरे भारत के संत-महात्मा, महामंडलेश्वर बैंड बाजों के साथ सोने-चांदी के सिंहासन पर बैठकर भगवान श्री गोला साहिब की मूर्ति के साथ पूरे हरिद्वार नगर में भ्रमण करते हुए छावनी में प्रवेश करेंगे. 12 अप्रैल को शाही स्नान होगा, जिसमें सभी महंत, साधु-संत मंडलेश्वर अपने-अपने ओहदों पर बैठकर स्नान करेंगे. 14 तारीख को दूसरा और 27 तारीख को तीसरे स्नान के साथ ही कुंभ स्नान संपन्न हो जाएगा.
लक्सर के पीपली महंत सुखदेव आनंद ने कहा कि आगामी 3 मार्च को भव्य शोभायात्रा निकाली जाएगी. 4 मार्च को अखाड़े में माता की चौकी का आयोजन किया जाएगा. इसके बाद 5 मार्च को श्री गोला साहिब जी भगवान का भव्य पूजा पाठ का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा. इस अवसर पर महंत श्री त्रिभुवनदास उदासीन अखाड़ा बांदा ने भी अखाड़े के भ्रमण शील मंडल गुजरात राजस्थान उत्तर प्रदेश से होते हुए उत्तराखंड में प्रवेश करने को लेकर जानकारी दी.