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सनातन धर्म की रक्षा के लिए निकाली गई पदयात्रा, धर्म और संस्कृति का किया प्रचार-प्रसार

डासना पीठ के पीठाधीश्वर नरसिम्हा नंद सरस्वती महाराज ने धर्म जगाओ अस्तित्व बचाओ नाम से एक पदयात्रा का शुरू कर दी है. यह पदयात्रा विभिन्न मठ मंदिरों में जाएगी. जहां पर हिंदू धर्म और संस्कृति की रक्षा के लिए वचन लिया जाएगा.

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Published : Nov 6, 2019, 5:09 PM IST

Updated : Nov 6, 2019, 7:18 PM IST

पदयात्रा

हरिद्वारः सनातन धर्म की रक्षा के लिए 'धर्म जगाओ अस्तित्व बचाओ' पदयात्रा शुरू हो गई है. जिसकी अगुवाई डासना पीठ के पीठाधीश्वर नरसिम्हा नंद सरस्वती महाराज कर रहे हैं. इस दौरान उन्होंने लोगों से इस पद यात्रा में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने की अपील की. साथ ही हिंदू धर्म और संस्कृति की प्रचार-प्रसार करने की बात कही. वहीं, इस पदयात्रा को स्थानीय लोगों ने भी अपना समर्थन दिया.

सनातन धर्म की रक्षा के लिए निकाली गई पदयात्रा.

अपनी हिंदूवादी कट्टर छवि से पहचाने जाने वाले स्वामी यति नरसिम्हा नंद सरस्वती बीते रोज भूमानंद आश्रम पहुंचे. जहां उन्होंने हिंदू धर्म की रक्षा और अस्तित्व बचाने के लिए भूमानंद आश्रम के पीठाधीश्वर अच्युतानंद महाराज से मुलाकात की और पदयात्रा को लेकर चर्चा की. जिसके बाद बुधवार यानि आज उन्होंने 'धर्म जगाओ अस्तित्व बचाओ' नाम से एक पदयात्रा का शुभारंभ किया. जिसमें क्षेत्र के दर्जनों साधु संतों ने भाग लिया.

ये भी पढे़ंः मानव श्रृंखलाः बच्चों को घंटों धूप में खड़ा रखने पर बाल आयोग सख्त, CM को लिखा पत्र

डासना पीठ के पीठाधीश्वर यति नरसिम्हा नंद सरस्वती ने बताया कि आज हिंदू धर्म अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है. जबकि, गैर हिंदू धर्म अपनी संख्या और अपने धर्म का प्रचार जोर-शोर से कर रहे हैं. ऐसे में हिंदू धर्म का प्रचार-प्रसार और संस्कृति की रक्षा करने की जरुरत है. जिसके लिए वे अपनी पदयात्रा में विभिन्न मठ मंदिरों में जाएंगे. साधु संतों से हिंदू धर्म की रक्षा और संस्कृति की रक्षा के लिए वचन लेंगे.

हरिद्वारः सनातन धर्म की रक्षा के लिए 'धर्म जगाओ अस्तित्व बचाओ' पदयात्रा शुरू हो गई है. जिसकी अगुवाई डासना पीठ के पीठाधीश्वर नरसिम्हा नंद सरस्वती महाराज कर रहे हैं. इस दौरान उन्होंने लोगों से इस पद यात्रा में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने की अपील की. साथ ही हिंदू धर्म और संस्कृति की प्रचार-प्रसार करने की बात कही. वहीं, इस पदयात्रा को स्थानीय लोगों ने भी अपना समर्थन दिया.

सनातन धर्म की रक्षा के लिए निकाली गई पदयात्रा.

अपनी हिंदूवादी कट्टर छवि से पहचाने जाने वाले स्वामी यति नरसिम्हा नंद सरस्वती बीते रोज भूमानंद आश्रम पहुंचे. जहां उन्होंने हिंदू धर्म की रक्षा और अस्तित्व बचाने के लिए भूमानंद आश्रम के पीठाधीश्वर अच्युतानंद महाराज से मुलाकात की और पदयात्रा को लेकर चर्चा की. जिसके बाद बुधवार यानि आज उन्होंने 'धर्म जगाओ अस्तित्व बचाओ' नाम से एक पदयात्रा का शुभारंभ किया. जिसमें क्षेत्र के दर्जनों साधु संतों ने भाग लिया.

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डासना पीठ के पीठाधीश्वर यति नरसिम्हा नंद सरस्वती ने बताया कि आज हिंदू धर्म अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है. जबकि, गैर हिंदू धर्म अपनी संख्या और अपने धर्म का प्रचार जोर-शोर से कर रहे हैं. ऐसे में हिंदू धर्म का प्रचार-प्रसार और संस्कृति की रक्षा करने की जरुरत है. जिसके लिए वे अपनी पदयात्रा में विभिन्न मठ मंदिरों में जाएंगे. साधु संतों से हिंदू धर्म की रक्षा और संस्कृति की रक्षा के लिए वचन लेंगे.

Intro:एंकर:--  सनातन धर्म की रक्षा के लिए धर्म जगाओ अस्तित्व बचाओ पदयात्रा का आरंभ आज हरिद्वार के भूमानंद आश्रम से  हुआ । जिसकी अगुवाई डासना पीठ के पीठाधीश्वर नरसिम्हा नंद सरस्वती महाराज कर रहे हैं इस अवसर पर भूमानन्द आश्रम के पीठाधीश्वर अच्युतानंद महाराज भी मौजूद रहे साथ ही हरिद्वार के लोगो ने  भी अपना समर्थन इस पदयात्रा को दिया।Body:वीओ:-  अपनी हिंदूवादी कट्टर छवि से जाने जानने  वाले नरसिम्हा नंद सरस्वती 1 दिन पूर्व भूमानन्द आश्रम पहुंचे थे जहां उन्होंने हिंदू धर्म की रक्षा और अस्तित्व बचाने के लिए भूमानंद आश्रम के पीठाधीश्वर अच्युतानंद महाराज से चर्चा करी थी इसके बाद आज उन्होंने  धर्म जगाओ अस्तित्व बचाओ नाम से एक पद यात्रा का शुभारंभ किया जिसमें क्षेत्र के दर्जनों साधु संतों ने भाग लिया साथ ही इस पदयात्रा का समर्थन करते हुए इस अवसर पर  डासना पीठ के पीठाधीश्वर यदि नरसिम्हा नंद सरस्वती ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि आज हिंदू धर्म अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है जबकि गैर हिंदू धर्म अपनी संख्या और अपने धर्म का प्रचार जोर-शोर से कर रहे हैं आज जरूरत है कि हिंदू धर्म का प्रचार प्रसार और उसकी रक्षा और उसकी संस्कृति रक्षा की जाए जिसके लिए वे अपनी पदयात्रा में विभिन्न मठ मंदिरों में जाएंगे और साधु संतों से हिंदू धर्म के प्रचार प्रसार और उसकी रक्षा और उसकी संस्कृति की रक्षा के लिए वचन लेंगे।  Conclusion:बाइट :-- स्वामी यति नरसिम्हा नंद सरस्वती महाराज, डासना पीठाधीश्वर।
बाइट:-- ज्ञान नाथ जी महाराज 
Last Updated : Nov 6, 2019, 7:18 PM IST
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