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हरिद्वारः रंग लाई उत्तराखंड पुलिस की ये मुहिम, 343 बच्चों को मिली 'आजादी'

अक्सर लोग पुलिस पर तरह-तरह के सवाल उठाते हैं, लेकिन पुलिस जनकल्याण और समाजसेवा के कार्यों में पीछे नहीं है. उत्तराखंड पुलिस का 'ऑपरेशन मुक्ति' अभियान इसका जीता जागता उदाहरण है. पुलिस की इस मुहिम ने भीख मांगने वाले बच्चों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने का कार्य किया है.

ऑपरेशन मुक्ति
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Published : Nov 16, 2019, 10:29 AM IST

Updated : Nov 16, 2019, 10:42 AM IST

हरिद्वार: भिक्षावृत्ति में लिप्त छोटे बच्चों का जीवन सुधारने और उन्हें मुख्यधारा से जोड़ने के लिए उत्तराखंड पुलिस द्वारा चलाए जा रहे अभियान 'ऑपरेशन मुक्ति' का आज समापन हो गया. भेल के कन्वेंशन हॉल में आयोजित समारोह में डीजी लॉ एंड आर्डर अशोक कुमार ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की. डीजी ने बच्चों को स्कूल सामग्री भी वितरित की.

'ऑपरेशन मुक्ति' का समापन.

बता दें कि हरिद्वार में करीब 400 बच्चों को चिन्हित किया गया था. इनमें से 275 बच्चों को ऑपरेशन मुक्ति के तहत हरिद्वार के विभिन्न स्कूलों में दाखिला दिलाया गया है. उत्तराखंड पुलिस की यह मुहिम समाज की मुख्यधारा से अलग-थलग पड़े इन बच्चों को मुख्यधारा में लाने के लिए काफी कारगर साबित हुई है.

वहीं इस समापन समारोह में हरिद्वार के पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ इस अभियान में जुड़ने वाली सामाजिक संस्थाओं और स्कूली बच्चों ने भी शिरकत की. डीजी अशोक कुमार कहना है कि भिक्षावृत्ति एक अपराध है और समाज में भिक्षा मांगने वाले बच्चों को भिक्षा नहीं शिक्षा देने के उद्देश्य से इस अभियान की शुरुआत की गई है.

पहले चरण में यह अभियान हरिद्वार और देहरादून में चलाया गया है. इस अभियान के तहत 68 बच्चों को देहरादून में और 275 बच्चों को हरिद्वार के विभिन्न स्कूलों में दाखिला दिलाया गया है. ताकि इन बच्चों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ा जा सके. स्कूल में दाखिल किए गए बच्चों और इनके परिवार वालों की लगातार मॉनिटरिंग पुलिस द्वारा की जाएगी.

अगर परिवारजन बच्चों को स्कूल नहीं भेजते हैं या पुनः भिक्षावृति कराते हैं तो इसमें परिवार वालों को जेल भेजने का प्रावधान भी रखा गया है. उत्तराखंड के विभिन्न जनपदों में आगे भी यह अभियान चलाया जाएगा. वहीं इस अभियान में सबसे ज्यादा सफलता पुलिस को हरिद्वार में मिली है.

स्थानीय लोग भी उत्तराखंड पुलिस द्वारा चलाए गए ऑपरेशन मुक्ति अभियान की सराहना कर रहे हैं. जिन स्कूलों में इन बच्चों को दाखिला दिलाया गया है उनमें निर्धन निकेतन स्कूल के प्रबंधक ऋषि रामकृष्ण का कहना है कि इस तरह के अभियान समाज के लिए आवश्यक है. स्कूल में 74 बच्चों को दाखिला दिलाया गया है जिनका शिक्षा और भोजन का खर्चा संस्था द्वारा उठाया जाएगा और यह पुलिस द्वारा उठाया गया एक सराहनीय कदम है.
यह भी पढ़ेंः दिव्यांशी की पेंटिंग को गूगल ने बनाया डूडल, अब देगा सात लाख की स्कॉलरशिप

पिछले करीब दो महीनों से उत्तराखंड पुलिस द्वारा चलाए जा रहे अभियान ऑपरेशन मुक्ति का आज हरिद्वार में समापन हो गया. इस अभियान के जरिए पुलिस ने हरिद्वार और देहरादून जनपद में कुल 343 भिक्षा मांगने वाले बच्चों को स्कूल में दाखिला दिलाकर समाज की मुख्यधारा से जोड़ने का काम किया है. भिक्षा मांग अपना जीवन यापन करने वाले बच्चों के जीवन को सुधारने वाले पुलिस के इस कदम की जितनी भी सराहना की जाए वह कम है.

हरिद्वार: भिक्षावृत्ति में लिप्त छोटे बच्चों का जीवन सुधारने और उन्हें मुख्यधारा से जोड़ने के लिए उत्तराखंड पुलिस द्वारा चलाए जा रहे अभियान 'ऑपरेशन मुक्ति' का आज समापन हो गया. भेल के कन्वेंशन हॉल में आयोजित समारोह में डीजी लॉ एंड आर्डर अशोक कुमार ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की. डीजी ने बच्चों को स्कूल सामग्री भी वितरित की.

'ऑपरेशन मुक्ति' का समापन.

बता दें कि हरिद्वार में करीब 400 बच्चों को चिन्हित किया गया था. इनमें से 275 बच्चों को ऑपरेशन मुक्ति के तहत हरिद्वार के विभिन्न स्कूलों में दाखिला दिलाया गया है. उत्तराखंड पुलिस की यह मुहिम समाज की मुख्यधारा से अलग-थलग पड़े इन बच्चों को मुख्यधारा में लाने के लिए काफी कारगर साबित हुई है.

वहीं इस समापन समारोह में हरिद्वार के पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ इस अभियान में जुड़ने वाली सामाजिक संस्थाओं और स्कूली बच्चों ने भी शिरकत की. डीजी अशोक कुमार कहना है कि भिक्षावृत्ति एक अपराध है और समाज में भिक्षा मांगने वाले बच्चों को भिक्षा नहीं शिक्षा देने के उद्देश्य से इस अभियान की शुरुआत की गई है.

पहले चरण में यह अभियान हरिद्वार और देहरादून में चलाया गया है. इस अभियान के तहत 68 बच्चों को देहरादून में और 275 बच्चों को हरिद्वार के विभिन्न स्कूलों में दाखिला दिलाया गया है. ताकि इन बच्चों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ा जा सके. स्कूल में दाखिल किए गए बच्चों और इनके परिवार वालों की लगातार मॉनिटरिंग पुलिस द्वारा की जाएगी.

अगर परिवारजन बच्चों को स्कूल नहीं भेजते हैं या पुनः भिक्षावृति कराते हैं तो इसमें परिवार वालों को जेल भेजने का प्रावधान भी रखा गया है. उत्तराखंड के विभिन्न जनपदों में आगे भी यह अभियान चलाया जाएगा. वहीं इस अभियान में सबसे ज्यादा सफलता पुलिस को हरिद्वार में मिली है.

स्थानीय लोग भी उत्तराखंड पुलिस द्वारा चलाए गए ऑपरेशन मुक्ति अभियान की सराहना कर रहे हैं. जिन स्कूलों में इन बच्चों को दाखिला दिलाया गया है उनमें निर्धन निकेतन स्कूल के प्रबंधक ऋषि रामकृष्ण का कहना है कि इस तरह के अभियान समाज के लिए आवश्यक है. स्कूल में 74 बच्चों को दाखिला दिलाया गया है जिनका शिक्षा और भोजन का खर्चा संस्था द्वारा उठाया जाएगा और यह पुलिस द्वारा उठाया गया एक सराहनीय कदम है.
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पिछले करीब दो महीनों से उत्तराखंड पुलिस द्वारा चलाए जा रहे अभियान ऑपरेशन मुक्ति का आज हरिद्वार में समापन हो गया. इस अभियान के जरिए पुलिस ने हरिद्वार और देहरादून जनपद में कुल 343 भिक्षा मांगने वाले बच्चों को स्कूल में दाखिला दिलाकर समाज की मुख्यधारा से जोड़ने का काम किया है. भिक्षा मांग अपना जीवन यापन करने वाले बच्चों के जीवन को सुधारने वाले पुलिस के इस कदम की जितनी भी सराहना की जाए वह कम है.

Intro:भिक्षावृत्ति में लिप्त छोटे बच्चों के जीवन सुधार के लिए और इन गरीब बच्चों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए उत्तराखंड पुलिस द्वारा चलाए जा रहे अभियान ऑपरेशन मुक्ति का आज समापन हो गया भेल के कन्वेंशन हॉल में आयोजित समापन समारोह में एडीजी लॉ एंड आर्डर अशोक कुमार ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे एडीजी लॉ एंड ऑर्डर ने इन बच्चों को स्कूल सामग्री भी वितरित की आपको बता दें कि हरिद्वार में करीब 400 बच्चों को चिन्हित किया गया था इनमें से 275 बच्चों को ऑपरेशन मुक्ति के तहत हरिद्वार के विभिन्न स्कूलों में दाखिला दिलाया गया है उत्तराखंड पुलिस की यह मुहिम समाज की मुख्यधारा से अलग-थलग पड़े इन बच्चों को मुख्यधारा में लाने के लिए काफी कारगर साबित हुई है वही इस समापन समारोह में हरिद्वार के पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ इस अभियान में जुड़ने वाली सामाजिक संस्थाओं और स्कूली बच्चों ने भी शिरकत की
Body:ऑपरेशन मुक्ति अभियान के समापन समारोह में शिरकत करने पहुंचे एडीजी लॉ एंड ऑर्डर अशोक कुमार कहना है कि भिक्षावृत्ति एक अपराध है और समाज में भिक्षा मांगने वाले बच्चों को भिक्षा नहीं शिक्षा देने के उद्देश्य से इस अभियान की शुरुआत की गई है पहले चरण में यह अभियान हरिद्वार और देहरादून में चलाया गया है इस अभियान के तहत 68 बच्चों को देहरादून में और 275 बच्चों को हरिद्वार के विभिन्न स्कूलों में दाखिला दिलाया गया है ताकि इन बच्चों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ा जा सके स्कूल में दाखिल किए गए बच्चों की और इनके परिवार वालों की लगातार मॉनिटरिंग पुलिस द्वारा की जाएगी अगर परिवार जन बच्चों को स्कूल नहीं भेजते हैं या पुनः भिक्षावृति कराते हैं तो इसमें परिवार वालों को जेल भेजने का प्रावधान भी रखा गया है उत्तराखंड के विभिन्न जनपदों में आगे भी यह अभियान चलाया जाएगा वही इस अभियान में सबसे ज्यादा सफलता पुलिस को हरिद्वार में मिली है

बाइट--अशोक कुमार----एडीजी लॉ एंड आर्डर----उत्तराखंड

स्थानीय लोग भी उत्तराखंड पुलिस द्वारा चलाए गए ऑपरेशन मुक्ति अभियान की सराहना कर रहे जिन स्कूलों में इन बच्चों को दाखिला दिलाया गया है निर्धन निकेतन स्कूल के प्रबंधन ऋषि राम कृष्ण का कहना है कि इस तरह के अभियान समाज के लिए आवश्यक है उत्तराखंड में ही नहीं अपितु पूरे देश में इस तरह के अभियानों को आयोजित किया जाना चाहिए पुलिस द्वारा हमारे स्कूल में 74 बच्चों को दाखिला दिलाया गया है जिनका शिक्षा और भोजन का खर्चा संस्थाओं द्वारा उठाया जाएगा और यह पुलिस के द्वारा उठाया गया एक सराहनीय कदम है

बाइट--ऋषि राम कृष्ण--प्रबंधक निर्धन निकेतनConclusion:पिछले करीब दो महीनो से उत्तराखंड पुलिस द्वारा चलाए जा रहे अभियान ऑपरेशन मुक्ति का आज हरिद्वार में समापन हो गया इस अभियान के जरिए पुलिस ने हरिद्वार और देहरादून जनपद में कुल 343 भिक्षा मांगने वाले बच्चों को स्कूल में दाखिला दिला समाज की मुख्यधारा से जोड़ने का काम किया है भिक्षा मांग अपना जीवन यापन करने वाले बच्चों के जीवन को सुधारने वाले पुलिस के इस कदम की जितनी भी सराहना की जाए वह कम है
Last Updated : Nov 16, 2019, 10:42 AM IST
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