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खुद को बताया बैंक का कस्टमर केयर अफसर, देहरादून के शख्स से ठग लिए 2 लाख - देहरादून न्यूज

उत्तराखंड में ऑनलाइन ठगी के मामले बढ़ते जा रहे हैं. साइबर अपराधी रोज नए-नए तरीके अपना कर लोगों को अपने जाल में फंसा रहे हैं. ऐसा ही एक मामला देहरादून से सामने आया है. यहां बैंक का कस्टमर केयर अफसर बनकर एक शख्स से दो लाख रुपए ठग लिए गए.

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Published : Sep 15, 2021, 12:45 PM IST

देहरादून: टेक्नोलॉजी जैसे-जैसे एडवांस्ड हो रही है, जालसाज भी ठगी के उतने ही एडवांस्ड तरीके इजाद कर ले रहे हैं. आए दिन फाइनेंशियल फ्रॉड के नए तरीके सामने आ रहे हैं. ऐसी ही एक ऑनलाइन ठगी का एक ताजा मामला देहरादून से सामने आया है. यहां साइबर अपराधी ने पंजाब नेशनल बैंक का कस्टमर केयर अधिकारी बनकर एक व्यक्ति से दो लाख रुपए ठग लिए.

रायपुर थाना क्षेत्र के बालावाला में रहने वाले परीक्षित सिंह ने इस मामले में पुलिस को एक तहरीर दी है. उन्होंने बताया कि बीती 21 अप्रैल को उन्होंने अपने दोस्त को 598 रुपए गूगल पे के जरिए ट्रांसफर किए थे. उनके खाते से तो 598 रुपए कट गए थे, लेकिन उनके दोस्त के खाते में नहीं पहुंचे. हालांकि उन्होंने दोबारा से फिर से पैसे ट्रांसफर किए तो दोस्त के खाते में चल गए.

परीक्षित सिंह ने पहले बार में कटे रुपयों की जानकारी के लिए गूगल पर पंजाब नेशनल बैंक के कस्टमर केयर का नंबर सर्च किया. इसके बाद उन्हें पंजाब नेशनल बैंक के कस्टमर केयर के नाम से एक फोन नंबर मिला, जिस पर उन्होंने फोन किया.

पढ़ें- महिला बन ठगे 22 लाख रुपए, मुंबई से नाइजीरियन ठग गिरफ्तार

परीक्षित सिंह के मुताबिक फोन रिसीव करने वाले व्यक्ति ने खुद को पीएनबी कस्टमर केयर सर्विस का अधिकारी बताया था. इसके बाद परीक्षित सिंह ने कस्टमर केयर अधिकारी को अपनी परेशानी बताई. कथित कस्टमर केयर अधिकारी ने परीक्षित सिंह के मोबाइल पर एक लिंक भेजा और जो भी उसमें जानकारी मांग गई वो भरने का कहा. परीक्षित सिंह ने बिना कुछ समझे लिंक पर क्लिक किया और उसमें अपनी सारी गोपनीय जानकारी भर दी. इसके कुछ देर बाद ही उनके खाते से दो लाख रुपए कट गए. परीक्षित सिंह ने पुलिस को मामले की शिकायत की है.

थाना रायपुर प्रभारी अमरजीत सिंह ने बताया कि साइबर थाने से जांच पूरी होने के बाद अज्ञात आरोपी के खिलाफ धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं में मुकदमा पंजीकृत किया गया. साथ ही पीड़ित के पास आये फोन नंबर को ट्रेस किया जा रहा है.

पढ़ें- क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने का झांसा देकर ठगते थे, मास्टर माइंड समेत 4 शातिर अरेस्ट

कैसे करते हैं ठगी: दरअसल, वर्तमान में लगभग सभी प्रोडक्ट और सर्विस के लिए कस्टमर सपोर्ट उपलब्ध है. कस्टमर केयर के नंबर जब लोग गूगल पर सर्च करते हैं तो ठगों की फर्जी वेबसाइट के जरिए फर्जी मोबाइल नंबर सबसे पहले सामने आते हैं. इन नंबर को सही मानकर लोग कॉल करते हैं. इसके बाद ठग खुद को कस्टमर केयर एग्जीक्यूटिव बताकर उस व्यक्ति से डिटेल लेते हैं और ठगी करते हैं. ठगों ने कई पेमेंट एप्लिकेशंस, बैंकों और कंपनियों के नाम पर फर्जी कस्टमर केयर नंबर इंटरनेट पर डाल रखे हैं.

फ्रॉड से बचने के लिए अपनाए ये उपाय: कस्टमर केयर के नाम पर होने वाली ठगी से बचने लिए सावधानी रखनी होगी. सबसे पहले आपको कस्टमर केयर के नंबर सर्च करते समय सतर्क रहना होगा. नंबर सिर्फ कंपनी की ऑफिशियल वेबसाइट से ही लेने चाहिए. इसके साथ ही जिस नंबर पर आप कॉल करने जा रहे हैं, उसके ऑनलाइन रिव्यू भी देख सकते हैं.

कभी भी पर्सनल जानकारी शेयर नहीं करें: कस्टमर केयर पर कॉल करने पर अपनी कोई पर्सनल जानकारी नहीं दें. यह ध्यान रखें कि बैंक के कस्टमर एग्जीक्यूटिव फोन नंबर या ईमेल के जरिए कभी भी पर्सनल जानकारी नहीं मांगते हैं. आप किसी को भी अपने लास्ट ट्रांजैक्शन की डिटेल शेयर न करें. इसके साथ ही अपने डेबिट-क्रेडिट कार्ड के पासवर्ड या ओटीपी नहीं बताने चाहिए. इस तरह से इन टिप्स को अपनाकर आप कस्टमर केयर के नाम पर होने वाली ठगी से बच सकते हैं.

देहरादून: टेक्नोलॉजी जैसे-जैसे एडवांस्ड हो रही है, जालसाज भी ठगी के उतने ही एडवांस्ड तरीके इजाद कर ले रहे हैं. आए दिन फाइनेंशियल फ्रॉड के नए तरीके सामने आ रहे हैं. ऐसी ही एक ऑनलाइन ठगी का एक ताजा मामला देहरादून से सामने आया है. यहां साइबर अपराधी ने पंजाब नेशनल बैंक का कस्टमर केयर अधिकारी बनकर एक व्यक्ति से दो लाख रुपए ठग लिए.

रायपुर थाना क्षेत्र के बालावाला में रहने वाले परीक्षित सिंह ने इस मामले में पुलिस को एक तहरीर दी है. उन्होंने बताया कि बीती 21 अप्रैल को उन्होंने अपने दोस्त को 598 रुपए गूगल पे के जरिए ट्रांसफर किए थे. उनके खाते से तो 598 रुपए कट गए थे, लेकिन उनके दोस्त के खाते में नहीं पहुंचे. हालांकि उन्होंने दोबारा से फिर से पैसे ट्रांसफर किए तो दोस्त के खाते में चल गए.

परीक्षित सिंह ने पहले बार में कटे रुपयों की जानकारी के लिए गूगल पर पंजाब नेशनल बैंक के कस्टमर केयर का नंबर सर्च किया. इसके बाद उन्हें पंजाब नेशनल बैंक के कस्टमर केयर के नाम से एक फोन नंबर मिला, जिस पर उन्होंने फोन किया.

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परीक्षित सिंह के मुताबिक फोन रिसीव करने वाले व्यक्ति ने खुद को पीएनबी कस्टमर केयर सर्विस का अधिकारी बताया था. इसके बाद परीक्षित सिंह ने कस्टमर केयर अधिकारी को अपनी परेशानी बताई. कथित कस्टमर केयर अधिकारी ने परीक्षित सिंह के मोबाइल पर एक लिंक भेजा और जो भी उसमें जानकारी मांग गई वो भरने का कहा. परीक्षित सिंह ने बिना कुछ समझे लिंक पर क्लिक किया और उसमें अपनी सारी गोपनीय जानकारी भर दी. इसके कुछ देर बाद ही उनके खाते से दो लाख रुपए कट गए. परीक्षित सिंह ने पुलिस को मामले की शिकायत की है.

थाना रायपुर प्रभारी अमरजीत सिंह ने बताया कि साइबर थाने से जांच पूरी होने के बाद अज्ञात आरोपी के खिलाफ धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं में मुकदमा पंजीकृत किया गया. साथ ही पीड़ित के पास आये फोन नंबर को ट्रेस किया जा रहा है.

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कैसे करते हैं ठगी: दरअसल, वर्तमान में लगभग सभी प्रोडक्ट और सर्विस के लिए कस्टमर सपोर्ट उपलब्ध है. कस्टमर केयर के नंबर जब लोग गूगल पर सर्च करते हैं तो ठगों की फर्जी वेबसाइट के जरिए फर्जी मोबाइल नंबर सबसे पहले सामने आते हैं. इन नंबर को सही मानकर लोग कॉल करते हैं. इसके बाद ठग खुद को कस्टमर केयर एग्जीक्यूटिव बताकर उस व्यक्ति से डिटेल लेते हैं और ठगी करते हैं. ठगों ने कई पेमेंट एप्लिकेशंस, बैंकों और कंपनियों के नाम पर फर्जी कस्टमर केयर नंबर इंटरनेट पर डाल रखे हैं.

फ्रॉड से बचने के लिए अपनाए ये उपाय: कस्टमर केयर के नाम पर होने वाली ठगी से बचने लिए सावधानी रखनी होगी. सबसे पहले आपको कस्टमर केयर के नंबर सर्च करते समय सतर्क रहना होगा. नंबर सिर्फ कंपनी की ऑफिशियल वेबसाइट से ही लेने चाहिए. इसके साथ ही जिस नंबर पर आप कॉल करने जा रहे हैं, उसके ऑनलाइन रिव्यू भी देख सकते हैं.

कभी भी पर्सनल जानकारी शेयर नहीं करें: कस्टमर केयर पर कॉल करने पर अपनी कोई पर्सनल जानकारी नहीं दें. यह ध्यान रखें कि बैंक के कस्टमर एग्जीक्यूटिव फोन नंबर या ईमेल के जरिए कभी भी पर्सनल जानकारी नहीं मांगते हैं. आप किसी को भी अपने लास्ट ट्रांजैक्शन की डिटेल शेयर न करें. इसके साथ ही अपने डेबिट-क्रेडिट कार्ड के पासवर्ड या ओटीपी नहीं बताने चाहिए. इस तरह से इन टिप्स को अपनाकर आप कस्टमर केयर के नाम पर होने वाली ठगी से बच सकते हैं.

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