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गुलदार के आतंक से मिलेगी निजात, ट्रैंकुलाइज गन से लैस होंगे वनकर्मी

जिले में गुलदार के आतंक से लोगों में काफी समय से दहशत है. इसके चलते गुलदार को ट्रैंकुलाइज करने के लिए हरिद्वार वन विभाग कार्यालय में एक दिन का प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया गया है.

leopard tranquilize
गुलदार को ट्रैंकुलाइज करने का एक दिवसीय प्रशिक्षण.
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Published : Jan 7, 2020, 5:23 PM IST

हरिद्वार: वन प्रभाग ने अपने कर्मचारियों को गुलदार और जंगली जानवरों को ट्रैंकुलाइज करने के लिए एक दिन का प्रशिक्षण शिविर हरिद्वार वन विभाग कार्यालय में आयोजित किया. इस प्रशिक्षण शिविर के माध्यम से कर्मचारियों को ट्रेनिंग के दौरान बताया गया कि गुलदार को किस तरीके से ट्रैंकुलाइज कर नियंत्रित किया जा सकता है. ताकि गुलदार आबादी क्षेत्र का रुख न करे.

गुलदार को ट्रैंकुलाइज करने का एक दिवसीय प्रशिक्षण.

पिछले दिनों आबादी क्षेत्र में गुलदार की धमक से लोग खौफजदा हैं. ऐसे में अब विभाग ने अपने कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया. जिससे वह गुलदार को आबादी वाले क्षेत्रों से दूर रख सके. ताकि कोई अप्रिय घटना ना हो, इसके लिए वनकर्मियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है.

यह भी पढ़ें: चौबटिया-नागपानी-दिहोली सड़क मार्ग बनने पर विवाद जारी, सेना की फायरिंग रेंज है पास

वाइल्ड लाइफ डॉ. अमित ध्यानी ने बताया कि इस ट्रेनिंग का मुख्य उद्देश्य वन कर्मियों को इक्विपमेंट्स की जानकारी देना है. साथ ही ट्रैंकुलाइज गन को कैसे चलाया जाता है ये भी सब सिखाना है. जिससे वनकर्मी विपरीत परिस्थितियों में कार्य करने में सक्षम हो सकें. इस प्रशिक्षण का उद्देश्य उन्हें विकट परिस्थितियों में सूझ-बूझ से काम करना भी सिखाया जा रहा है.

वहीं, वन प्रभाग अधिकारी अकाश वर्मा ने बताया कि पिछले दिनों क्षेत्र में गुलदार द्वारा कई घटनाओं को अंजाम दिया गया. जिसमें दो लोगों की मौत भी हो गई. जिसको देखते हुए वन विभाग की ओर से कई प्रयास किए गए हैं. फिलहाल, गुलदार को वन क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में ट्रांसफर कर दिया गया. वहीं, आबादी क्षेत्र में दूसरा लेपर्ड दिखाई देने के बाद वनकर्मियों को ट्रैंकुलाइज गन की ट्रेनिंग दी जा रही है.

हरिद्वार: वन प्रभाग ने अपने कर्मचारियों को गुलदार और जंगली जानवरों को ट्रैंकुलाइज करने के लिए एक दिन का प्रशिक्षण शिविर हरिद्वार वन विभाग कार्यालय में आयोजित किया. इस प्रशिक्षण शिविर के माध्यम से कर्मचारियों को ट्रेनिंग के दौरान बताया गया कि गुलदार को किस तरीके से ट्रैंकुलाइज कर नियंत्रित किया जा सकता है. ताकि गुलदार आबादी क्षेत्र का रुख न करे.

गुलदार को ट्रैंकुलाइज करने का एक दिवसीय प्रशिक्षण.

पिछले दिनों आबादी क्षेत्र में गुलदार की धमक से लोग खौफजदा हैं. ऐसे में अब विभाग ने अपने कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया. जिससे वह गुलदार को आबादी वाले क्षेत्रों से दूर रख सके. ताकि कोई अप्रिय घटना ना हो, इसके लिए वनकर्मियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है.

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वाइल्ड लाइफ डॉ. अमित ध्यानी ने बताया कि इस ट्रेनिंग का मुख्य उद्देश्य वन कर्मियों को इक्विपमेंट्स की जानकारी देना है. साथ ही ट्रैंकुलाइज गन को कैसे चलाया जाता है ये भी सब सिखाना है. जिससे वनकर्मी विपरीत परिस्थितियों में कार्य करने में सक्षम हो सकें. इस प्रशिक्षण का उद्देश्य उन्हें विकट परिस्थितियों में सूझ-बूझ से काम करना भी सिखाया जा रहा है.

वहीं, वन प्रभाग अधिकारी अकाश वर्मा ने बताया कि पिछले दिनों क्षेत्र में गुलदार द्वारा कई घटनाओं को अंजाम दिया गया. जिसमें दो लोगों की मौत भी हो गई. जिसको देखते हुए वन विभाग की ओर से कई प्रयास किए गए हैं. फिलहाल, गुलदार को वन क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में ट्रांसफर कर दिया गया. वहीं, आबादी क्षेत्र में दूसरा लेपर्ड दिखाई देने के बाद वनकर्मियों को ट्रैंकुलाइज गन की ट्रेनिंग दी जा रही है.

Intro:एंकर :-हरिद्वार वन प्रभाग ने अपने कर्मचारियों को गुलदार व जंगली जानवरों को ट्रेंकुलाइज करने के लिए एक  दिन का  प्रशिक्षण शिविर हरिद्वार वन विभाग कार्यालय में आयोजित किया इस प्रशिक्षण शिविर के माध्यम से कर्मचारियों को इस तरह की ट्रेनिंग दी गई है कि गुलदार को किस तरीके से ट्रंकुलाइज  कर नियंत्रित किया जाए.पिछले दिनों  देखा गया है कि हरिद्वार क्षेत्र में पार्क छेत्र  से निकलकर गुलदार  आए दिन सड़कों पर या लोगों के घरों में आ जाते हैं और कभी-कभी लोगों को अपना शिकार भी बना लेते हैं। इस तरह की कई घटनाओं को गुलदार अंजाम दे चुके हैं जिससे यहां पर क्षेत्र में कई मौतें भी हो चुकी हैं इसी को ध्यान में रखते हुए विभाग ने अपने कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने के लिए यहां एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया जिसमें यहां गुलदार को ट्रेंकुलाइज कर उसकी गतिविधियों को नियंत्रित करने का प्रशिक्षण दिया गया है। 
Body:Vo1 वाइल्ड लाइफ डॉ अमित ध्यानी ने बताया कि इस ट्रेनिंग का मुख्य उद्देश्य वन कर्मियों को एक्युमेंट्स  के बारे में जानकारी देना वह उन्हें कैसे चलाया जाता है यह सब सिखाना है  ताकि किसी भी स्थिति में वह कार्य करने में सक्षम हो सके।  इस ट्रेनिंग के दौरान वन्य कर्मियों को वन्यजीवों को कैसे ट्रेंकुलाइज किया जाता है उसके बारे में जानकारी दी गई है साथ ही उन परिस्थितियों मैं सूझबूझ से कैसे कार्य करना है यह सब सिखाया गया है

Vo -2 वहीं वन प्रभाग अधिकारी अकाश वर्मा ने बताया कि पिछले दिनों हरिद्वार क्षेत्र में लेपर्ड द्वारा कई घटनाओं को अंजाम दिया गया है जिसमें दो लोगों की मृत्यु भी हो गई थी जिसको देखते हुए हमारे द्वारा कई प्रयास किए गए और उस लेपर्ड को वन क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में ट्रांसफर कर दिया गया था लेकिन अब इस क्षेत्र में दूसरा लेपर्ड आ गया है जिसको देखते हुए वन कर्मियों को यह प्रशिक्षण देना बहुत ही आवश्यक था इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश वन कर्मियों को उन परिस्थितियों के अनुकूल बनाना है जिस समय लेपर्ड किसी के घर में या फिर सड़कों पर दिखाई पड़ता है.Conclusion:बाइट:-अकाश वर्मा डीएफओ हरिद्वार
बाइट :-डॉक्टर अमित ध्यानी
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