हरिद्वार: उत्तराखंड में कोरोना महामारी विकराल रूप लेती जा रही है. देहरादून के बाद सबसे ज्यादा चिंताजनक हालात हरिद्वार जिले में ही हैं. बावजूद इसके हरिद्वार जिले के अधिकारी कोरोना को लेकर संजीदा नजर नहीं आ रहे हैं. इसकी तस्दीक मंगलवार को उत्तराखंड सरकार में राज्य मंत्री स्वामी यतिश्वरानंद की हरिद्वार में हुई बैठक में देखने को मिली. हरिद्वार में कोरोना को लेकर मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद ने महत्वपूर्ण बैठक बुलाई थी, जिसमें कई अधिकारी पहुंचे ही नहीं. जिस पर मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद ने नाराजगी व्यक्त की और उनसे दो दिन में कारण बताओ नोटिस का जवाब मांगा है.
हरिद्वार जिले के अधिकारी मंत्री और मुख्यमंत्री के आदेशों की अवेहना करने में लगे हैं. उन्हें सरकार के किसी आदेश से कोई फर्क नहीं पड़ता है. बीते रविवार को मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने स्पष्ट किया था कि कोरोना को लेकर किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. यदि कोई अधिकारी ऐसे समय में भी लापरवाही करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. लेकिन हरिद्वार में अधिकारियों पर मुख्यमंत्री के इस आदेश का कोई असर नहीं पड़ता दिख रहा है. ये हम नहीं कह रहे हैं, बल्कि मंगलवार को हरिद्वार में कोरोना के लेकर हुई बैठक में ऐसा ही देखने को मिला.
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दरअसल, राज्य मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद ने हरिद्वार में कोरोना के हालात को लेकर अटल बिहारी गेस्ट हाउस में अधिकारियों की बैठक बुलाई थी. लेकिन इसमें स्वास्थ्य विभाग और हरिद्वार नगर निगम के अधिकारी गैर हाजिर रहे. इस पर मंत्री बिफर गए और उन्होंने बैठक में गैर हाजिर रहे अधिकारियों को नोटिस भेजकर 36 घंटे के अंदर बैठक में उपस्थित नहीं होने के लिए स्पष्टीकरण करना मांगा.
मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद ने साफ किया है कि कोरोना को लेकर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. अधिकारियों की लापरवाही से यदि किसी भी जान जाती है तो उसके खिलाफ कार्रवाई जाएगी. साथ ही उन्होंने कोरोना की जंग में महत्वपूर्ण इंजेक्शन रेमडेसिविर को लेकर भी अधिकारियों के जरूरी दिशा-निर्देश दिए हैं. साथ ही रेमडेसिविर इंजेक्शन के स्टॉक की रिपोर्ट बनाकर शासन भेजने के निर्देश दिए हैं. हरिद्वार कुंभ के आगामी शाही स्नान को लेकर मंत्री स्वामी यतिस्वरानंद ने कहा कि शासन और मेला प्रशासन ने कोरोना को देखते हुए सभी प्रकार की व्यवस्था की है.