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लड़कियों कर लो दुनिया मुट्ठी में!, IIT रुड़की में बिना GATE पास किए PHD में मिलेगा एडमिशन

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की ने पीएचडी करने वाली छात्राओं के लिए एक नई पहल शुरू की है. शकुंतला नामक इस पहल के चलते छात्राओं को सिर्फ इंटरव्यू पास करने के बाद एडमिशन मिल सकेगा. छात्राओं की कमी को पूरा करने के लिए ये पहल महत्वपूर्ण है. प्रतिभावान छात्राओं के लिए नए सत्र से शकुंतला फेलोशिप के जरिये मात्र इंटरव्यू पास करना होगा और आसानी से एडमिशन प्राप्त कर सकेंगी.

IIT Roorkee
आईआईटी रुड़की
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Published : Mar 2, 2022, 2:35 PM IST

Updated : Mar 2, 2022, 2:47 PM IST

रुड़की: आईआईटी रुड़की (Indian Institute Of Technology Roorkee) ने पीएचडी करने वाली छात्राओं के लिए एक नई पहल शुरू की है. जिससे पीएचडी करने वाली छात्राओं में खुशी की लहर है. शकुंतला नामक इस पहल के चलते छात्राओं को सिर्फ इंटरव्यू पास करने के बाद एडमिशन मिल सकेगा. छात्राओं की कमी को पूरा करने के लिए ये पहल महत्वपूर्ण है. प्रतिभावान छात्राओं के लिए नए सत्र से शकुंतला फेलोशिप के जरिये मात्र इंटरव्यू पास करना होगा और आसानी से एडमिशन प्राप्त कर सकेंगी.

बता दें कि, आईआईटी रुड़की ने इंजीनियरिंग और शोध कार्यों में प्रतिभावान छात्राओं को आगे बढ़ाने के लिए एक अनूठी पहल शुरू की है. जिसमें संस्थान नए सत्र से छात्राओं के लिए शकुंतला फेलोशिप शुरू करने जा रहा है. इस फेलोशिप के माध्यम से छात्राएं ग्रेजुएट एप्टीट्यूड टेस्ट इन इंजीनियरिंग (गेट) के बिना आईआईटी रुड़की में पीएचडी प्रोग्राम में एडमिशन ले सकेंगी. संस्थान की सीनेट ने इस निर्णय पर अपनी मुहर लगा दी है. वहीं गेट परीक्षा पास करके आने वाले विद्यार्थियों की भांति ही शकुंतला फेलोशिप के माध्यम से दाखिला लेने वाली छात्राओं को भी सभी सुविधाएं प्राप्त होंगी.
पढ़ें: यूक्रेन से लौटी काशीपुर की कादंबिनी ने बताया 5 किमी पैदल चलकर पार किया बॉर्डर, खौफनाक हैं हालात

दरअसल, आईआईटी रुड़की में पीएचडी प्रोग्राम में दाखिला लेने वाले छात्र-छात्राओं की संख्या में काफी अंतर है. मौजूदा समय में संस्थान में इंजीनियरिंग कोर्स में जहां पीएचडी करने वाले छात्रों की संख्या 1,237 है, तो वहीं छात्राओं की संख्या मात्र 436 है. जबकि गैर इंजीनियरिंग कोर्सेज में पीएचडी करने वाले छात्रों की संख्या 615 और छात्राओं की संख्या 401 है. ऐसे में पीएचडी के छात्र-छात्राओं के बीच के इस अंतर को कम करने के लिए आईआईटी रुड़की पीएचडी में दाखिला लेने की इच्छुक प्रतिभावान छात्राओं के लिए नए सत्र से शकुंतला फेलोशिप शुरू करने जा रहा है.

आईआईटी में ऐसे होता है एडमिशन: आईआईटी में सीट हासिल कर पाना आसान नहीं है. क्योंकि छात्रों को प्रवेश के लिए कठिन प्रवेश परीक्षाओं की बाधा पार करनी पड़ती है. बीटेक जैसे यूजी इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए, छात्रों को जेईई एडवांस्ड से गुजरना पड़ता है. इसे विश्व की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है. यदि हम आवेदकों की संख्या को सीट के अनुपात की दृष्टि से देखें तो आईआईटी में प्रवेश के पहले चरण की परीक्षा में सफल रहने वाले शीर्ष के 2,50,000 छात्र उपलब्ध लगभग 11,000 बीटेक सीटों के लिए प्रतिस्पर्धा करते हैं. अन्य पीजी प्रोग्रामों में प्रवेश विभिन्न राष्ट्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षाओं के माध्यम से दिए जाते हैं.

क्या जेईई के बिना आईआईटी में प्रवेश मिल सकता है? : बीटेक के अलावा अन्य पाठ्यक्रमों में प्रवेश के इच्छुक छात्रों के पास आईआईटी में प्रवेश पाने के कई विकल्प हैं. आईआईटी में एमटेक करने के इच्छुक छात्र गेट (GATE) के माध्यम से प्रवेश ले सकते हैं जबकि कैट (CAT) के माध्यम से इनके मैनेजमेंट प्रोग्रामों में प्रवेश मिलता है. ये सभी प्रवेश परीक्षाएं राष्ट्रीय स्तर की परीक्षाएं हैं जिनमें बड़ी संख्या में आवेदक हिस्सा लेते हैं. आईआईटीज में मानविकी, सामाजिक विज्ञान और अन्य अंतरविषयक प्रोग्रामों में प्रवेश संस्थान स्तर की प्रवेश परीक्षाओं के माध्यम से दिया जाता है जो कि संबंधित संस्थानों द्वारा ही आयोजित की जाती हैं.

रुड़की: आईआईटी रुड़की (Indian Institute Of Technology Roorkee) ने पीएचडी करने वाली छात्राओं के लिए एक नई पहल शुरू की है. जिससे पीएचडी करने वाली छात्राओं में खुशी की लहर है. शकुंतला नामक इस पहल के चलते छात्राओं को सिर्फ इंटरव्यू पास करने के बाद एडमिशन मिल सकेगा. छात्राओं की कमी को पूरा करने के लिए ये पहल महत्वपूर्ण है. प्रतिभावान छात्राओं के लिए नए सत्र से शकुंतला फेलोशिप के जरिये मात्र इंटरव्यू पास करना होगा और आसानी से एडमिशन प्राप्त कर सकेंगी.

बता दें कि, आईआईटी रुड़की ने इंजीनियरिंग और शोध कार्यों में प्रतिभावान छात्राओं को आगे बढ़ाने के लिए एक अनूठी पहल शुरू की है. जिसमें संस्थान नए सत्र से छात्राओं के लिए शकुंतला फेलोशिप शुरू करने जा रहा है. इस फेलोशिप के माध्यम से छात्राएं ग्रेजुएट एप्टीट्यूड टेस्ट इन इंजीनियरिंग (गेट) के बिना आईआईटी रुड़की में पीएचडी प्रोग्राम में एडमिशन ले सकेंगी. संस्थान की सीनेट ने इस निर्णय पर अपनी मुहर लगा दी है. वहीं गेट परीक्षा पास करके आने वाले विद्यार्थियों की भांति ही शकुंतला फेलोशिप के माध्यम से दाखिला लेने वाली छात्राओं को भी सभी सुविधाएं प्राप्त होंगी.
पढ़ें: यूक्रेन से लौटी काशीपुर की कादंबिनी ने बताया 5 किमी पैदल चलकर पार किया बॉर्डर, खौफनाक हैं हालात

दरअसल, आईआईटी रुड़की में पीएचडी प्रोग्राम में दाखिला लेने वाले छात्र-छात्राओं की संख्या में काफी अंतर है. मौजूदा समय में संस्थान में इंजीनियरिंग कोर्स में जहां पीएचडी करने वाले छात्रों की संख्या 1,237 है, तो वहीं छात्राओं की संख्या मात्र 436 है. जबकि गैर इंजीनियरिंग कोर्सेज में पीएचडी करने वाले छात्रों की संख्या 615 और छात्राओं की संख्या 401 है. ऐसे में पीएचडी के छात्र-छात्राओं के बीच के इस अंतर को कम करने के लिए आईआईटी रुड़की पीएचडी में दाखिला लेने की इच्छुक प्रतिभावान छात्राओं के लिए नए सत्र से शकुंतला फेलोशिप शुरू करने जा रहा है.

आईआईटी में ऐसे होता है एडमिशन: आईआईटी में सीट हासिल कर पाना आसान नहीं है. क्योंकि छात्रों को प्रवेश के लिए कठिन प्रवेश परीक्षाओं की बाधा पार करनी पड़ती है. बीटेक जैसे यूजी इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए, छात्रों को जेईई एडवांस्ड से गुजरना पड़ता है. इसे विश्व की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है. यदि हम आवेदकों की संख्या को सीट के अनुपात की दृष्टि से देखें तो आईआईटी में प्रवेश के पहले चरण की परीक्षा में सफल रहने वाले शीर्ष के 2,50,000 छात्र उपलब्ध लगभग 11,000 बीटेक सीटों के लिए प्रतिस्पर्धा करते हैं. अन्य पीजी प्रोग्रामों में प्रवेश विभिन्न राष्ट्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षाओं के माध्यम से दिए जाते हैं.

क्या जेईई के बिना आईआईटी में प्रवेश मिल सकता है? : बीटेक के अलावा अन्य पाठ्यक्रमों में प्रवेश के इच्छुक छात्रों के पास आईआईटी में प्रवेश पाने के कई विकल्प हैं. आईआईटी में एमटेक करने के इच्छुक छात्र गेट (GATE) के माध्यम से प्रवेश ले सकते हैं जबकि कैट (CAT) के माध्यम से इनके मैनेजमेंट प्रोग्रामों में प्रवेश मिलता है. ये सभी प्रवेश परीक्षाएं राष्ट्रीय स्तर की परीक्षाएं हैं जिनमें बड़ी संख्या में आवेदक हिस्सा लेते हैं. आईआईटीज में मानविकी, सामाजिक विज्ञान और अन्य अंतरविषयक प्रोग्रामों में प्रवेश संस्थान स्तर की प्रवेश परीक्षाओं के माध्यम से दिया जाता है जो कि संबंधित संस्थानों द्वारा ही आयोजित की जाती हैं.

Last Updated : Mar 2, 2022, 2:47 PM IST
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