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कुख्यात को सता रहा है फर्जी एनकाउंटर में मारे जाने का डर, पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप - Life threat to criminal

रंगदारी और हत्या के आरोपी प्रवीण वाल्मीकि को अपनी जान के खतरा का डर सता रहा है. आरोपी ने पुलिस पर उसे एकाउंटर में जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाया है. वहीं पुलिस ने आरोपी के सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया है.

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जान का खतरा
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Published : Feb 8, 2020, 9:41 PM IST

रूडकी: कहते हैं अपनी जान सबको प्यारी होती है. चाहे वो अपराधी हो या आम आदमी. जो दूसरों की जान के दुश्मन होते हैं, उनको भी अपनी जान प्यारी होती है. ऐसा ही एक मामला सामने आया है रुड़की से जहां कुख्यात बदमाश प्रवीण वाल्मीकि को अपनी जान का खतरा सता रहा है. मामले में प्रवीण वाल्मीकि ने पुरसाड़ी जेल के जेलर के माध्यम से न्यायालय को पत्र भेजकर अवगत कराया है.

जान का खतरा

कुख्यात प्रवीण के अधिवक्ता विनीत कुमार ने बताया कि पेशी के दौरान प्रवीण वाल्मीकि ने उन्हें बताया कि गंगनहर कोतवाली प्रभारी और एसओजी प्रभारी उन्हें बार-बार एनकाउंटर कर मारने की धमकी देते हैं, जिसके चलते उन्हें पुलिस से जान का खतरा बना हुआ है. आपको बता दें कि प्रवीण पर हत्या, रंगदारी समेत कई गम्भीर मुकदमे दर्ज हैं.


बता दें कि चार अलग-अलग मामलों में रुड़की रामनगर कोर्ट में पेशी के लिए आए प्रवीण ने अपने अधिवक्ता को रुड़की पुलिस से जान का खतरा बताया है. फिलहाल कुख्यात प्रवीण वाल्मीकि चमोली जिले की पुरसाड़ी जेल में बंद हैं. जिसे भारी सुरक्षा के बीच रुड़की रामनगर कोर्ट में पेशी के लिए लाया गया था.

अधिवक्ता विनीत कुमार ने बताया कि पेशी के दौरान प्रवीण ने बताया कि रुड़की गंगनहर कोतवाली के इंचार्ज राजेश शाह और एसओजी प्रभारी रविन्द्र कुमार द्वारा उसे एनकाउंटर कर जान से मारने की धमकी दे रहे हैं. कोर्ट में पेशी के दौरान जज को भी इस मामले से अवगत कराया गया.

ये भी पढ़े: ऋषिकेश एम्स में महिला ने दिया चार बच्चों को जन्म

वही पुलिस की माने तो पेशी के दौरान अपराधी इस तरह के बाते करते हैं, जो बेबुनियाद होते हैं. एसपी देहात स्वपन किशोर ने बताया कि अपराधियों के द्वारा इस तरह की पेशी में बाते कही जाती रही हैं, इस तरह की बात पुलिस की कार्यप्रणाली का अंग न रही है ना हो सकती हैं. ऐसा आरोप वो अपनी पेशी के दौरान लगा रहा है, जबकि सच्चाई इससे भिन्न है. उन्होंने साफ लफ़्ज़ों में कहा जो अपराधी घटना में संलिप्त है. उनके विरुद्ध सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी.

आपको ये भी बता दें कि कुख्यात प्रवीण वाल्मीकि पर रंगदारी मांगने, हत्या, हत्या का प्रयास जैसे दर्जनों मुकदमें दर्ज हैं. जिनके चलते वो लम्बे समय से जेल में बंद हैं, लेकिन जेल से ही अपना आपराधिक नेटवर्क चलाने के आरोप प्रवीण वाल्मीकि पर अक्सर लगते रहे हैं. वहीं उत्तराखंड पुलिस जेल में बन्द कुख्यातों का नेटवर्क तोड़ने में लगी हुई है.

रूडकी: कहते हैं अपनी जान सबको प्यारी होती है. चाहे वो अपराधी हो या आम आदमी. जो दूसरों की जान के दुश्मन होते हैं, उनको भी अपनी जान प्यारी होती है. ऐसा ही एक मामला सामने आया है रुड़की से जहां कुख्यात बदमाश प्रवीण वाल्मीकि को अपनी जान का खतरा सता रहा है. मामले में प्रवीण वाल्मीकि ने पुरसाड़ी जेल के जेलर के माध्यम से न्यायालय को पत्र भेजकर अवगत कराया है.

जान का खतरा

कुख्यात प्रवीण के अधिवक्ता विनीत कुमार ने बताया कि पेशी के दौरान प्रवीण वाल्मीकि ने उन्हें बताया कि गंगनहर कोतवाली प्रभारी और एसओजी प्रभारी उन्हें बार-बार एनकाउंटर कर मारने की धमकी देते हैं, जिसके चलते उन्हें पुलिस से जान का खतरा बना हुआ है. आपको बता दें कि प्रवीण पर हत्या, रंगदारी समेत कई गम्भीर मुकदमे दर्ज हैं.


बता दें कि चार अलग-अलग मामलों में रुड़की रामनगर कोर्ट में पेशी के लिए आए प्रवीण ने अपने अधिवक्ता को रुड़की पुलिस से जान का खतरा बताया है. फिलहाल कुख्यात प्रवीण वाल्मीकि चमोली जिले की पुरसाड़ी जेल में बंद हैं. जिसे भारी सुरक्षा के बीच रुड़की रामनगर कोर्ट में पेशी के लिए लाया गया था.

अधिवक्ता विनीत कुमार ने बताया कि पेशी के दौरान प्रवीण ने बताया कि रुड़की गंगनहर कोतवाली के इंचार्ज राजेश शाह और एसओजी प्रभारी रविन्द्र कुमार द्वारा उसे एनकाउंटर कर जान से मारने की धमकी दे रहे हैं. कोर्ट में पेशी के दौरान जज को भी इस मामले से अवगत कराया गया.

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वही पुलिस की माने तो पेशी के दौरान अपराधी इस तरह के बाते करते हैं, जो बेबुनियाद होते हैं. एसपी देहात स्वपन किशोर ने बताया कि अपराधियों के द्वारा इस तरह की पेशी में बाते कही जाती रही हैं, इस तरह की बात पुलिस की कार्यप्रणाली का अंग न रही है ना हो सकती हैं. ऐसा आरोप वो अपनी पेशी के दौरान लगा रहा है, जबकि सच्चाई इससे भिन्न है. उन्होंने साफ लफ़्ज़ों में कहा जो अपराधी घटना में संलिप्त है. उनके विरुद्ध सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी.

आपको ये भी बता दें कि कुख्यात प्रवीण वाल्मीकि पर रंगदारी मांगने, हत्या, हत्या का प्रयास जैसे दर्जनों मुकदमें दर्ज हैं. जिनके चलते वो लम्बे समय से जेल में बंद हैं, लेकिन जेल से ही अपना आपराधिक नेटवर्क चलाने के आरोप प्रवीण वाल्मीकि पर अक्सर लगते रहे हैं. वहीं उत्तराखंड पुलिस जेल में बन्द कुख्यातों का नेटवर्क तोड़ने में लगी हुई है.

Intro:रुड़की

रूडकी: कहते है अपनी जान सबको प्यारी होती है। चाहे वो अपराधी हो या समाजसेवी, जो दूसरों की जान के दुश्मन होते है उनको भी अपनी जान प्यारी होती है। ऐसा ही एक मामला कुख्यात बदमाश प्रवीण बाल्मीकि का सामने आया है, जिसपर हत्या, रंगदारी समेत कई गम्भीर मुकदमे दर्ज है। लेकिन अब कुख्यात को भी अपनी जान का खतरा सता रहा है। प्रवीण बाल्मीकि ने पुरसाड़ी जेल के जेलर के माध्यम से न्यायालय को पत्र भेजकर अवगत भी कराया है। कुख्यात के अधिवक्ता विनीत कुमार का कहना है कि कुख्यात प्रवीण वाल्मीकि ने पेशी के दौरान उन्हें बताया कि गंगनहर कोतवाली प्रभारी और एसओजी प्रभारी उन्हें बार-बार एनकाउंटर कर मारने की धमकी देते है, जिसके चलते उन्हें पुलिस से अपनी जान का खतरा बना हुआ है। उन्हें लगता है कि रुड़की पुलिस कभी भी गलत तरीके से एनकाउंटर दिखाकर उनकी हत्या करा सकती है।

Body:बता दे कि चार अलग-अलग मामलों में रुड़की रामनगर कोर्ट में पेशी पर पहुँचे कुखयात बदमाश प्रवीण बाल्मीकि ने अपने अधिवक्ता को रुड़की पुलिस से जान का खतरा बताया है। फिलहाल कुख्यात प्रवीण वाल्मीकि चमोली जिले की पुरसाड़ी जेल में बंद है। जिसे भारी सुरक्षा के बीच रुड़की रामनगर कोर्ट में पेशी पर लाया गया था। कुख्यात के अधिवक्ता विनीत कुमार ने बताया कि पेशी के दौरान उनके क्लाइंट प्रवीण बाल्मीकि ने उनसे बातचीत में बताया कि रुड़की गंगनहर कोतवाली के इंचार्ज राजेश शाह और एसओजी प्रभारी रविन्द्र कुमार द्वारा उसे एनकाउंटर में मारने को धमकी दी जा रही है। जिसके चलते प्रवीण बाल्मीकि द्वारा पुरसाडी जेलर के माध्यम से एक पत्र रुड़की न्यायालय में भी भिजवाया गया हैं। अधिवक्ता द्वारा बताया गया कि कोर्ट में पेशी के दौरान वह जज साहब को भी इस मामले से अवगत कराएँगे। वही पुलिस की माने तो पेशबंदी के दौरान अपराधी इस तरह के कथन करते है जो बेबुनियाद होते है। एसपी देहात स्वपन किशोर ने बताया कि अपराधियों के द्वारा इस तरह की पेशबंदी में कथन किए जाते रहे हैं, इस तरह की बात पुलिस की कार्यप्रणाली का अंग न रही है ना हो सकती है। ऐसे आरोप वह अपनी पेशबंदी में लगा रहे हैं जबकि सच्चाई इससे भिन्न है उन्होंने साफ लफ़्ज़ों में कहा जो अपराधी घटना में संलिप्त है उनके विरुद्ध सख्त से सख्त कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। विधिका शासन बनाए रखने के लिए हर कार्यवाही पर अमल होगा।

Conclusion:आपको ये भी बता दे कि कुख्यात प्रवीण वाल्मीकि पर रंगदारी मांगने, हत्या, हत्या का प्रयास जैसे दर्जनों मुकदमे दर्ज है, जिनके चलते वह लम्बे समय से जेल में बंद है लेकिन जेल से ही अपना आपराधिक नेटवर्क चलाने के आरोप प्रवीण वाल्मीकि पर अक्सर लगते रहे है। वहीं उत्तराखंड पुलिस जेल में बन्द कुख्यातो का नेटवर्क तोड़ने में लगी हुई है।

बाइट-- विनित कुमार (अधिवक्ता)
बाइट-- स्वपन किशोर (एसपी देहात)
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