हरिद्वार: निरंजनी अखाड़े में आचार्य महामंडलेश्वर पद को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. पिछले महीने मकर संक्रांति पर हरिद्वार में इस पद पर निरंजनी अखाड़े द्वारा स्वामी कैलाशानंद का पट्टाभिषेक किया गया था. जिसके बाद स्वामी प्रज्ञानानंद ने निरंजनी अखाड़ा के महंत नरेंद्र गिरि और रविंद्र पुरी पर पैसे लेकर आचार्य महामंडलेश्वर बनाने के गंभीर आरोप लगाए थे.
स्वामी प्रज्ञानानंद के अनुसार इन दोनों संतों ने मिलकर 2 साल पहले वाराणसी में इसी पद पर उनका पट्टाभिषेक किया था. बावजूद इसके अखाड़ों की परंपरा के विरुद्ध जाकर एक बार फिर से पैसा लेकर स्वामी कैलाशानंद को आचार्य महामंडलेश्वर बनाया है. जिसके बाद महंत नरेंद्र गिरि ने स्वामी प्रज्ञानानंद को फर्जी संत बताते हुए निरंजनी अखाड़े से बाहर का रास्ता दिखा दिया था. लेकिन स्वामी प्रज्ञानानंद लगातार निरंजनी अखाड़े के खिलाफ बयानबाजी करते रहे. जिसको लेकर अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि ने उन्हें मानहानि नोटिस भेजने की चेतावनी दी है.
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महंत नरेंद्र गिरि ने कहा कि स्वामी प्रज्ञानानंद झूठे आरोप लगाकर संत परंपरा को नीचा दिखा रहे हैं. इसलिए वे जल्द ही स्वामी प्रज्ञानानंद को मानहानि का नोटिस भेजेंगे. महंत नरेंद्र गिरि के अनुसार स्वामी कैलाशानंद ही निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर हैं.