ETV Bharat / state

नैसर्गिक सुंदरता का लुफ्त उठाना चाहते हैं तो चले आइए धर्मनगरी के नगर वन, जापान की मियावाकी तकनीक का देखिए कमाल

Haridwar nagar van तेजी से खत्म होते जंगलों को बचाने के लिए उत्तराखंड वन विभाग ने एक साल पहले बड़ा कदम उठाया था. वन विभाग का ये प्रयास हरिद्वार में रंग लाने लगा है. हरिद्वार में वन विभाग ने जापान की मियावाकी तकनीक का इस्तेमाल करके नगर वन की स्थापना की थी, जहां एक जंगल स्थापित किया गया था, जिसकी नैसर्गिक सुंदरता का लाभ उठाने के लिए अब दूर-दूर से लोग आ रहे हैं.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Nov 29, 2023, 1:11 PM IST

Updated : Nov 29, 2023, 5:03 PM IST

नैसर्गिक सुंदरता का लुफ्त उठाना चाहते हैं तो चले आइए धर्मनगरी के नगर वन

हरिद्वार: वन प्रभाग हरिद्वार ने पर्यावरण संरक्षण के लिए नगर वन की स्थापना की है. नगर वन में जापान की मियावाकी तकनीक का इस्तेमाल करके जंगल बसाया गया है और साथ ही रुद्राक्ष वन की स्थापना भी की गई है. आगे भी इस पद्धति का इस्तेमाल किए जाने की अधिकारियों की योजना है.

चारों तरफ कंक्रीट के जंगल यानी आबादी क्षेत्र विकसित हो रहे हैं, जिसके चलते प्राकृतिक जंगलों का क्षेत्रफल घट रहा है. ऐसे में हरिद्वार वन विभाग ने मियावाकी तकनीक से करीब एक हेक्टेयर का प्राकृतिक जंगल बनाया है, जो पर्यावरण के लिए काफी लाभकारी सिद्ध होगा.
पढ़ें- क्लाइमेट चेंज ने बदली भालुओं की जीवन शैली, 12 महीने हुए एक्टिव, पहाड़ों पर बढ़ा हमले का खतरा

हरिद्वार नगर वन में अलग-अलग प्रजाति के 16 हजार से ज्यादा पौधे लगाए गए हैं. यह सभी पौधे पर्यावरण के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण हैं. शैलेंद्र सिंह नेगी रेंज अधिकारी ने बताया कि कई पर्यावरण प्रेमी लगातार इस वन में आते हैं और अपने सुझाव भी इस वन को और बेहतर करने में देते हैं.

इतना ही नहीं अब तो कई श्रद्धालु भी इस नगर वन को देखने के लिए आने लगे हैं. लोगों को यहां पर एक तरह से जंगल जैसी फीलिंग आती है और उन्हें यहां अच्छा एटमॉस्फेयर पर मिलता है. इसको बनाने का उद्देश्य भी यही था. वन विभाग की इस पहल का स्थानीय लोगों ने भी स्वागत किया है.
पढ़ें- हरिद्वार की कॉलोनी में सैर करता नजर आया हाथियों का झुंड, वीडियो वायरल

आसपास के लोग नगर वन में पहुंचकर प्रकृति का लुत्फ भी उठाते हैं और अपने पूर्वजों की याद में वृक्षारोपण भी करते हैं. आप आपने परिजनों की याद में यहां पर कोई पौधा भी लगा सकते हैं. नगर वन की नर्सरी से स्थानीय लोग पौधे भी लेकर जाते हैं. यहां पर ग्रीन हाउस संचालित कर खास प्रजाति के पौधों को भी उगाया जा रहा है. यहां तैयार की गई नर्सरी में फलदार और फूलों के पौधों को लेने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं.

नैसर्गिक सुंदरता का लुफ्त उठाना चाहते हैं तो चले आइए धर्मनगरी के नगर वन

हरिद्वार: वन प्रभाग हरिद्वार ने पर्यावरण संरक्षण के लिए नगर वन की स्थापना की है. नगर वन में जापान की मियावाकी तकनीक का इस्तेमाल करके जंगल बसाया गया है और साथ ही रुद्राक्ष वन की स्थापना भी की गई है. आगे भी इस पद्धति का इस्तेमाल किए जाने की अधिकारियों की योजना है.

चारों तरफ कंक्रीट के जंगल यानी आबादी क्षेत्र विकसित हो रहे हैं, जिसके चलते प्राकृतिक जंगलों का क्षेत्रफल घट रहा है. ऐसे में हरिद्वार वन विभाग ने मियावाकी तकनीक से करीब एक हेक्टेयर का प्राकृतिक जंगल बनाया है, जो पर्यावरण के लिए काफी लाभकारी सिद्ध होगा.
पढ़ें- क्लाइमेट चेंज ने बदली भालुओं की जीवन शैली, 12 महीने हुए एक्टिव, पहाड़ों पर बढ़ा हमले का खतरा

हरिद्वार नगर वन में अलग-अलग प्रजाति के 16 हजार से ज्यादा पौधे लगाए गए हैं. यह सभी पौधे पर्यावरण के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण हैं. शैलेंद्र सिंह नेगी रेंज अधिकारी ने बताया कि कई पर्यावरण प्रेमी लगातार इस वन में आते हैं और अपने सुझाव भी इस वन को और बेहतर करने में देते हैं.

इतना ही नहीं अब तो कई श्रद्धालु भी इस नगर वन को देखने के लिए आने लगे हैं. लोगों को यहां पर एक तरह से जंगल जैसी फीलिंग आती है और उन्हें यहां अच्छा एटमॉस्फेयर पर मिलता है. इसको बनाने का उद्देश्य भी यही था. वन विभाग की इस पहल का स्थानीय लोगों ने भी स्वागत किया है.
पढ़ें- हरिद्वार की कॉलोनी में सैर करता नजर आया हाथियों का झुंड, वीडियो वायरल

आसपास के लोग नगर वन में पहुंचकर प्रकृति का लुत्फ भी उठाते हैं और अपने पूर्वजों की याद में वृक्षारोपण भी करते हैं. आप आपने परिजनों की याद में यहां पर कोई पौधा भी लगा सकते हैं. नगर वन की नर्सरी से स्थानीय लोग पौधे भी लेकर जाते हैं. यहां पर ग्रीन हाउस संचालित कर खास प्रजाति के पौधों को भी उगाया जा रहा है. यहां तैयार की गई नर्सरी में फलदार और फूलों के पौधों को लेने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं.

Last Updated : Nov 29, 2023, 5:03 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.