हरिद्वार: वन प्रभाग हरिद्वार ने पर्यावरण संरक्षण के लिए नगर वन की स्थापना की है. नगर वन में जापान की मियावाकी तकनीक का इस्तेमाल करके जंगल बसाया गया है और साथ ही रुद्राक्ष वन की स्थापना भी की गई है. आगे भी इस पद्धति का इस्तेमाल किए जाने की अधिकारियों की योजना है.
चारों तरफ कंक्रीट के जंगल यानी आबादी क्षेत्र विकसित हो रहे हैं, जिसके चलते प्राकृतिक जंगलों का क्षेत्रफल घट रहा है. ऐसे में हरिद्वार वन विभाग ने मियावाकी तकनीक से करीब एक हेक्टेयर का प्राकृतिक जंगल बनाया है, जो पर्यावरण के लिए काफी लाभकारी सिद्ध होगा.
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हरिद्वार नगर वन में अलग-अलग प्रजाति के 16 हजार से ज्यादा पौधे लगाए गए हैं. यह सभी पौधे पर्यावरण के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण हैं. शैलेंद्र सिंह नेगी रेंज अधिकारी ने बताया कि कई पर्यावरण प्रेमी लगातार इस वन में आते हैं और अपने सुझाव भी इस वन को और बेहतर करने में देते हैं.
इतना ही नहीं अब तो कई श्रद्धालु भी इस नगर वन को देखने के लिए आने लगे हैं. लोगों को यहां पर एक तरह से जंगल जैसी फीलिंग आती है और उन्हें यहां अच्छा एटमॉस्फेयर पर मिलता है. इसको बनाने का उद्देश्य भी यही था. वन विभाग की इस पहल का स्थानीय लोगों ने भी स्वागत किया है.
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आसपास के लोग नगर वन में पहुंचकर प्रकृति का लुत्फ भी उठाते हैं और अपने पूर्वजों की याद में वृक्षारोपण भी करते हैं. आप आपने परिजनों की याद में यहां पर कोई पौधा भी लगा सकते हैं. नगर वन की नर्सरी से स्थानीय लोग पौधे भी लेकर जाते हैं. यहां पर ग्रीन हाउस संचालित कर खास प्रजाति के पौधों को भी उगाया जा रहा है. यहां तैयार की गई नर्सरी में फलदार और फूलों के पौधों को लेने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं.