रूड़की: हाल ही में केंद्र सरकार के द्वारा लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी नागरिकता संशोधन बिल को हरी झंडी मिल गई है. ऐसे में देश में जहां एक तरफ खुशी का माहौल देखने को मिल रहा तो वहीं, दूसरी तरफ बिल का विरोध भी आवाजें तेजी से उठने लगी है. इस कड़ी में शुक्रवार को रुड़की और पिरान कलियर में नागरिकता संशोधन बिल के विरोध में मुस्लिम समाज के लोगों ने हाथों पर काली पट्टी बांधकर अपना विरोध जताया और सरकार को ज्ञापन भी सौंपा.
बता दें कि रामपुर स्थित मदरसा इरफानुल-उलुम में जमीयत ए उलेमा हिंद की तरफ से आयोजित कार्यक्रम में नागरिकता संशोधन बिल के विरोध में मुस्लिम समाज के लोगों एवं छात्रों ने हाथ पर काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन किया. इस दौरान कलियर से कांग्रेस विधायक हाजी फुरकान अहमद ने दोनों सदनों में नागरिकता संशोधन बिल के पास होने को काला दिन करार दिया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने दोनों सदनों से लेकर सड़कों तक इस बिल का विरोध किया है. लेकिन बहुमत का लाभ उठाते हुए भाजपा ने इस बिल को पास करवा लिया.
मौलाना नसीम अहमद कासमी ने इस बिल को देश के टुकड़े करने वाला बिल करार दिया. उन्होंने कहा कि हिन्दू मुस्लिम समेत सभी धर्मों के लिए यह बिल नुकसानदेह है, और हम चाहते हैं कि किसी भी देश और धर्म का कोई शरणार्थी हो उसे नागरिकता मिलनी चाहिए.
ये भी पढ़ें:आश्वासन के बाद संतों ने समाप्त किया अनशन, 10 दिनों का दिया अल्टीमेटम
इस मौके पर एडवोकेट नईम अहमद ने बताया कि नागरिकता संसोधन बिल में जो कुरीतियां है. उसे दूर करना चाहिए क्योंकि कोई भी कानून जनता की कसौटी पर खरा उतरना चाहिए. यह भेदभाव करने वाला कानून है इसमें हम समानता के अधिकार की मांग करते हैं, यह देश को बांटने वाला कानून है. ऐसे में पिरान कलियर में भी मुस्लिम समाज के सैकड़ों लोग सड़कों पर उतरे और नागरिकता बिल का जोरदार विरोध किया. इस मौके पर समाज के लोगों ने एक जुट होकर कहा कि ये बिल समाज को दो हिस्सों में बांटने वाला बिल है.