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धर्मनगरी में भ्रष्टाचार का अजब मामला, मां-बेटे ने फर्जी तरीके से बेच डाले ट्रस्ट के दो मंदिर

हरिद्वार में दो मंदिर बेचने का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है. कोतवाली प्रभारी अमरजीत सिंह ने बताया कि विशाल शर्मा ने पुलिस को तहरीर देकर मामले में कार्रवाई की मांग की है.

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Published : Jan 21, 2021, 11:07 AM IST

Updated : Jan 21, 2021, 1:01 PM IST

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गौरा देवी ट्रस्ट

हरिद्वार: धर्मनगरी हरिद्वार में दो मंदिर बेचने का सनसनीखेज मामला सामने आया है. जहां मां-बेटे ने फर्जी तरीके से हरिद्वार हरकी पैड़ी स्थित गौरा देवी ट्रस्ट के दो मंदिरों को बेच दिया है. आरोपी मां-बेटे ने लाखों रुपये लेकर मंदिर और अन्य संपत्ति की रजिस्ट्री कर दी. ट्रस्ट के सचिव विशाल शर्मा ने आरोपी मां-बेटे के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है.

पुलिस के मुताबिक दुर्गा नगर भूपतवाला निवासी विशाल शर्मा ने पुलिस को तहरीर देकर बताया कि गौरा देवी ने 11 सितंबर 1980 को गौरा देवी ट्रस्ट बनाया था. वह इस ट्रस्ट के सचिव हैं. विशाल शर्मा ने बताया कि मोहित पुरी और उसकी मां पुष्पा पुरी ने फर्जी तरीके से स्वयं को ट्रस्ट का वारिस बताते हुए हरकी पैड़ी स्थित ट्रस्ट के दो मंदिरों को बेच दिया है. मंदिर की रजिस्ट्री पुजारी के नाम कर दी गई है.

पढ़ें: रुड़की: मोबाइल फोन छीनकर भाग रहे युवक को भीड़ ने पीटा, पुलिस को सौंपा

कोतवाली प्रभारी अमरजीत सिंह ने बताया कि विशाल शर्मा ने पुलिस को तहरीर देकर बताया कि गौरा देवी ने 11 सितंबर 1980 को गौरा देवी ट्रस्ट बनाया था. वह इस ट्रस्ट के सचिव हैं. विशाल शर्मा ने बताया कि मां-बेटे ने मिलकर फर्जी तरीके से स्वयं को ट्रस्ट का वारिस बताते हुए हरकी पैड़ी स्थित ट्रस्ट के दो मंदिरों को बेच दिया है. फिलहाल पुलिस ने दोनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है.

हरिद्वार: धर्मनगरी हरिद्वार में दो मंदिर बेचने का सनसनीखेज मामला सामने आया है. जहां मां-बेटे ने फर्जी तरीके से हरिद्वार हरकी पैड़ी स्थित गौरा देवी ट्रस्ट के दो मंदिरों को बेच दिया है. आरोपी मां-बेटे ने लाखों रुपये लेकर मंदिर और अन्य संपत्ति की रजिस्ट्री कर दी. ट्रस्ट के सचिव विशाल शर्मा ने आरोपी मां-बेटे के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है.

पुलिस के मुताबिक दुर्गा नगर भूपतवाला निवासी विशाल शर्मा ने पुलिस को तहरीर देकर बताया कि गौरा देवी ने 11 सितंबर 1980 को गौरा देवी ट्रस्ट बनाया था. वह इस ट्रस्ट के सचिव हैं. विशाल शर्मा ने बताया कि मोहित पुरी और उसकी मां पुष्पा पुरी ने फर्जी तरीके से स्वयं को ट्रस्ट का वारिस बताते हुए हरकी पैड़ी स्थित ट्रस्ट के दो मंदिरों को बेच दिया है. मंदिर की रजिस्ट्री पुजारी के नाम कर दी गई है.

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कोतवाली प्रभारी अमरजीत सिंह ने बताया कि विशाल शर्मा ने पुलिस को तहरीर देकर बताया कि गौरा देवी ने 11 सितंबर 1980 को गौरा देवी ट्रस्ट बनाया था. वह इस ट्रस्ट के सचिव हैं. विशाल शर्मा ने बताया कि मां-बेटे ने मिलकर फर्जी तरीके से स्वयं को ट्रस्ट का वारिस बताते हुए हरकी पैड़ी स्थित ट्रस्ट के दो मंदिरों को बेच दिया है. फिलहाल पुलिस ने दोनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है.

Last Updated : Jan 21, 2021, 1:01 PM IST
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