हरिद्वार: भेल रानीपुर देश के नवरत्न संस्थानों में शुमार है, इसलिए इसकी सुरक्षा व्यवस्था पर भी विशेष ध्यान दिया जाता है. समय-समय पर यहां सिक्योरिटी चेक होता रहता है. इसी कड़ी में शुक्रवार सुबह अचानक से सूचना आई कि भेल (Bharat Heavy Electricals Limited) की रानीपुर इकाई पर आतंकी हमले हुआ है. खबर से हड़कंप मच गया. तत्काल स्थानीय पुलिस इकाई के फाउंड्री गेट पर जा पहुंची जबकि अंदर सीआईएसएफ कर्मी आतंकियों से लोहा ले रहे थे. जब सभी आतंकी ढेर हो गए तब पता चला कि यह एक मॉक ड्रिल थी.
दरअसल, शुक्रवार सुबह उस समय पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया जब सेट पर सूचना प्रसारित हुई कि कोतवाली रानीपुर क्षेत्र में स्थित औद्योगिक इकाई भेल रानीपुर के फाउंड्री गेट से 5 आतंकवादी फैक्ट्री के अंदर प्रवेश कर गए हैं. इस दौरान गेट पर ही हुई फायरिंग में दो आतंकवादी जबकि तीन सीआईएसएफ कर्मी मारे गए हैं.
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इस खबर के प्रसारित होते ही पुलिस महकमे में भी हड़कंप मच गया. कोतवाली रानीपुर पुलिस जहां फाउंड्री गेट पर तत्काल पहुंची, वहीं एटीएस की सशस्त्र टीम ने भी मोर्चा संभाल लिया. किसी भी हालात से निपटने और घायलों को जल्द से जल्द अस्पताल पहुंचाने के लिए एंबुलेंस भी मौके पर बुला ली गई. करीब 1 घंटे तक सीआईएसएफ कर्मियों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ चलती रही. तीन आतंकी फायरिंग करते हुए फाउंड्री गेट से फैक्ट्री के अंदर प्रवेश कर गए, जिनका पीछा करते हुए सीआईएसएफ के कर्मचारी अंदर पहुंचे और तीनों आतंकियों को घेरकर मौत के घाट उतार दिया.
जब पांचों आतंकवादियों के मरने की पुष्टि हुई तब सुरक्षाकर्मियों ने राहत की सांस ली. हालांकि, बाद में यह पता चला कि ये कोई आतंकवादी घटना नहीं बल्कि सीआईएसएफ की एक मॉक ड्रिल थी. इस ड्रिल का मकसद सीआईएसएफ कर्मचारियों की मुस्तैदी को परखना था. इस पूरे प्रोसेस में ये जांचा गया कि ऐसी किसी स्थिति में CISF जवान कैसे रिस्पॉन्स करेंगे, और क्या इस तरह की स्थिति को CISF संभालने के लिए तैयार है या नहीं. हालांकि, मॉक ड्रिल पूरी तरह सफल रही और भेल रानीपुर इकाई की सुरक्षा में तैनात सीआईएसएफ कर्मियों की मुस्तैदी काम आई.
मॉक ड्रिल के समाप्त होने के बाद एसएसपी हरिद्वार अजय सिंह ने पूरी जानकारी दी और मॉक ड्रिल की पुष्टि की. बता दें कि, इस मॉक ड्रिल की जानकारी केवल CISF के हायर लेवल अधिकारियों को ही थी.