हरिद्वारः निवर्तमान शंकराचार्य पद्मभूषण स्वामी सत्यमित्रानंद गिरी की पार्थिव देह को आश्रम राघव कुटीर में भू-समाधि दी गई. इससे पहले उनके आश्रम राघव कुटीर के समाधि स्थल पर हेलीकॉप्टर से फूलों की वर्षा की गई. इस दौरान सत्यमित्रानंद गिरी को श्रद्धांजलि देने के लिए केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति, राज्यपाल बेबी रानी मौर्य, यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ, उत्तराखंड सीएम त्रिवेंद्र रावत भी पहुंचे. वहीं, राष्ट्रपति महामहिम रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह की ओर से भेजे गए पुष्प चक्र स्वामी सत्यमित्रानंद के पार्थिव शरीर पर अर्पित की गई.
इससे पहले केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक स्वामी सत्यमित्रानंद गिरि को श्रद्धांजलि देने पहुंचे. अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुख डॉ. प्रणव पण्ड्या, देव संस्कृति विवि के प्रतिकुलपति डॉ. चिन्मय पण्ड्या, डॉ. बृजमोहन गौड़, जिला पंचायत के उपाध्यक्ष राव आफाक अली स्वामी सत्यमित्रानंद गिरी को श्रद्धांजलि देने राघव कुटीर पहुंचे.
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मंगलवार सुबह इस बात की जानकारी मिलने पर कई राज्यों से अनुयायी यहां पहुंचने लगे थे. सत्यमित्रानंद को श्रद्धांजलि देने पहुंचे मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि सत्यमित्रानंद ने भारत की संस्कृति को पूरे विश्व में बढ़ाया है. उन्होंने भारत मां को मां मानकर पहला मंदिर बनवाया था. उनके विचार और उनके मानवता के लिए किए कार्य कभी नहीं भूले जाएंगे. वहीं पुलिस महकमे ने भी सुरक्षा व्यवस्था के इंतजाम कड़े कर दिए हैं.
बता दें कि स्वामी सत्यमित्रानंद गिरी ने साल 1983 में भारत माता मंदिर की स्थापना की थी. बताया जा रहा है कि निवृत्त शंकराचार्य पद्मभूषण स्वामी सत्यमित्रानंद पिछले कई दिनों से बीमार थे और उनका इलाज चल रहा था. मंगलवार को वे अपनी बीमारी से जंग हार गए. सत्यमित्रानंद को आज उनके आश्रम राघव कुटीर भू-समाधि दी गई. सत्यमित्रानंद को श्रद्धांजलि देने और उनके अंतिम दर्शन के लिए वीआईपी लोगों से आम लोगों की भीड़ लगी रही.