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आम की फसल पर दोहरी मार, भुखमरी की कगार पर पहुंचे बागवन

आम की खेती से जुड़े किसानों और व्यापारियों को तीन से चार महीने में अच्छा मुनाफा हो जाता था. लेकिन इस बार कोरोना की वजह से उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है.

रुड़की
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Published : May 10, 2020, 1:54 PM IST

Updated : May 10, 2020, 7:08 PM IST

रुड़की: कोरोना वायरस और लॉकडाउन की दोहरी मार से बागवानों के चेहरे मुरझाने लगे हैं. लॉकडाउन की वजह से बागवान इस बार आम के पेड़ों पर कीटनाशक का छिड़काव नहीं कर पाए थे, जिस वजह से आम की पूरी फसल बर्बाद होने की कगार पर है. ऐसे में बागवानी करने वाले किसानों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ सकता है.

भुखमरी की कगार पर पहुंचे बागवन.

सहरानपुर और रुड़की में आम की काफी अच्छी पैदावार होती है. यहां के आम देशभर में प्रसिद्ध है. हर बड़ी मात्रा में यहां के आम मुम्बई और दिल्ली जैसी मंडियों में जाता है, लेकिन इस बार आम की फसल बर्बाद की कगार पर है. आम की फसल अच्छी होती है तो बड़े आढ़ती आम के ठेकेदारों को पहले ही एडंवास रकम देते थे, जिससे उन्हें काफी सहायता मिलती थी.

पढ़ें-उत्तरकाशी: ऑनलाइन पढ़ाई के लिए चढ़ना पढ़ रहा पहाड़, हिमाचल प्रदेश के भरोसे छात्र

लेकिन इस बार में एक तो पहले से ही मौसम में बागवानों की कमर तोड़ रखी थी. वहीं, कोरोना और लॉकडाउन की वजह से इस बार आम की फसलों के कीटनाशक का छिड़काव भी नहीं हो पाया और फसल बर्बाद होने की कगार पर है. ऐसे में ठेकेदार भुखमरी की कगार पर पहुंच गए है. अब इन ठेकेदारों ने प्रदेश सरकार से भी सहायता की गुहार लगाई है.

रुड़की: कोरोना वायरस और लॉकडाउन की दोहरी मार से बागवानों के चेहरे मुरझाने लगे हैं. लॉकडाउन की वजह से बागवान इस बार आम के पेड़ों पर कीटनाशक का छिड़काव नहीं कर पाए थे, जिस वजह से आम की पूरी फसल बर्बाद होने की कगार पर है. ऐसे में बागवानी करने वाले किसानों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ सकता है.

भुखमरी की कगार पर पहुंचे बागवन.

सहरानपुर और रुड़की में आम की काफी अच्छी पैदावार होती है. यहां के आम देशभर में प्रसिद्ध है. हर बड़ी मात्रा में यहां के आम मुम्बई और दिल्ली जैसी मंडियों में जाता है, लेकिन इस बार आम की फसल बर्बाद की कगार पर है. आम की फसल अच्छी होती है तो बड़े आढ़ती आम के ठेकेदारों को पहले ही एडंवास रकम देते थे, जिससे उन्हें काफी सहायता मिलती थी.

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लेकिन इस बार में एक तो पहले से ही मौसम में बागवानों की कमर तोड़ रखी थी. वहीं, कोरोना और लॉकडाउन की वजह से इस बार आम की फसलों के कीटनाशक का छिड़काव भी नहीं हो पाया और फसल बर्बाद होने की कगार पर है. ऐसे में ठेकेदार भुखमरी की कगार पर पहुंच गए है. अब इन ठेकेदारों ने प्रदेश सरकार से भी सहायता की गुहार लगाई है.

Last Updated : May 10, 2020, 7:08 PM IST
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