हरिद्वारः हर साल दशहरा के मौके पर नहरों की सफाई, रंग रोगन और मरम्मत के लिए गंगा बंदी की जाती है, लेकिन अभी तक उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से कोई शासनादेश नहीं आया है. उत्तर प्रदेश सिंचाईं विभाग दशहरा से दीपावाली तक के लिए गंगा बंदी करती है. वहीं, बंदी से हरकी पैड़ी में जल स्तर बढ़ जाता है. ऐसे में यात्रियों को कोई दिक्कतें न हो इसके लिए भी शासन को रिपोर्ट भेजी गई है.
उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग के एसडीओ विक्रांत ने बताया कि हर साल दशहरा पर्व पर गंगा बंदी की जाती है. इस बार अभी कोई आदेश जारी नहीं हुआ है, लेकिन गंगा बंदी होना काफी जरूरी है. जिससे नहरों की सफाई कर उन्हें सुचारू रूप से चलाई जा सके. साथ ही कहा कि गंगा बंदी को लेकर गंगा सभा से बातचीत हो गई है. उन्होंने भी गंगा बंदी पर कोई एतराज नहीं जताया है.
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उन्होंने कहा कि विभाग ने शासन को 4 से 5 अक्टूबर की तारीख से ही गंगा बंदी का अनुरोध किया था, लेकिन अभी तक कोई आदेश जारी नहीं हुए हैं. आदेश जारी होते ही गंगा बंदी की जाएगी. इस दौरान तीर्थ पुरोहितों और यात्रियों की आस्था का ख्याल भी रखा जाएगा. साथ ही बताया कि पर्याप्त मात्रा में हर की पैड़ी पर जल छोड़ा जाएगा.
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साथ ही कहा कि गंगा बंदी के दौरान होने वाले कार्यों के लिए उनके पास बजट नहीं आ पाया है. बजट आते ही सारे काम किए जाएंगे. बता दें कि, दशहरे पर हर साल गंगा बंदी की जाती है. जिस पर गंगा सभा और संत समाज गंगा बंदी का विरोध करते हैं. इसके बावजूद भी यूपी सिंचाई विभाग हर साल गंगा बंदी करती है.