हरिद्वारः धर्मनगरी हरिद्वार में 17 और 19 दिसंबर, 2021 को हुई धर्म संसद में हेट स्पीच और उस पर संतों की गिरफ्तारी के बाद उठे विवाद पर अब निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि धर्म संसद अनादिकाल से चली आ रही परंपरा है, जिसमें धर्म, समाज और देश हित वाले संतों का होना आवश्यक है. जल्द ही वे वरिष्ठ संतों के साथ बैठक कर उक्त मामले पर कोई निर्णय लेंगे.
हरिद्वार स्थित दक्षिण काली मंदिर में मीडिया से बात करते हुए निरंजनी अखाड़ा के महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि ने कहा कि इस विधानसभा चुनाव में जनता को ऐसे नेता को विधानसभा भेजना चाहिए जो देश, धर्म और समाज के हित के लिए कार्य करने का जज्बा रखता हो. उन्होंने कहा कि चूंकि वे एक धर्माचार्य हैं, इसलिए वे चाहेंगे कि जो नेता या पार्टी सनातन धर्म को बढ़ावा देगी, वे उसका समर्थन करेंगे.
उन्होंने कहा कि जो नेता या पार्टी देश और समाज सेवा को महत्व देते हुए धर्म का समर्थन करेगा, उसी को वोट करना चाहिए. साथ ही उन्होंने धर्म संसद और संतों की गिरफ्तारी पर कहा कि वे इस मुद्दे पर अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष और महामंत्री के साथ बैठक कर जल्द ही कोई निर्णय लेंगे.
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ये है पूरा मामलाः हरिद्वार में 17 से 19 दिसंबर के बीच धर्म संसद का आयोजन किया गया था, जिसमें एक विशेष समुदाय के खिलाफ कुछ आपत्तिजनक बयान दिए गए थे. ये बयान सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुए थे, जिसके बाद इन वायरल वीडियो के आधार पर कई लोगों ने शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी के खिलाफ 23 दिसंबर को हरिद्वार शहर कोतवाली में मामला दर्ज कराया था.
वहीं, इसी वीडियो के आधार पर हरिद्वार के ज्वालापुर थाना क्षेत्र के रहने वाले नदीम ने वसीम रिजवी के खिलाफ हरिद्वार शहर कोतवाली में तहरीर दी थी, जिसके आधार पुलिस ने वसीम रिजवी के खिलाफ IPC की धारा 153ए, 298 में मुकदमा दर्ज किया था. इसके बाद विवेचक ने इन मुकदमे में संत धर्मदास, साध्वी अन्नपूर्णा भारती, स्वामी यति नरसिंहानंद व सागर सिंधु महाराज के नाम बढ़ाए थे. मामले की जांच एसआईटी कर रही है. अभी तक नरसिंहानंद पर 5 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं. वसीम रिजवी और यति नरसिंहानंद गिरफ्तार भी हो चुके हैं.