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मां जगदंबा ने स्वयं इस मंदिर को बनाने की दी थी आज्ञा, जानें मान्यता

लक्सर में बीते 52 सालों से हर साल चौदस मेले का आयोजन होता है. इस बार भी श्रद्धालु मां जगदंबा का आशीर्वाद लेने पहुंचे. माना जाता है कि जो भक्त अपनी मुराद लेकर मंदिर में आते हैं, उनकी मुराद मां जगदंबा पूरी करते हैं.

jagdamba temple
मां जगदंबा
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Published : Oct 19, 2021, 9:36 PM IST

Updated : Oct 19, 2021, 9:49 PM IST

लक्सर: हरिद्वार के लक्सर में मां जगदंबा मंदिर काफी प्रसिद्ध है. यहां बीते 52 सालों से हर साल चौदस मेले का आयोजन होता आ रहा है. नवरात्रों के दिनों में प्रथम नवरात्र से लेकर चौदस तिथि तक मंदिर में अखंड ज्योति जलती है. लक्सर क्षेत्र के आसपास के लोग जो भी नवरात्रों के दिनों में जागरण करवाते हैं. वे जोत जगदंबा मंदिर से लेकर जाते हैं. इस मंदिर से जुड़ी एक मान्यता भी काफी प्रसिद्ध है. मान्यता है कि मां जगदंबा ने स्वयं इस मंदिर को बनाने की आज्ञा दी थी.

बता दें कि इस मंदिर का निर्माण लाला श्यामलाल गुप्ता ने करवाया था. कहा जाता है कि लाला श्याम लाल को मां जगदंबा ने सपने में दर्शन देकर इस जगह पर मंदिर स्थापित करने को कहा था. जिसके बाद इस मंदिर का निर्माण करवाया गया.

मां जगदंबा की महिमा.

वहीं, मां जगदंबा के मंदिर के प्रति लोगों की अगाध श्रद्धा आज भी बनी हुई है. नवरात्रों के दिनों में प्रथम नवरात्र से लेकर चौदस तिथि तक मंदिर में अखंड ज्योति जलती रहती है. लक्सर से लेकर अन्य प्रदेश के भक्तजन मंदिर में आकर अपनी हाजरी लगाते हैं.

ये भी पढ़ेंः केदारनाथ में निकली धूप तो झूमे श्रद्धालु, तीर्थ पुरोहितों ने मंत्री के 'बारिश एप' को किया याद

जानकारी के मुताबिक, 8 अक्टूबर को बृहस्पतिवार अश्विन शुक्ल संवत 2027 सन् 1970 को यह मंदिर बनकर तैयार हुआ था. मंदिर के तैयार होने के बाद विधि विधान से 21 दिन तक पूजा अर्चना के बाद मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित की गई. तब से लेकर अब तक इस मंदिर पर हर वर्ष चौदस तिथि को भव्य मेले का आयोजन होता है.

वहीं, इस मेले में दूर दराज और बाहर से श्रद्धालु आते हैं और लंबी-लंबी कतारों में लगकर मां जगदंबा के दर्शन कर पूजा अर्चना करते हैं. श्रद्धालु मां भगवती से अपने परिवार की सुख-समृद्धि का आशीर्वाद लेते हैं. मान्यता है कि जो भी भक्तगण अपनी मुराद लेकर मंदिर में आते हैं, उनकी मुराद मां जगदंबा पूरी करते हैं.

लक्सर: हरिद्वार के लक्सर में मां जगदंबा मंदिर काफी प्रसिद्ध है. यहां बीते 52 सालों से हर साल चौदस मेले का आयोजन होता आ रहा है. नवरात्रों के दिनों में प्रथम नवरात्र से लेकर चौदस तिथि तक मंदिर में अखंड ज्योति जलती है. लक्सर क्षेत्र के आसपास के लोग जो भी नवरात्रों के दिनों में जागरण करवाते हैं. वे जोत जगदंबा मंदिर से लेकर जाते हैं. इस मंदिर से जुड़ी एक मान्यता भी काफी प्रसिद्ध है. मान्यता है कि मां जगदंबा ने स्वयं इस मंदिर को बनाने की आज्ञा दी थी.

बता दें कि इस मंदिर का निर्माण लाला श्यामलाल गुप्ता ने करवाया था. कहा जाता है कि लाला श्याम लाल को मां जगदंबा ने सपने में दर्शन देकर इस जगह पर मंदिर स्थापित करने को कहा था. जिसके बाद इस मंदिर का निर्माण करवाया गया.

मां जगदंबा की महिमा.

वहीं, मां जगदंबा के मंदिर के प्रति लोगों की अगाध श्रद्धा आज भी बनी हुई है. नवरात्रों के दिनों में प्रथम नवरात्र से लेकर चौदस तिथि तक मंदिर में अखंड ज्योति जलती रहती है. लक्सर से लेकर अन्य प्रदेश के भक्तजन मंदिर में आकर अपनी हाजरी लगाते हैं.

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जानकारी के मुताबिक, 8 अक्टूबर को बृहस्पतिवार अश्विन शुक्ल संवत 2027 सन् 1970 को यह मंदिर बनकर तैयार हुआ था. मंदिर के तैयार होने के बाद विधि विधान से 21 दिन तक पूजा अर्चना के बाद मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित की गई. तब से लेकर अब तक इस मंदिर पर हर वर्ष चौदस तिथि को भव्य मेले का आयोजन होता है.

वहीं, इस मेले में दूर दराज और बाहर से श्रद्धालु आते हैं और लंबी-लंबी कतारों में लगकर मां जगदंबा के दर्शन कर पूजा अर्चना करते हैं. श्रद्धालु मां भगवती से अपने परिवार की सुख-समृद्धि का आशीर्वाद लेते हैं. मान्यता है कि जो भी भक्तगण अपनी मुराद लेकर मंदिर में आते हैं, उनकी मुराद मां जगदंबा पूरी करते हैं.

Last Updated : Oct 19, 2021, 9:49 PM IST
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