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रुड़की: लॉकडाउन का दूध कारोबारियों पर असर, 75 प्रतिशत घटा कारोबार

हरिद्वार जिले में दूध का कारोबार करने वाले काफी परेशान हैं. लॉकडाउन के चलते दूध कारोबारी पर्याप्त मात्रा में दूध की सप्लाई नहीं कर पा रहे हैं. इस वजह से हरिद्वार जनपद में दूध का कारोबार करीब 75 प्रतिशत घट गया है. वहीं दूध कारोबारियों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है.

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Published : May 7, 2020, 9:23 PM IST

रुड़की: कोरोना वायरस से पूरा देश प्रभावित है. वहीं कोरोना के कारण हुए लॉकडाउन से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इसी क्रम में प्रशासन ने लोगों को लॉकडाउन के दौरान आवश्यक चीजों की खरीददारी में छूट दी है. बावजूद हरिद्वार में दूध का कारोबार करने वाले काफी परेशान हैं. लॉकडाउन के चलते दूध कारोबारी पर्याप्त मात्रा में दूध की सप्लाई नहीं कर पा रहे हैं. इस वजह से हरिद्वार जनपद में दूध का कारोबार करीब 75 प्रतिशत घट गया है. वहीं दूध कारोबारियों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है.

लॉकडाउन का दूध कारोबारियों पर दिखा असर.

घर में पशुपाल कर दूध का उत्पादन करने वाले ग्रामीणों का कहना है कि लॉकडाउन के चलते दूध की सप्लाई एकदम खत्म हो गई है. लॉकडाउन से पहले जो दूध का उत्पादन होता था वह डेयरी और कंपनी में जाता था. अब लॉकडाउन के चलते इन जगहों पर दूध जाना बंद हो गया है. वर्तमान समय मे काफी मात्रा में दूध बच जाता है, वहीं बचा हुआ दूध खराब हो जाता है. उनके द्वारा स्थानीय लोगों को भी दूध बांट दिया जाता है. दूध सप्लाई न होने की वजह से उनके आगे आर्थिक संकट खड़ा हो गया है.

पढ़ें: प्रवासी उत्तराखंडियों को लाने का कार्य युद्धस्तर पर जारी, अभी तक 1.65 लाख से ज्यादा रजिस्ट्रेशन

डेयरी संचालक का कहना है कि लॉकडाउन से दूध के कारोबार पर काफी फर्क पड़ा है. इस समय लॉकडाउन के चलते गांवों से दूध नहीं आ पा रहा है. लॉकडाउन से पहले 12 हजार लीटर दूध की रोजाना खपत थी, जो अब पूरी नहीं हो पा रही है. लॉकडाउन के चलते 75 प्रतिशत दूध कम आ रहा है. दूध न मिलने की सबसे बड़ी समस्या किसानों और ग्रामीणों के पास से दूध का समय पर उपलब्ध न हो पाना है, इसलिए बाजारों में आगे दूध की सप्लाई नहीं हो पा रही है.

रुड़की: कोरोना वायरस से पूरा देश प्रभावित है. वहीं कोरोना के कारण हुए लॉकडाउन से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इसी क्रम में प्रशासन ने लोगों को लॉकडाउन के दौरान आवश्यक चीजों की खरीददारी में छूट दी है. बावजूद हरिद्वार में दूध का कारोबार करने वाले काफी परेशान हैं. लॉकडाउन के चलते दूध कारोबारी पर्याप्त मात्रा में दूध की सप्लाई नहीं कर पा रहे हैं. इस वजह से हरिद्वार जनपद में दूध का कारोबार करीब 75 प्रतिशत घट गया है. वहीं दूध कारोबारियों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है.

लॉकडाउन का दूध कारोबारियों पर दिखा असर.

घर में पशुपाल कर दूध का उत्पादन करने वाले ग्रामीणों का कहना है कि लॉकडाउन के चलते दूध की सप्लाई एकदम खत्म हो गई है. लॉकडाउन से पहले जो दूध का उत्पादन होता था वह डेयरी और कंपनी में जाता था. अब लॉकडाउन के चलते इन जगहों पर दूध जाना बंद हो गया है. वर्तमान समय मे काफी मात्रा में दूध बच जाता है, वहीं बचा हुआ दूध खराब हो जाता है. उनके द्वारा स्थानीय लोगों को भी दूध बांट दिया जाता है. दूध सप्लाई न होने की वजह से उनके आगे आर्थिक संकट खड़ा हो गया है.

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डेयरी संचालक का कहना है कि लॉकडाउन से दूध के कारोबार पर काफी फर्क पड़ा है. इस समय लॉकडाउन के चलते गांवों से दूध नहीं आ पा रहा है. लॉकडाउन से पहले 12 हजार लीटर दूध की रोजाना खपत थी, जो अब पूरी नहीं हो पा रही है. लॉकडाउन के चलते 75 प्रतिशत दूध कम आ रहा है. दूध न मिलने की सबसे बड़ी समस्या किसानों और ग्रामीणों के पास से दूध का समय पर उपलब्ध न हो पाना है, इसलिए बाजारों में आगे दूध की सप्लाई नहीं हो पा रही है.

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