हरिद्वारः राजाजी टाइगर रिजर्व में भले ही लंबी चौड़ी बाउंड्री वॉल बनाई गई हो, लेकिन इसके बावजूद न तो जंगल से हाथियों के आने का सिलसिला रूक रहा है और न ही शिकारी जानवर गुलदार का. आज भी भेल के सेक्टर 1 स्थित सीपीयू कार्यालय के बाहर एक गुलदार आ धमका. जिसे देख ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों में अफरा-तफरी मच गई. जब तक गुलदार मौजूद रहा, तक तक पुलिस कर्मियों की सांसें अटकी रही. हालांकि, पानी पीने के बाद गुलदार वापस जंगल की ओर से लौट गया. जिसके बाद पुलिसकर्मियों की सांस में सांस आई.
बता दें कि कुछ साल पहले तक राजाजी टाइगर रिजर्व से निकल जंगली जानवर रोजाना औद्योगिक नगरी भेल क्षेत्र में धमक जाते थे. इतना ही नहीं जानवरों ने कई लोगों को मौत के घाट भी उतार दिया था. जिसके बाद पार्क प्रशासन ने भेल के साथ मिलकर पूरे इलाके में एक लंबी दीवार का निर्माण किया. जो भेल सेक्टर 5-ए से टिबड़ी फाटक तक बनाई गई थी. इस दीवार के बनने के बाद कुछ साल तक तो जंगली जानवरों का आतंक इलाके में खत्म हो गया था और जानवर दीवार के पीछे से ही वापस लौट जाते थे, लेकिन इस बार यह दीवार भी गुलदार और हाथी जैसे जानवरों को रोक नहीं पा रही है.
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मंगलवार दोपहर भी राजाजी टाइगर रिजर्व से निकल एक गुलदार सेक्टर 1 स्थित सीपीयू कार्यालय के बाहर तक पहुंच गया. यहां सड़क पर पानी जमा हुआ था. जिसे पीने के लिए गुलदार आ गया था, लेकिन गुलदार को देख ड्यूटी पर तैनात सीपीयू कर्मचारियों में हड़कंप मच गया. जंगल से आया गुलदार इस रोड से निकलने वाले राहगीरों पर हमला न कर दे या किसी तरह का कोई नुकसान न पहुंचा दें. इसे देखते हुए सीपीयू कर्मियों ने इस रोड से गुजरने वाले लोगों को काफी पीछे रोककर सावधान किया.
वहीं, करीब पौना घंटे तक जलभराव वाले स्थान के आसपास चहलकदमी करने के बाद गुलदार वापस जंगल में लौट गया. जिसके बाद न केवल सीपीयू कर्मचारी, बल्कि इस रोड से गुजरने वाली जनता ने भी राहत की सांस ली. बता दें कि जंगली जानवरों के आने का सिलसिला फिर से इस इलाके में शुरू हो गया है. जो कभी भी किसी बड़े हादसे का सबब बन सकता है.