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दम तोड़ते कोरोना मरीज हर रोज, श्मशान घाट पर बढ़ता चिताओं का बोझ

हर रोज बढ़ते कोरोना रफ्तार के साथ ही मरने वालों की भी तादाद बढ़ रही है. जिसको लेकर हरिद्वार के श्मशान घाटों में क्षमता से अधिक शवों का अंतिम संस्कार किए जा रहे हैं.

श्मशान घाट पर बढ़ता चिताओं का बोझ
श्मशान घाट पर बढ़ता चिताओं का बोझ
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Published : May 4, 2021, 4:38 PM IST

Updated : May 4, 2021, 7:00 PM IST

हरिद्वार: कोरोना महामारी में मौतों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है. चारों तरफ कोरोना से मौत का मातम सुनाई दे रहा है. जिसका असर अब श्मशान घाटों पर भी साफ दिखने लगा है. हरिद्वार के तीन प्रमुख श्मशान घाटों पर रोजाना 100 से ज्यादा चिताएं जल रही हैं. आलम ये है कि जगह कम पड़ने के कारण परिजनों को श्मशान घाटों के अलावा दूसरे घाटों पर भी अंतिम संस्कार करना पड़ रहा है.

हरिद्वार के खड़खड़ी श्मशान घाट पर हालात बदतर हैं. यहां रोजाना 50 से 60 शव अंतिम संस्कार के लिए यहां पहुंच रहे हैं. इतनी ज्यादा संख्या में शवों के अंतिम संस्कार होने से श्मशान घाट में संसाधन कम पड़ने लगे हैं. श्मशान घाट के कर्मचारियों का कहना है कि हालात मुश्किल भरे हैं, लेकिन शवों का अंतिम संस्कार हर हालत में किया जा रहा है.

श्मशान घाट पर बढ़ता चिताओं का बोझ

ये भी पढ़ें: उत्तराखंड में मौत से हाहाकार, 12 दिन में 4197 शवों का हुआ अंतिम संस्कार

वहीं, हरिद्वार के कनखल श्मशान घाट पर भी चिताओं का बोझ बढ़ गया है. सामान्य दिनों में जहां 10 से 15 चिताएं जलती थी. वहीं, अब 50 से ज्यादा अंतिम संस्कार एक दिन में हो रहे हैं. श्मशान घाट का संचालन करने वाली समिति के सदस्य का कहना है कि श्मशान घाट पर ऐसा मंजर उन्होंने पहले कभी नहीं देखा है. मौत का ये तांडव कब रुकेगा ये तो कोई नहीं जानता, लेकिन श्मशान घाटों पर बढ़ता चिताओं का बोझ लोगों में खौफ पैदा कर रहा है.

हरिद्वार: कोरोना महामारी में मौतों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है. चारों तरफ कोरोना से मौत का मातम सुनाई दे रहा है. जिसका असर अब श्मशान घाटों पर भी साफ दिखने लगा है. हरिद्वार के तीन प्रमुख श्मशान घाटों पर रोजाना 100 से ज्यादा चिताएं जल रही हैं. आलम ये है कि जगह कम पड़ने के कारण परिजनों को श्मशान घाटों के अलावा दूसरे घाटों पर भी अंतिम संस्कार करना पड़ रहा है.

हरिद्वार के खड़खड़ी श्मशान घाट पर हालात बदतर हैं. यहां रोजाना 50 से 60 शव अंतिम संस्कार के लिए यहां पहुंच रहे हैं. इतनी ज्यादा संख्या में शवों के अंतिम संस्कार होने से श्मशान घाट में संसाधन कम पड़ने लगे हैं. श्मशान घाट के कर्मचारियों का कहना है कि हालात मुश्किल भरे हैं, लेकिन शवों का अंतिम संस्कार हर हालत में किया जा रहा है.

श्मशान घाट पर बढ़ता चिताओं का बोझ

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वहीं, हरिद्वार के कनखल श्मशान घाट पर भी चिताओं का बोझ बढ़ गया है. सामान्य दिनों में जहां 10 से 15 चिताएं जलती थी. वहीं, अब 50 से ज्यादा अंतिम संस्कार एक दिन में हो रहे हैं. श्मशान घाट का संचालन करने वाली समिति के सदस्य का कहना है कि श्मशान घाट पर ऐसा मंजर उन्होंने पहले कभी नहीं देखा है. मौत का ये तांडव कब रुकेगा ये तो कोई नहीं जानता, लेकिन श्मशान घाटों पर बढ़ता चिताओं का बोझ लोगों में खौफ पैदा कर रहा है.

Last Updated : May 4, 2021, 7:00 PM IST
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