लक्सर: कई दिनों से जिसकी आशंका जताई जा रही थी, आखिरकार वहीं हुआ. गुरुवार को रूस ने यूक्रेन पर हमला कर दिया है. ऐसे में वहां फंसे भारतीयों की चिंता बढ़ गई है. उत्तराखंड के भी कई छात्र यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं, उनके परिजन भी काफी चिंतित हो रहे हैं. हरिद्वार जिले के लक्सर के रहने वाले आशुतोष शर्मा भी यूक्रेन में फंसे हुए हैं. परिजन लगातार फोन के जरिए आशुतोष से संपर्क कर रहे हैं.
लक्सर निवासी संजीव शर्मा का परिवार इन दिनों काफी परेशान है. उनके बेटा आशुतोष शर्मा यूक्रेन में फंसा हुआ है. आशुतोष शर्मा यूक्रेन के खारकीव शहर में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे हैं. आशुतोष शर्मा के परिजनों केंद्र और राज्य सरकार से गुहार लगाई है कि सभी भारतीयों को यूक्रेन से सुरक्षित निकाला जाए.
संजीव शर्मा ने बताया कि उनका बेटा आशुतोष शर्मा साल 2019 में एमबीबीएस की पढ़ाई करने यूक्रेन गया था. पिछले साल मार्च में वह घर आया था. पूरा परिवार की नजरें इन दिनों रूस-यूक्रेन युद्ध से जुड़ी खबरों पर रहती है. खबरों में जिस तरह से रूस-यूक्रेन की जंग के बारे में बताया जा रहा है, उससे उनके परिवार की चिंता और बढ़ गई है. आशुतोष शर्मा के पिता संजीव शर्मा, मां सुनीता देवा और दादा गणपत राय काफी परेशान हैं.
संजीव शर्मा ने बताया कि उनकी आज ही फोन पर अपने बेटे आशुतोष से बात हुई थी. आशुतोष ने बताया कि फिलहाल वो वहां पर सुरक्षित है, लेकिन रूस के हमले के बाद यूक्रेन में जिस तरह के हालात बन गए है, उससे वे काफी चिंतित हैं. आशुतोष ने घरवालों को बताया था कि आज 23 फरवरी सुबह पांच बजे उन्हें धमाकों की आवाज सुनाई थी, तभी से वे परेशान है. सभी रास्ते बंद कर दिए गए है. पानी की सप्लाई भी बंद कर दी गई है.
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आशुतोष ने घरवालों को बताया कि वहां पर बिल्डिंग के नीचे बंकर बने हुए हैं, जिसमें सभी लोग सुरक्षित है. मेट्रो में भी खाना पीना भी फ्री कर दिया है. रूस ने यूक्रेन के काफी हिस्से पर कब्जा कर लिया है. खारकीव का एयरपोर्ट भी बंद कर दिया है और एक एयरपोर्ट उड़ा दिया गया है. भारतीयों को यूक्रेन से निकलने का कोई रास्ता नजर नहीं आ रही है. कॉलेज मैनेजमेंट से बात की गई है. उन्होंने बोला है कि जो लोग जाना चाहते हैं, वो जा सकते है.