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Surya Grahan 2022: सूर्य ग्रहण आज, जानें कहां-कहां दिखाई देगा? भारत और विश्व पर क्या होगा असर - Surya Grahan 2022

साल 2022 का पहला सूर्य ग्रहण आज लगेगा. हिंदू पंचांग के अनुसार, इस सूर्य ग्रहण का भारत में कोई असर नहीं होगा, जबकि पश्चिमी देशों के लिए कष्टदायक हो सकता है. हरिद्वार के ज्योतिषाचार्य पंडित मनोज त्रिपाठी से जानिए कैसा रहेगा सूर्यग्रहण का प्रभाव...

Surya Grahan 2022
सूर्य ग्रहण 2022
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Published : Apr 30, 2022, 3:49 PM IST

हरिद्वारः आज साल का पहला सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse 2022) लगने जा रहा है. जो मध्यरात्रि 12:15 बजे से शुरू होकर सुबह 4:30 बजे तक रहेगा. यह सूर्य ग्रहण भारत में दृश्य नहीं होगा. इसलिए इस सूर्य ग्रहण का भारत में किसी भी जातक की राशि पर कोई लाभकारी या हानिकारक प्रभाव नहीं होगा, लेकिन यह सूर्य ग्रहण जहां पर दृश्य होगा, वहां पर इस सूर्य ग्रहण के विनाशकारी और हानिकारक प्रभाव देखने को मिलेंगे.

हरिद्वार के ज्योतिषाचार्य पंडित मनोज त्रिपाठी (Astrologer Pandit Manoj Tripathi) की मानें तो वर्तमान में चल रहे यूक्रेन और रूस युद्ध में और तेजी आ सकती है. सामूहिक हत्या या सामूहिक आत्महत्या हो सकती है. यह युद्ध और विध्वंसकारी हो सकता है. युद्ध एक निर्णायक मोड़ की तरफ मुड़ सकता है. साथ ही साथ आगजनी की घटना भी हो सकती है. खासकर रिफाइनरी में अचानक आग लगने की घटनाएं सामने आ सकती हैं. इस क्षेत्र के किसी राजनेता के पद से हटने या उसके हत्या के प्रयास की घटना भी हो सकती है.

सूर्य ग्रहण की जानकारी देते पंडित मनोज त्रिपाठी.

ये भी पढ़ेंः साल 2022 का पहला सूर्य ग्रहण आज, जानें कहां-कहां दिखेगा, भारत में क्या है समय

पंडित मनोज त्रिपाठी का कहना है कि यह इस साल का और इस संवत यानी नल नामक संवत का पहला सूर्य ग्रहण है. जो 1 मई को पड़ रहा है. एक अच्छी बात ये है कि यह सूर्य ग्रहण भारत में अदृश्य है. रात को 12:15 बजे सूर्य ही उदय नहीं है और तब तक यह समाप्त हो जाएगा, जब तक सूर्योदय होगा. ऐसे में कोई असर नहीं होगा. ग्रहणकाल के आरंभ से लेकर समापन तक साधकों के लिए अच्छा समय होता है, लेकिन बाकी जन, गृहस्थ आदि के लिए यह भारत में दृश्य ही नहीं होगा तो इसका प्रभाव भी भारत में पड़ेगा नहीं. किसी भी प्रकार का सूतक और प्रभाव न तो गर्भवती स्त्री और न विद्यार्थी और न ही कोई उद्योगपति पड़ेगा.

पश्चिमी देशों में हानिकारक होगा सूर्य ग्रहणः यह ग्रहण जहां दृश्य है, चाहे वो अल्बानिया देश हो, चाहे वो उत्तरी-दक्षिणी अमेरिका हो. जिन हिस्सों में यह दिखाई पड़ेगा, वहां पर बुरा असर डालेगा. क्योंकि, शनि का भी गोचर चेंज हो रहा है. शनिचरी अमावस्या की रात्रि को हो रहा है. इसके लिए यह बड़ा विध्वंसकारी उन लोगों के लिए साबित होगा. अचानक से होने वाले वाली आगजनी की घटना, आतंकवादी घटनाएं, गोलीबारी, आत्महत्या सामूहिक या सामूहिक हत्याएं इस तरह के के दुरुयोग बनाता है.

पंडित मनोज त्रिपाठी के मुताबिक, इसके अलावा पेट्रोलियम रिफाइनरी में लगने वाली आग की घटनाएं तेज हो जाएंगी. भारत के लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है. ऐसे में किसी भी राशि पर किसी भी प्रकार का नकारात्मक या सकारात्मक असर नहीं डालेगा. सरल भाषा में कहें तो किसी भी प्रभाव का अच्छा या बुरा असर नहीं देखने को मिलेगा.

ये भी पढ़ेंः 30 अप्रैल को शनिश्चरी अमावस्या पर लग रहा साल का पहला सूर्य ग्रहण, जानिए शुभ-अशुभ

यूक्रेन में युद्ध की बढ़ेगी विभीषिकाः यूक्रेन में जिस तरह से युद्ध चल रहा है, निश्चित रूप से उस हिस्से में पूरे ग्रहण के प्रभाव के कारण से इस युद्ध की विभीषिका में बढ़ोत्तरी देखने को मिलेगी. युद्ध किसी निर्णायक मोड को ले सकता है, कुछ देशों के राजनेताओं के ऊपर बुरा प्रभाव भी दिख रहा है, किसी राजनेता को सत्ता से बाहर होना पड़ सकता है अथवा किसी राजनेता को स्वास्थ्य संबंधी परेशानी या किसी राजनेता को हत्या का प्रयास हो सकता है.

सूर्य ग्रहण के सूतक से बचने के लिए उपायः जहां सूर्य ग्रहण दृश्य हो, वहां पर लोगों को विशेष तौर पर ध्यान रखना होगा. जिसमें भोजन, शयन और पूजन आदि शामिल है. ग्रहण के आरंभ में व्यक्ति को स्नान करने के पश्चात पूजन करना चाहिए. मध्यकाल में जप करना चाहिए और जिस समय समाप्त हो रहा है यानी ग्रहण का मोक्ष होता है. पुनः स्नान कर दान करना चाहिए. यह विधान सनातन धर्म के लिए है, बाकी सामान्य जनों के लिए इस समय भोजन नहीं करना चाहिए.

क्योंकि, यह माना जाता है कि सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण के प्रभाव में विकिरण से जितनी भी भोज्य सामग्री है, वह कुत्सित हो जाती है. यानी कुत्ते के खाने योग्य रह जाती है, तो मनुष्य को वह भोजन नहीं खानी चाहिए. दूसरा आचार को संयमित रखना चाहिए. भोजन और भजन का भी महत्व है. जिस भी गुरु ने आपको मंत्र दिया हो, उस मंत्र का जाप करने से सिद्ध हो जाएगा. उसका फल मिलना शुरू हो जाएगा.

ये भी पढ़ेंः हरिद्वार से गंगोत्री धाम के लिए राजभोग प्रसाद एवं भोजन सामग्री रवाना

विशेष तौर पर दिन में सूर्य ग्रहण पड़ता हो और सूर्य राहु के साथ हो और सूर्य शनि के साथ हो, ऐसे लोगों को विशेष तौर पर विशेष उपाय करने चाहिए. सूर्य और शनि की वस्तुएं दान करनी चाहिए. ऐसा करने से उन लोगों के ग्रह गोचर आदि ठीक हो जाते हैं. उनको लाभ मिलने लगता है और जीवन के कष्ट दूर हो जाते हैं.
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हरिद्वारः आज साल का पहला सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse 2022) लगने जा रहा है. जो मध्यरात्रि 12:15 बजे से शुरू होकर सुबह 4:30 बजे तक रहेगा. यह सूर्य ग्रहण भारत में दृश्य नहीं होगा. इसलिए इस सूर्य ग्रहण का भारत में किसी भी जातक की राशि पर कोई लाभकारी या हानिकारक प्रभाव नहीं होगा, लेकिन यह सूर्य ग्रहण जहां पर दृश्य होगा, वहां पर इस सूर्य ग्रहण के विनाशकारी और हानिकारक प्रभाव देखने को मिलेंगे.

हरिद्वार के ज्योतिषाचार्य पंडित मनोज त्रिपाठी (Astrologer Pandit Manoj Tripathi) की मानें तो वर्तमान में चल रहे यूक्रेन और रूस युद्ध में और तेजी आ सकती है. सामूहिक हत्या या सामूहिक आत्महत्या हो सकती है. यह युद्ध और विध्वंसकारी हो सकता है. युद्ध एक निर्णायक मोड़ की तरफ मुड़ सकता है. साथ ही साथ आगजनी की घटना भी हो सकती है. खासकर रिफाइनरी में अचानक आग लगने की घटनाएं सामने आ सकती हैं. इस क्षेत्र के किसी राजनेता के पद से हटने या उसके हत्या के प्रयास की घटना भी हो सकती है.

सूर्य ग्रहण की जानकारी देते पंडित मनोज त्रिपाठी.

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पंडित मनोज त्रिपाठी का कहना है कि यह इस साल का और इस संवत यानी नल नामक संवत का पहला सूर्य ग्रहण है. जो 1 मई को पड़ रहा है. एक अच्छी बात ये है कि यह सूर्य ग्रहण भारत में अदृश्य है. रात को 12:15 बजे सूर्य ही उदय नहीं है और तब तक यह समाप्त हो जाएगा, जब तक सूर्योदय होगा. ऐसे में कोई असर नहीं होगा. ग्रहणकाल के आरंभ से लेकर समापन तक साधकों के लिए अच्छा समय होता है, लेकिन बाकी जन, गृहस्थ आदि के लिए यह भारत में दृश्य ही नहीं होगा तो इसका प्रभाव भी भारत में पड़ेगा नहीं. किसी भी प्रकार का सूतक और प्रभाव न तो गर्भवती स्त्री और न विद्यार्थी और न ही कोई उद्योगपति पड़ेगा.

पश्चिमी देशों में हानिकारक होगा सूर्य ग्रहणः यह ग्रहण जहां दृश्य है, चाहे वो अल्बानिया देश हो, चाहे वो उत्तरी-दक्षिणी अमेरिका हो. जिन हिस्सों में यह दिखाई पड़ेगा, वहां पर बुरा असर डालेगा. क्योंकि, शनि का भी गोचर चेंज हो रहा है. शनिचरी अमावस्या की रात्रि को हो रहा है. इसके लिए यह बड़ा विध्वंसकारी उन लोगों के लिए साबित होगा. अचानक से होने वाले वाली आगजनी की घटना, आतंकवादी घटनाएं, गोलीबारी, आत्महत्या सामूहिक या सामूहिक हत्याएं इस तरह के के दुरुयोग बनाता है.

पंडित मनोज त्रिपाठी के मुताबिक, इसके अलावा पेट्रोलियम रिफाइनरी में लगने वाली आग की घटनाएं तेज हो जाएंगी. भारत के लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है. ऐसे में किसी भी राशि पर किसी भी प्रकार का नकारात्मक या सकारात्मक असर नहीं डालेगा. सरल भाषा में कहें तो किसी भी प्रभाव का अच्छा या बुरा असर नहीं देखने को मिलेगा.

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यूक्रेन में युद्ध की बढ़ेगी विभीषिकाः यूक्रेन में जिस तरह से युद्ध चल रहा है, निश्चित रूप से उस हिस्से में पूरे ग्रहण के प्रभाव के कारण से इस युद्ध की विभीषिका में बढ़ोत्तरी देखने को मिलेगी. युद्ध किसी निर्णायक मोड को ले सकता है, कुछ देशों के राजनेताओं के ऊपर बुरा प्रभाव भी दिख रहा है, किसी राजनेता को सत्ता से बाहर होना पड़ सकता है अथवा किसी राजनेता को स्वास्थ्य संबंधी परेशानी या किसी राजनेता को हत्या का प्रयास हो सकता है.

सूर्य ग्रहण के सूतक से बचने के लिए उपायः जहां सूर्य ग्रहण दृश्य हो, वहां पर लोगों को विशेष तौर पर ध्यान रखना होगा. जिसमें भोजन, शयन और पूजन आदि शामिल है. ग्रहण के आरंभ में व्यक्ति को स्नान करने के पश्चात पूजन करना चाहिए. मध्यकाल में जप करना चाहिए और जिस समय समाप्त हो रहा है यानी ग्रहण का मोक्ष होता है. पुनः स्नान कर दान करना चाहिए. यह विधान सनातन धर्म के लिए है, बाकी सामान्य जनों के लिए इस समय भोजन नहीं करना चाहिए.

क्योंकि, यह माना जाता है कि सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण के प्रभाव में विकिरण से जितनी भी भोज्य सामग्री है, वह कुत्सित हो जाती है. यानी कुत्ते के खाने योग्य रह जाती है, तो मनुष्य को वह भोजन नहीं खानी चाहिए. दूसरा आचार को संयमित रखना चाहिए. भोजन और भजन का भी महत्व है. जिस भी गुरु ने आपको मंत्र दिया हो, उस मंत्र का जाप करने से सिद्ध हो जाएगा. उसका फल मिलना शुरू हो जाएगा.

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विशेष तौर पर दिन में सूर्य ग्रहण पड़ता हो और सूर्य राहु के साथ हो और सूर्य शनि के साथ हो, ऐसे लोगों को विशेष तौर पर विशेष उपाय करने चाहिए. सूर्य और शनि की वस्तुएं दान करनी चाहिए. ऐसा करने से उन लोगों के ग्रह गोचर आदि ठीक हो जाते हैं. उनको लाभ मिलने लगता है और जीवन के कष्ट दूर हो जाते हैं.
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