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गंगा सप्तमी 2022: आज ही के दिन धरती पर हुआ था मां गंगा का अवतरण, जानिए महत्व

मोक्षदायिनी मां गंगा का आज ही के दिन धरती पर अवतरण हुआ था. इन दिन को गंगा सप्तमी 2022 (Ganga Saptami 2022) के रूप में मनाया जाता है. कहा जाता है कि आज के दिन जो भी गां गंगा में आस्था की डुबकी लगाता है, मां गंगा उसके सारे कष्ट कर लेती हैं.

Ganga Saptami 2022
गंगा सप्तमी 2022
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Published : May 8, 2022, 12:40 PM IST

हरिद्वार: आज गंगा सप्तमी 2022 (Ganga Saptami 2022) का पर्व मनाया जा रहा है. आज ही के दिन मोक्षदायिनी मां गंगा स्वर्ग लोक से भगवान शिव की जटाओं में पहुंची थीं. शिव की जटाओं से होते हुए मां गंगा का धरती पर अवतरण हुआ था. इसलिए इस दिवस को गंगा सप्तमी के रूप में मनाया जाता है. यह पर्व हर साल वैशाख शुक्ल की सप्तमी तिथि को मनाया जाता है. इस दिन तीर्थ पुरोहित और लाखों श्रद्धालु हरिद्वार आकर बड़े ही उत्साह के साथ गंगा में स्नान कर पूण्य फल की कामना करते हैं.

पंडित मनोज त्रिपाठी (Pandit Manoj Tripathi) ने बताया गंगा आज ही के दिन भगवान विष्णु के धाम से गंगा धरा पर आई थीं. इस दिन गंगा सप्तमी के रूप में मनाता हैं. गंगा के प्रति भाव रखने वालों के लिए आज का दिन बहुत अच्छा दिन हैं. कहा जाता है कि गंगा सप्तमी पर मोक्षदायिनी मां गंगा में डुबकी लगाने से पापों का हरण होता है.

पंडित मनोज त्रिपाठी से जानिए गंगा सप्तमी का महत्व.

गंगा स्नान से होती है यश-सम्मान की प्राप्ति: गंगा सप्तमी के दिन गंगा पूजन ओर स्नान से यश-सम्मान की प्राप्ति होती है. मां गंगा अपने पवित्र जल से तीनों तीनों लोकों को तृप्त करती हैं. इसीलिए श्रद्धालु मां गंगा में आस्था की डुबकी लगाने के लिए हरिद्वार आते हैं. श्रद्धालुओं का कहना है कि आज के दिन मा गंगा में डुबकी लगाने से पुण्य की प्राप्ति होती है.
पढ़ें- Chardham Yatra: गंगोत्री-यमुनोत्री धाम में श्रद्धालुओं की भीड़, 50 हजार से ज्यादा भक्तों ने किए दर्शन

सीएम धामी ने की मां गंगा की पूजा अर्चना: गंगा सप्तमी 2022 के अवसर पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) हरिद्वार पहुंचे. उन्होंने विश्व प्रसिद्ध हर की पौड़ी पर पूरे विधि विधान से मां गंगा की पूजा अर्चना की और गंगा महोत्सव का आगाज किया. इस बार श्री गंगा सभा पहली बार मां गंगा के अवतरण दिवस को गंगा महोत्सव के रूप में मना रही है, जिसकी शुरुआत मुख्यमंत्री ने गंगा की पूजा अर्चना करके की गई है. कल यानी 9 मई को हर की पौड़ी पर गंगा सभा द्वारा भजन संध्या का आयोजन भी किया जाएगा, जिसके लिए प्रसिद्ध भजन गायक कन्हैया मित्तल को बुलाया गया है.

हरिद्वार: आज गंगा सप्तमी 2022 (Ganga Saptami 2022) का पर्व मनाया जा रहा है. आज ही के दिन मोक्षदायिनी मां गंगा स्वर्ग लोक से भगवान शिव की जटाओं में पहुंची थीं. शिव की जटाओं से होते हुए मां गंगा का धरती पर अवतरण हुआ था. इसलिए इस दिवस को गंगा सप्तमी के रूप में मनाया जाता है. यह पर्व हर साल वैशाख शुक्ल की सप्तमी तिथि को मनाया जाता है. इस दिन तीर्थ पुरोहित और लाखों श्रद्धालु हरिद्वार आकर बड़े ही उत्साह के साथ गंगा में स्नान कर पूण्य फल की कामना करते हैं.

पंडित मनोज त्रिपाठी (Pandit Manoj Tripathi) ने बताया गंगा आज ही के दिन भगवान विष्णु के धाम से गंगा धरा पर आई थीं. इस दिन गंगा सप्तमी के रूप में मनाता हैं. गंगा के प्रति भाव रखने वालों के लिए आज का दिन बहुत अच्छा दिन हैं. कहा जाता है कि गंगा सप्तमी पर मोक्षदायिनी मां गंगा में डुबकी लगाने से पापों का हरण होता है.

पंडित मनोज त्रिपाठी से जानिए गंगा सप्तमी का महत्व.

गंगा स्नान से होती है यश-सम्मान की प्राप्ति: गंगा सप्तमी के दिन गंगा पूजन ओर स्नान से यश-सम्मान की प्राप्ति होती है. मां गंगा अपने पवित्र जल से तीनों तीनों लोकों को तृप्त करती हैं. इसीलिए श्रद्धालु मां गंगा में आस्था की डुबकी लगाने के लिए हरिद्वार आते हैं. श्रद्धालुओं का कहना है कि आज के दिन मा गंगा में डुबकी लगाने से पुण्य की प्राप्ति होती है.
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सीएम धामी ने की मां गंगा की पूजा अर्चना: गंगा सप्तमी 2022 के अवसर पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) हरिद्वार पहुंचे. उन्होंने विश्व प्रसिद्ध हर की पौड़ी पर पूरे विधि विधान से मां गंगा की पूजा अर्चना की और गंगा महोत्सव का आगाज किया. इस बार श्री गंगा सभा पहली बार मां गंगा के अवतरण दिवस को गंगा महोत्सव के रूप में मना रही है, जिसकी शुरुआत मुख्यमंत्री ने गंगा की पूजा अर्चना करके की गई है. कल यानी 9 मई को हर की पौड़ी पर गंगा सभा द्वारा भजन संध्या का आयोजन भी किया जाएगा, जिसके लिए प्रसिद्ध भजन गायक कन्हैया मित्तल को बुलाया गया है.

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