हल्द्वानी: कुमाऊं के सबसे बड़े हल्द्वानी नगर निगम सीट भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के लिए नाक का सवाल बन गई है. भारतीय जनता पार्टी ने गजराज बिष्ट को मैदान में उतारा है तो वही कांग्रेस ने ललित जोशी को टिकट दिया है. ऐसे में हल्द्वानी नगर निगम मेयर पद पर मुकाबला दिलचस्प हो गया है. कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी जनसंपर्क और जनसभाओं के माध्यम से वोटरों को लुभाने में लगे हुए हैं. सपा प्रत्याशी शोएब अहमद द्वारा नामांकन वापस लिए जाने के बाद कांग्रेस अब अपने आप को मजबूत स्थिति में मान रही है.
अजय भट्ट ने जनसंपर्क किया तेज: गौर हो कि हल्द्वानी में 40 हजार से अधिक मुस्लिम मतदाता है. इस बार नगर निगम मेयर पद पर कोई भी मुस्लिम प्रत्याशी के नहीं होने से वोटों के ध्रुवीकरण होने की आशंका जताई जा रही है. भारतीय जनता पार्टी इस सीट को जीतने के लिए अपने स्टार प्रचारकों को मैदान में उतार दिया है. भारतीय जनता पार्टी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और नैनीताल सांसद अजय भट्ट को हल्द्वानी सीट की जिम्मेदारी दी है. ऐसे में अजय भट्ट जगह-जगह जनसभा और जनसंपर्क अभियान के तहत लोगों से भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में मतदान करने की अपील कर रहे हैं.
पीएम मोदी ने हल्द्वानी को दी सौगात: अजय भट्ट ने दावा किया है कि भाजपा प्रत्याशी गजराज बिष्ट की जीत सुनिश्चित है. इसके अलावा उत्तराखंड के सभी नगर निकाय सीटों पर भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी जीतने जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य में भाजपा की सरकार है. ऐसे में अगर भारतीय जनता पार्टी का मेयर बनता है तो निश्चित ही हल्द्वानी का विकास होगा. उन्होंने कहा कि पिछले 10 सालों से हल्द्वानी में भारतीय जनता पार्टी का मेयर रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले वर्ष 22 सौ करोड़ की हल्द्वानी को विकास कार्यों के लिए सौगात दी है. जिसका नतीजा है कि आज हल्द्वानी में विकास कार्य तेजी से हो रहे हैं.
बीजेपी प्रत्याशी की जीत से आगे बढ़ेंगे विकास कार्य: उन्होंने कहा कि अगर फिर से भारतीय जनता पार्टी के मेयर बनता है तो हल्द्वानी शहर का कायाकल्प होगा. हल्द्वानी में सपा प्रत्याशी शोएब अहमद द्वारा नामांकन वापस लिए जाने सवाल पर उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी जाति धर्म का आधार पर चुनाव नहीं लड़ती है. विपक्ष के लोग केवल जाति धर्म के आधार पर वोट मांगते हैं. कांग्रेस द्वारा चुनाव में जमरानी बांध का मुद्दा उठाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि पहली बार वह जब सांसद बने तो सबसे पहले उन्होंने सदन में कुमाऊं मंडल की बहुप्रतीक्षित जमरानी बांध योजना को उठाया था.
जमरानी बांध परियोजना का कार्य शुरू: जमरानी बांध परियोजना पूरी तरह से खत्म हो चुकी थी और इसकी फाइल भी बंद हो गई थी. लेकिन प्रधानमंत्री के प्रयासों से जमरानी बांध परियोजना का काम शुरू हो चुका है. अजय भट्ट ने प्रदेश के सभी 11 नगर निगम सीट पर जीत का दावा किया है. उन्होंने कहा है कि उत्तराखंड के जनता को फिर से कमल के फूल पर विश्वास जताएगी.
पढ़ें-निकाय चुनाव: रामनगर में बागियों ने बढ़ाई पार्टी प्रत्याशियों की टेंशन, बिगाड़ सकते हैं समीकरण