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धर्मनगरी में जुटे देशभर के किसान, समस्याओं के निस्तारण को लेकर कई प्रस्ताव होंगे पेश

हरिद्वार में किसान के हित के लिए भाकियू अधिवेशन में कई प्रस्ताव पास करेंगी. साथ ही किसान यूनियन ने चेतावनी देते हुए बताया कि यदि सरकार उस पर ध्यान नहीं देती है तो हम आंदोलन करने को बाध्य हो जाएंगे.

धर्मनगरी में जुटे देशभर के किसान.
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Published : Jun 12, 2019, 11:21 AM IST

हरिद्वार: किसान समस्या को लेकर कई प्रदेशों के किसानों का राष्ट्रीय अधिवेशन हरिद्वार में चल रहा है. इस अधिवेशन के माध्यम से किसान भाकियू अम्बावत के बैनर तले कई प्रस्ताव पास करेंगे. साथ ही इन प्रस्तावों को भारत सरकार को सौंपा जाएगा. प्रस्ताव को लेकर सरकार पर दबाव बनाने की रणनीति भी इस अधिवेशन में तैयार की जा रही है. वहीं, इस अधिवेशन का उद्देश्य किसान की समस्याओं का निराकरण करना है.

धर्मनगरी में जुटे देशभर के किसान.
भारतीय किसान यूनियन अम्बावत के बैनर तले देशभर के किसान अपनी समस्या के निवारण के लिए 3 दिवसीय किसान राष्ट्रीय अधिवेशन में पहुंचे हैं.

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी ऋषिपाल अम्बावत ने बताया कि सभी राज्यों में किसानों की अलग-अलग परेशानी है. उस हिसाब से ही अधिवेशन में निर्णय लिया जाएगा, किसानों की भूमि अधिग्रहण, कर्ज माफी के साथ ही लगातार सामने आ रहे आत्महत्या जैसे मामलों पर रणनीति बनाई जाएगी.

ये भी पढ़ें: दूनवासी भी उठा सकते हैं काफल का लुत्फ, ये नहीं खाया तो क्या खाया

वहीं, चौधरी ऋषिपाल अम्बावत ने बताया कि सरकार किसी की भी रही हो, लेकिन सरकार ने किसानों के हित के लिए कुछ भी नहीं किया है. हम इस अधिवेशन में जो भी प्रस्ताव पास करेंगे, यदि सरकार उस पर ध्यान नहीं देती है तो हम आंदोलन करने को बाध्य हो जाएंगे. साथ ही किसानों की समस्या को लेकर सड़कों पर भी उतरेंगे.

हरिद्वार: किसान समस्या को लेकर कई प्रदेशों के किसानों का राष्ट्रीय अधिवेशन हरिद्वार में चल रहा है. इस अधिवेशन के माध्यम से किसान भाकियू अम्बावत के बैनर तले कई प्रस्ताव पास करेंगे. साथ ही इन प्रस्तावों को भारत सरकार को सौंपा जाएगा. प्रस्ताव को लेकर सरकार पर दबाव बनाने की रणनीति भी इस अधिवेशन में तैयार की जा रही है. वहीं, इस अधिवेशन का उद्देश्य किसान की समस्याओं का निराकरण करना है.

धर्मनगरी में जुटे देशभर के किसान.
भारतीय किसान यूनियन अम्बावत के बैनर तले देशभर के किसान अपनी समस्या के निवारण के लिए 3 दिवसीय किसान राष्ट्रीय अधिवेशन में पहुंचे हैं.

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी ऋषिपाल अम्बावत ने बताया कि सभी राज्यों में किसानों की अलग-अलग परेशानी है. उस हिसाब से ही अधिवेशन में निर्णय लिया जाएगा, किसानों की भूमि अधिग्रहण, कर्ज माफी के साथ ही लगातार सामने आ रहे आत्महत्या जैसे मामलों पर रणनीति बनाई जाएगी.

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वहीं, चौधरी ऋषिपाल अम्बावत ने बताया कि सरकार किसी की भी रही हो, लेकिन सरकार ने किसानों के हित के लिए कुछ भी नहीं किया है. हम इस अधिवेशन में जो भी प्रस्ताव पास करेंगे, यदि सरकार उस पर ध्यान नहीं देती है तो हम आंदोलन करने को बाध्य हो जाएंगे. साथ ही किसानों की समस्या को लेकर सड़कों पर भी उतरेंगे.

Intro:फीड लाइव व्यू से भेजी गई है

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देश में किसी भी पार्टी की सरकार रही हो मगर आज भी किसान अपनी समस्या से दो-चार हो रहे हैं इसी को लेकर देश के कई प्रदेशों के किसानों का राष्ट्रीय अधिवेशन हरिद्वार में चल रहा है और इस अधिवेशन के माध्यम से किसान अपनी हर समस्या भारतीय किसान यूनियन अम्बावत के बैनर तले कई प्रस्ताव भी पास करेंगे और इस प्रस्ताव को भारत सरकार को सौंपा जाएगा इस अधिवेशन में किसानों से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दे है जो चर्चा के बाद पूर्ण बहुमत से पास किए जाएगी और इस प्रस्ताव को जल्द से जल्द सरकार पूरा करें इसको लेकर सरकार पर दबाव बनाने की रणनीति भी इस अधिवेशन में तैयार की जा रही है साथ ही अगर सरकार किसानों की समस्याओं की अनदेखी करती है तो किसान अब आर-पार की लड़ाई लड़ने के मूड में नजर आ रहे हैं


Body:भारतीय किसान यूनियन अम्बावत के बैनर तले देशभर के किसानों की विभिन्न समस्याओं के निवारण के लिए तीन दिवसीय किसान राष्ट्रीय अधिवेशन का आज हरिद्वार स्थित अलकनंदा मैदान में दूसरा दिन है किसानों के राष्ट्रीय अधिवेशन में भारत के विभिन्न राज्यों से किसान भारी संख्या में हिस्सा लेने पहुंचे हैं चौधरी ऋषिपाल अम्बावत की अध्यक्षता में इस अधिवेशन का आयोजन किया गया है भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी ऋषिपाल अम्बावत का कहना है कि सभी राज्यों में किसानों की अलग-अलग परेशानी है उस हिसाब से ही निर्णय इस अधिवेशन में लिया जाएगा किसानों की भूमि अधिग्रहण को लेकर भी आंदोलन की रणनीति बनाई जाएगी किसानों का कर्ज माफ और किसान की लगातार आत्महत्या को लेकर भी निर्णय इस अधिवेशन में लिया जाएगा चौधरी ऋषिपाल अम्बावत का कहना है कि सरकार किसी की भी रही हो मगर किसी की सरकार ने किसानों के लिए कुछ नहीं किया है हम इस अधिवेशन में जो भी प्रस्ताव पास करेंगे अगर सरकार उस पर ध्यान नहीं देती है तो हम आंदोलन करने को बाध्य हो जाएंगे और किसानों की समस्या को लेकर सड़कों पर भी उतरेंगे

बाइट--चौधरी ऋषिपाल अम्बावत--भारतीय किसान यूनियन अम्बावत


Conclusion:किसान हमेशा ही अपनी समस्याओं को लेकर परेशान रहता है और सरकार किसी भी पार्टी की रही हो वह किसानों को लोभ लुभाने वादे ही करती है मगर किसानों की समस्याएं इससे दूर नहीं होती है अब देखना होगा इस अधिवेशन में किन-किन प्रस्ताव पर मुहर लगती है और यह प्रस्ताव सरकार के पास पहुंचने पर सरकार इनपर कितना ध्यान देती है यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा मगर अब किसान आर-पार की लड़ाई लड़ने के मूड में है क्योंकि किसान अब बहुत ही त्रस्त हो गया है
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