रुड़की: किसानों की समस्याओं को देखते हुए भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) तीन दिन तक मंथन करेगा. इस 3 दिवसीय किसान महाकुंभ में देशभर के किसान हरिद्वार में जुटेंगे और अपने हक की लड़ाई लड़ेंगे. साथ ही सरकार से जवाब भी मांगेंगे.
आज प्रशासनिक भवन में प्रेसवार्ता के दौरान भाकियू पदाधिकारियों ने किसानों की समस्याओं सहित तमाम तैयारियों को लेकर चर्चा की. भारतीय किसान यूनियन के गढ़वाल मंडल अध्यक्ष संजय चौधरी और जिलाध्यक्ष विजय शास्त्री ने किसानों की अनदेखी का आरोप लगाया. साथ ही कहा कि सांसद और अधिकारियों की तरह सरकार को किसान मूल्य का गठन करना चाहिए. 6 हजार सालाना देने से किसानों का भला नहीं होने वाला है. भाकियू ने किसान आयोग बनाए जाने की मांग की है.
बता दें कि धर्मनगरी में होने जा रहे भारतीय किसान यूनियन का किसान महाकुंभ 16, 17, 18 जून को आयोजित किया जाएगा. इस आयोजन में लाखों किसान शिरकत करेंगे. मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, यूपी, हिमाचल और उत्तराखंड से भारी संख्या में किसानों के पहुंचने की उम्मीद है.
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किसान नेताओं ने बताया कि आज तक देश की सभी सरकारें किसानों का शोषण करती आई हैं. सरकार के पास सातवें वेतन आयोग देने के लिए बजट है, लेकिन किसानों को देने के लिए कुछ नहीं है. इसको लेकर किसान अब आंदोलन करने से भी पीछे नहीं हटेगा. किसान नेताओं ने कहा कि किसानों के हक के लिये बड़ी से बड़ी लड़ाई लड़ने के लिए वे तैयार हैं.
किसान नेताओं ने किसान आयोग बनाए जाने की भी मांग की. उन्होंने कहा कि जल्द से जल्द किसानों के लिए सरकार द्वारा लाभकारी योजनाओं को भी शुरू किया जाना चाहिए. सरकार को किसानों का कर्ज भी माफ करना चाहिए. देश का किसान भुखमरी की कगार पर है. वहीं, किसान आत्महत्या कर रहा है. किसान कर्ज के बोझ के नीचे दबा हुआ है, जबकि सरकार किसानों की समस्याओं को अनदेखा कर आंख मूंद कर बैठी हुई है.