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बेसहारा और बेजुबान जानवरों का सहारा बनी कौशल्या देवी, जानवरों को खिलाती हैं खाना

हरिद्वार के कनखल स्थित चेतन देव में कौशल्या देवी नाम की एक बुजुर्ग महिला इलाके के लावारिस जानवरों के लिए किसी भगवान से कम नहीं हैं. वो पिछले 20 सालों से लावारिस जानवरों की सेवा में लगी हैं.

कौशल्या देवी
कौशल्या देवी
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Published : May 9, 2021, 7:20 AM IST

हरिद्वार: आज जब पूरा विश्व कोरोना की मार झेल रहा है. इंसान, इंसानों के काम नहीं आ रहा है, ऐसी विषम परिस्थिति में एक 60 वर्षीय बुजुर्ग महिला ने लावारिस जानवरों की देखरेख की जिम्मेदारी उठा ली है. कौशल्या देवी नाम की इस महिला ने अपने घर के आसपास घूमने वाले कुत्तों का पेट भरने की अनूठी पहल शुरू की है. जिस उम्र में लोगों को खुद खातिरदारी करवानी चाहिए उस उम्र में कौशल्या देवी लावारिस जानवरों को खाना बनाकर खिला रही हैं. इतना ही नहीं उन्होंने घायल कुत्तों के इलाज का बीड़ा भी उठाया है.

कौशल्या देवी

यह है पूरा मामला

धर्मनगरी हरिद्वार के कनखल स्थित चेतन देव की कुटिया में रहने वाली कौशल्या देवी खुद तो अकेली हैं, लेकिन दस से अधिक कुत्तों को पाल रही हैं. इनमें अधिकतर सड़क दुर्घटनाओं की चपेट में आए वो जानवर शामिल हैं जो खाने की तलाश में इधर-उधर भटक नहीं सकते. कौशल्या देवी के पति का पिछले साल निधन हो गया था. तीन बेटियां हैं जो शादीशुदा हैं और उन्हीं लोगों पर कौशल्या देवी के भरण-पोषण की जिम्मेदारी है.

बेटियों से मिलने वाले खर्च को कौशल्या लावारिस कुत्तों के इलाज और उनका पेट भरने में उपयोग करती हैं. उन्होंने कुत्तों के साथ-साथ गायों का भी ख्याल रखना शुरू कर दिया है. लॉकडाउन के कारण दुकानें बंद है जिससे उन्हें काफी समस्या का सामना करना पड़ रहा है. वह कहती हैं कि जानवरों से उनका बेहद लगाव है, उनकी सेवा कर मन को शांति मिलती है.

पढ़ें: उत्तराखंड के इन जिलों में लगा 10 मई तक कर्फ्यू

पिछले 20 साल से कर रही है जानवरों की सेवा

कौशल्या देवी ने बताया कि पिछले 18-20 वर्षों से वह जानवरों की सेवा कर रही है. उन्होंने बताया कि इस मानवीय कार्य को लेकर 4 साल पहले उन पर जानलेवा हमला भी हो चुका है, जिसकी उन्होंने पुलिस से शिकायत भी की थी. उन्होंने लोगों से अपील की है कि इन बेजुबां जानवरों की मदद के लिए आगे आएं और इन्हें भोजन उपलब्ध कराएं.

हरिद्वार: आज जब पूरा विश्व कोरोना की मार झेल रहा है. इंसान, इंसानों के काम नहीं आ रहा है, ऐसी विषम परिस्थिति में एक 60 वर्षीय बुजुर्ग महिला ने लावारिस जानवरों की देखरेख की जिम्मेदारी उठा ली है. कौशल्या देवी नाम की इस महिला ने अपने घर के आसपास घूमने वाले कुत्तों का पेट भरने की अनूठी पहल शुरू की है. जिस उम्र में लोगों को खुद खातिरदारी करवानी चाहिए उस उम्र में कौशल्या देवी लावारिस जानवरों को खाना बनाकर खिला रही हैं. इतना ही नहीं उन्होंने घायल कुत्तों के इलाज का बीड़ा भी उठाया है.

कौशल्या देवी

यह है पूरा मामला

धर्मनगरी हरिद्वार के कनखल स्थित चेतन देव की कुटिया में रहने वाली कौशल्या देवी खुद तो अकेली हैं, लेकिन दस से अधिक कुत्तों को पाल रही हैं. इनमें अधिकतर सड़क दुर्घटनाओं की चपेट में आए वो जानवर शामिल हैं जो खाने की तलाश में इधर-उधर भटक नहीं सकते. कौशल्या देवी के पति का पिछले साल निधन हो गया था. तीन बेटियां हैं जो शादीशुदा हैं और उन्हीं लोगों पर कौशल्या देवी के भरण-पोषण की जिम्मेदारी है.

बेटियों से मिलने वाले खर्च को कौशल्या लावारिस कुत्तों के इलाज और उनका पेट भरने में उपयोग करती हैं. उन्होंने कुत्तों के साथ-साथ गायों का भी ख्याल रखना शुरू कर दिया है. लॉकडाउन के कारण दुकानें बंद है जिससे उन्हें काफी समस्या का सामना करना पड़ रहा है. वह कहती हैं कि जानवरों से उनका बेहद लगाव है, उनकी सेवा कर मन को शांति मिलती है.

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पिछले 20 साल से कर रही है जानवरों की सेवा

कौशल्या देवी ने बताया कि पिछले 18-20 वर्षों से वह जानवरों की सेवा कर रही है. उन्होंने बताया कि इस मानवीय कार्य को लेकर 4 साल पहले उन पर जानलेवा हमला भी हो चुका है, जिसकी उन्होंने पुलिस से शिकायत भी की थी. उन्होंने लोगों से अपील की है कि इन बेजुबां जानवरों की मदद के लिए आगे आएं और इन्हें भोजन उपलब्ध कराएं.

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