हरिद्वार: 4 जुलाई से शुरू हुआ कांवड़ मेला आज समाप्त हो गया है. कावड़ मेले में इस बार 4 करोड़ 7 लाख कावड़िये हरिद्वार पहुंचे. इस बार कावड़ मेला पुलिस प्रशासन और जिला प्रशासन दोनों के लिए चुनौतीपूर्ण रहा. इस बार खराब मौसम के चलते धर्मनगरी हरिद्वार में आने वाले कांवड़ियों के साथ ड्यूटी कर रहे सभी आला अधिकारियों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ा. एक ओर धर्मनगरी हरिद्वार के लक्सर क्षेत्र में आपदा जैसे हालात रहे. वहीं, दूसरी ओर कांवड़ियों के लिए व्यवस्थाएं बनान, दोनों ही पुलिस-प्रशान के लिए काफी चुनौतीपूर्ण रहा.
जल पुलिस की रही मुख्य भूमिका: इस बार भी कांवड़ मेले में जल पुलिस की मुख्य भूमिका में रही. जल पुलिस ने इस बार 64 कांवड़ियों को गंगा में डूबने से बचाया गया. इसकी मॉनिटरिंग खुद हरिद्वार के एसएसपी अजय सिंह द्वारा की जा रही थी. इसमें एसडीआरएफ का भी सहयोग मिला. वहीं इस बार के कांवड़ मेले में पुलिस ने 667 खोये लोगों को उनके परिजनों से मिलाया.
पढ़ें- कांवड़ियों पर चढ़ा मोदी-योगी का 'जादू', 'हिंदू जगाओ रथ' के साथ दे रहे देशभक्ति का संदेश
भगवान भोलेनाथ की शरण में पहुंचे SSP: कांवड़ मेला सकुशल संपन्न होने के बाद हरिद्वार एसएसपी अजय सिंह ने अपनी पूरी टीम के साथ भगवान शिव की ससुराल दक्षेश्वर महादेव मंदिर पहुंचे. जहां उन्होंने देर शाम पूजा-अर्चना की. जानकारी देते हुए हरिद्वार एसएसपी अजय सिंह ने बताया इस बार कावड़ मेला काफी चुनौतीपूर्ण रहा. खराब मौसम के चलते आपदा जैसे हालात थे. अजय सिंह ने बताया हाईवे के दोनों साइड चलाना, कांवड़ पटरी का डाक कावड़ में उपयोग करना सभी निर्णय लाभकारी सिद्ध हुए. कावड़ मेलों के मुताबिक इस बार जाम की स्थिति ना के बराबर रही.