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Joshimath landslide: 66 केवी विद्युत सब स्टेशन पर भी संकट, ग्राउंड जीरो पहुंचे पिटकुल के एमडी

जोशीमठ में उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन (Uttarakhand Power Corporation) के 66 केवी का सब स्टेशन खतरे की जद में आ गया है. पिटकुल के एमडी पीसी ध्यानी (MD PTCUL PC Dhyani) ने तत्काल मौके पर जाकर निरीक्षण किया और स्थिति के बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि केन्द्र और राज्य सरकार से हर संभव मदद मिल रही है.

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Published : Jan 13, 2023, 9:33 AM IST

विद्युत सब स्टेशन पर भी संकट

हल्द्वानी: जोशीमठ में आ रही आपदा (joshimath disaster) में उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन (Uttarakhand Power Corporation) के 66 केवी का सब स्टेशन (electrical substation) भी भू धंसाव की जद में है. स्थलीय निरीक्षण करने के बाद हल्द्वानी पहुंचे पिटकुल के एमडी पीसी ध्यानी (MD Pitkul PC Dhyani) ने बताया कि भविष्य में बिजली संकट उत्पन्न ना हो इसके लिए भी स्थलीय निरीक्षण कर पूरी कार्य योजना बनाई गई है. उन्होंने कहा कि 66 केवी का सब स्टेशन भी डेंजर जोन में आ चुका है. इसके अलावा आपदा को देखते हुए पिटकुल कर्मचारियों ने एक दिन का वेतन देने का निर्णय लिया है. जोशीमठ में विद्युत सुचारू रूप से चलती रहे इसके लिए पूरा विभाग पैनी नजर बनाए हुए है.

उन्होंने कहा कि आपदा के दौरान 66 केवी विद्युत लाइन पर किसी तरह का कोई संकट आता है, तो एनटीपीसी की लाइन से जोड़ने का काम किया जाएगा. इसके अलावा सब स्टेशन को शिफ्ट करने पर भी विचार किया जा रहा है. क्योंकि पिटकुल का 66 केवी का सब स्टेशन भी भू धंसाव के खतरे की जद में आ गया है. आसपास की जमीन धंस रही है. इसके अलावा जोशीमठ शहर और आसपास के गांवों में भू धंसाव की वजह से बिजली आपूर्ति भी खतरे में आ गई है. यूपीसीएल के खंभे और लाइनें कभी भी धराशायी हो सकती हैं.
पढ़ें-विद्युत कटौती से पूर्व मंत्री अरविंद पांडेय हुए नाराज, अधिकारियों को दिए निर्देश

चीफ इंजीनियर गढ़वाल को अग्रिम आदेशों तक जोशीमठ में ही कैंप करने को कहा गया है. साथ ही निर्माणाधीन परियोजनाओं, लाइनों, टावरों और सब स्टेशनों पर प्रभाव की समीक्षा कर रिपोर्ट एमडी को देंगे. गौरतलब है कि जोशीमठ में आई आपदा के चलते 700 से अधिक घरों में दरार आ चुकी है. इसके अलावा कई सरकारी संस्थान भी आपदा के चपेट में आ चुके हैं. लोगों को विस्थापित करने का काम किया जा रहा है. शासन प्रशासन आपदा पीड़ितों को सुरक्षित स्थान तक पहुंचाने और उनकी देखभाल के लिए व्यवस्थाएं में जुटा हुआ है. किसी तरह की जान माल की कोई क्षति न पहुंचे, इसके लिए क्षतिग्रस्त भवनों को चिन्हित कर उन को तोड़ने की कार्रवाई भी शुरू हो गई है.
पढ़ें-उत्तराखंड भू धंसाव: रात में रैन बसेरों में रहने को मजबूर जोशीमठ के लोग, कल सीएम धामी करेंगे दौरा

उत्तराखंड सरकार और प्रशासनिक अमले के अलावा केंद्र सरकार इस आपदा पर पूरी तरह से निगाह बनाए हुए है. केंद्र सरकार द्वारा आपदा पीड़ितों को हरसंभव मदद पहुंचाने का काम भी किया जा रहा है. राज्य सरकार ने भी आपदा पीड़ितों को त्वरित सहायता के तौर पर एक लाख 50 हजार रुपए देने का काम किया है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) भी आपदा पीड़ितों का हालचाल जानने के लिए ग्राउंड जीरो पर उतर कर उनसे मुलाकात कर उनको हर संभव मदद पहुंचाने का आश्वासन भी दे रहे हैं.

विद्युत सब स्टेशन पर भी संकट

हल्द्वानी: जोशीमठ में आ रही आपदा (joshimath disaster) में उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन (Uttarakhand Power Corporation) के 66 केवी का सब स्टेशन (electrical substation) भी भू धंसाव की जद में है. स्थलीय निरीक्षण करने के बाद हल्द्वानी पहुंचे पिटकुल के एमडी पीसी ध्यानी (MD Pitkul PC Dhyani) ने बताया कि भविष्य में बिजली संकट उत्पन्न ना हो इसके लिए भी स्थलीय निरीक्षण कर पूरी कार्य योजना बनाई गई है. उन्होंने कहा कि 66 केवी का सब स्टेशन भी डेंजर जोन में आ चुका है. इसके अलावा आपदा को देखते हुए पिटकुल कर्मचारियों ने एक दिन का वेतन देने का निर्णय लिया है. जोशीमठ में विद्युत सुचारू रूप से चलती रहे इसके लिए पूरा विभाग पैनी नजर बनाए हुए है.

उन्होंने कहा कि आपदा के दौरान 66 केवी विद्युत लाइन पर किसी तरह का कोई संकट आता है, तो एनटीपीसी की लाइन से जोड़ने का काम किया जाएगा. इसके अलावा सब स्टेशन को शिफ्ट करने पर भी विचार किया जा रहा है. क्योंकि पिटकुल का 66 केवी का सब स्टेशन भी भू धंसाव के खतरे की जद में आ गया है. आसपास की जमीन धंस रही है. इसके अलावा जोशीमठ शहर और आसपास के गांवों में भू धंसाव की वजह से बिजली आपूर्ति भी खतरे में आ गई है. यूपीसीएल के खंभे और लाइनें कभी भी धराशायी हो सकती हैं.
पढ़ें-विद्युत कटौती से पूर्व मंत्री अरविंद पांडेय हुए नाराज, अधिकारियों को दिए निर्देश

चीफ इंजीनियर गढ़वाल को अग्रिम आदेशों तक जोशीमठ में ही कैंप करने को कहा गया है. साथ ही निर्माणाधीन परियोजनाओं, लाइनों, टावरों और सब स्टेशनों पर प्रभाव की समीक्षा कर रिपोर्ट एमडी को देंगे. गौरतलब है कि जोशीमठ में आई आपदा के चलते 700 से अधिक घरों में दरार आ चुकी है. इसके अलावा कई सरकारी संस्थान भी आपदा के चपेट में आ चुके हैं. लोगों को विस्थापित करने का काम किया जा रहा है. शासन प्रशासन आपदा पीड़ितों को सुरक्षित स्थान तक पहुंचाने और उनकी देखभाल के लिए व्यवस्थाएं में जुटा हुआ है. किसी तरह की जान माल की कोई क्षति न पहुंचे, इसके लिए क्षतिग्रस्त भवनों को चिन्हित कर उन को तोड़ने की कार्रवाई भी शुरू हो गई है.
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उत्तराखंड सरकार और प्रशासनिक अमले के अलावा केंद्र सरकार इस आपदा पर पूरी तरह से निगाह बनाए हुए है. केंद्र सरकार द्वारा आपदा पीड़ितों को हरसंभव मदद पहुंचाने का काम भी किया जा रहा है. राज्य सरकार ने भी आपदा पीड़ितों को त्वरित सहायता के तौर पर एक लाख 50 हजार रुपए देने का काम किया है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) भी आपदा पीड़ितों का हालचाल जानने के लिए ग्राउंड जीरो पर उतर कर उनसे मुलाकात कर उनको हर संभव मदद पहुंचाने का आश्वासन भी दे रहे हैं.

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