हरिद्वार: धर्मनगरी में भाजपा नेता व गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय हरिद्वार के पूर्व छात्र नेता अमरदीप चौधरी की हत्या में भले ही पुलिस ने खुलासा कर आरोपियों को जेल भेज दिया हो, लेकिन बावजूद इसके लोगों का गुस्सा थमने का नाम नहीं ले रहा है. जाट महासभा की ओर से अमरदीप के कातिलों के साथ उनके परिवार का हुक्का पानी बंद करने व बिरादरी से बाहर करने का निर्णय लिया गया है.
दरअसल, अमरदीप चौधरी की तेरहवीं के दिन जाट महासभा हरिद्वार भी उनके घर पहुंची थी. इस दौरान जाट महासभा के अध्यक्ष धर्मेंद्र चौधरी ने बताया कि अमरदीप की तेरहवीं के दिन सामूहिक रूप से निर्णय लिया गया है कि अमरदीप के कातिलों व उनके परिवार से कोई भी बिरादरी का सदस्य संबंध नहीं रखेगा. न ही उनकी किसी भी तरह की मदद करेगा.
इसके साथ ही यदि कोई बिरादरी का व्यक्ति आरोपियों के परिवार से संबंध रखता हुआ पाया जाता है, तो उसे भी बिरादरी से बाहर कर दिया जाएगा. धर्मेंद्र चौधरी ने कहा कि जाट समुदाय में बिरादरी में हुक्का पानी बंद करना ही सबसे बड़ी सजा होती है, इसलिए सभी ने मिलकर ये निर्णय लिया है.
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युवाओं ने निकाला कैंडल मार्चः वहीं, हरिद्वार के युवाओं ने मिलकर हरिद्वार के जगदीशपुर क्षेत्र से रानीपुर मोड़ तक अमरदीप चौधरी के लिए एक कैंडल मार्च निकाला और आरोपियों को फांसी की सजा देने की मांग की. इस दौरान अमरदीप के दोस्त अनुज गर्ग ने बताया कि वो प्रशासन से मांग करते हैं कि अमरदीप के आरोपियों को सख्त से सख्त सजा मिले, क्योंकि धर्मनगरी एक क्राइम कैपिटल बन रही है, इस पर भी प्रशासन को रोक लगानी चाहिए.
जानें अमरदीप चौधरी हत्याकांडः रविवार 5 फरवरी 2023 की आधी रात को कनखल थाना क्षेत्र में गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय हरिद्वार के पूर्व छात्र नेता अमरदीप चौधरी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. प्रॉपर्टी डीलिंग में अमरदीप के साझेदार राजकुमार मलिक और उसके दो बेटों ने मिलकर ये हत्या की थी. अमरदीप के भाई और उसके एक दोस्त को भी गोलियां मारी गई थीं.
अमरदीप चौधरी इनदिनों वकालत की पढ़ाई कर रहा था. साथ ही वो जगजीतपुर कनखल में प्रॉपर्टी डीलिंग का भी काम किया करता था. इसी दौरान उसने प्रॉपर्टी डीलिंग के काम में राजकुमार मलिक (निवासी निकट ओलिविया स्कूल जगजीतपुर कनखल) के साथ साझेदारी की थी. पिछले कुछ समय से दोनों के बीच पैसों के लेनदेन को लेकर विवाद चल रहा था.
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इसी बीच शनिवार (4 फरवरी) देर रात राजकुमार मलिक ने अमरदीप को पैसे लौटाने के लिए अपने घर पर बुलाया था. अमरदीप के साथ उसका दोस्त सोनू राठी भी राजकुमार के घर गया था. इसके बाद अमरदीप को राजकुमार अपने साथ कमरे में अंदर ले गया. कमरे में उन दोनों के अलावा राजकुमार के दोनों बेटे- हर्षदीप, मनदीप और दो अज्ञात लोग भी थे. इस दौरान अंदर कमरे में इन लोगों ने शराब पी. इस पूरे समय अमरदीप का दोस्त सोनू राठी बाहर की तरफ बैठा रहा.
कमरे में उनके बीच पैसों को लेकर फिर विवाद हो गया. राजकुमार अमरदीप से प्रॉपर्टी डीलिंग में कमाई गई रकम का कुछ हिस्सा मांग रहा था जबकि अमरदीप उसे केवल 50 हजार देने की बात कर रहा था. कहासुनी के बीच राजकुमार ने अपने दोनों लड़कों के साथ अमरदीप की कमर में गोली मार दी. गोली की आवाज सुनते ही सोनू वहां पहुंचा तो उस पर भी फायरिंग कर दी. इस दौरान तीनों ने सिर से सटा कर फिर दो गोलियां मारीं, जिससे अमरदीप की मौके पर ही मौत हो गई.
वहां से किसी तरह भागे सोनू ने इसकी सूचना अमरदीप के भाई बादल को दी. बादल वहां पहुंचा तो राजकुमार और उसके बेटों ने बादल पर भी गोली चला दी. बादल की कमर में गोली लगी. इस दौरान कनखल पुलिस को सूचना दे दी गई थी. पुलिस जब तक मौके पर पहुंची तो राजकुमार फरार हो गया, लेकिन उसके दोनों बेटों को पकड़ लिया गया.
हालांकि, 24 घंटे के अंदर ही पुलिस ने राजकुमार को भी गिरफ्तार कर लिया. जांच के दौरान सामने आया कि कुछ समय पहले एक जमीन की खरीद-ब्रिकी के लिए राजकुमार को कमीशन के रूप में करीब 7 लाख रुपए मिलना था, जो कई बार कहने पर भी अमरदीप चौहान ने राजकुमार मलिक को नहीं दिया. हिसाब-किताब करने के लिए राजकुमार ने अमरदीप को अपने घर बुलाया था, जहां दोनों के बीच कहासुनी हो गई और राजकुमार ने अमरदीप को गोली मार दी.